राष्ट्रीय

जिस दिन कश्मीर में गिरेगी ‘काली बर्फ’, थाम लूंगा भाजपा का दामन- बोले गुलाम नबी आजाद

नई दिल्ली, 12 फरवरी। कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई होने के बाद तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के राज्यसभा में अंतिम दिन सदन से विदाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद को अपना अच्छा दोस्त बताते हुए जमकर तारीफ की थी। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि गुलाम नबी आजाद भाजपा का दामन थाम सकते हैं, इन कयासों पर विराम लगाते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी, उस दिन मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल होऊंगा।

गुलाम नबी आजाद ने एक मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने संबंधों से लेकर भाजपा का थामने तक कई मुद्दों पर खुलकर बात की। जब गुलाम  नबी आजाद से भाजपा में शामिल होने को लेकर पूछा गया, इस पर  उन्होंने कहा कि जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी, उस दिन मैं भाजपा का दामन थाम लूंगा। भाजपा ही क्यों उस दिन मैं किसी भी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाऊंगा।

टीवी डिबेट लड़ते थे मोदी और गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्तों को लेकर कहा कि हम दोनों एक-दूसरे को 90 के दशक से जानते हैं। हम दोनों महासचिव थे और हम विभिन्न विचारों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीवी डिबेट में शामिल होते थे। हम डिबेट के दौरान एक-दूसरे से जमकर लड़ते थे, लेकिन जिस दिन हम लोग जल्दी पहुंच जाते थे, उस दिन एक साथ बैठकर चाय पीते थे और आपस में लंबी बातें किया करते थे। उसके बाद हम एक-दूसरे को मुख्यमंत्रियों के रूप में जाने थे। फिर प्रधानमंत्री की बैठकों में, गृह मंत्री की बैठकों में, तब वे मुख्यमंत्री  थे और मैं स्वास्थ्य मंत्री था और हम हर 10-15 दिन में अलग-अलग मुद्दों पर बोलते थे। इस तरह हमारी एक-दूसरे से पहचान और रिश्ते बेहद पुराने हैं।

14 साल पीछे चला गया था …
जब गुलाम नबी आजाद से राज्यसभा में उनके और पीएम मोदी के रोने का पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हम एक-दूसरे को जानते थे, इसलिए नहीं रो रहे थे। हम रो रहे थे कश्मीर 2006 में गुजराती पर्यटकों की बस पर हुए हमले को लेकर याद कर। जब पीएम मोदी उस घटना का जिक्र कर रहे थे, तो मुझे लगा कि मैं 14 साल पहले उस पल में वापस आ गया था, जब हमला हुआ था… और मैं उस हमले से जुड़ी कहानी को पूरा नहीं कर पाया, खुद को भावुक होने से रोक नहीं पाया।

पीएम के रोने को लोग दिखावा कह सकते हैं, मैं नहीं : आजाद
कांग्रेसी नेता शशि थरूर के प्रधानमंत्री मोदी के राज्यसभा में भावुक होने को लेकर दिखावे वाली परफॉर्मेंस बताए जाने पर गुलाम नबी ने कहा, अधिकांश लोग पृष्ठभूमि को नहीं जानते हैं। बहुत से लोगों ने सोचा होगा कि प्रधानमंत्री दिखावा कर रहे हैं क्योंकि एक कांग्रेसी नेता जा रहा है, तो उन्हें परेशान होने की क्या जरूरत है। लेकिन उन्होंने मेरे लिए जो शब्द कहे वो उनकी भावना थी, जो राजनीति से अलग एक इंसान के तौर पर थी। उन्होंने कहा कि पीएम के रोने को लोग दिखावा कह सकते हैं, लेकिन मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button