राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में SECL अधिकारियों के साथ बैठक सम्पन्न, भूस्खलन से प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर अहम चर्चा
रायपुर, 4 फरवरी। प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अध्यक्षता में आज बिलासपुर में जन प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं एस.ई.सी.एल. के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई थी। बैठक का मुख्य एजेण्डा एस.ई.सी.एल. की चिरमिरी कोयला खदान क्षेत्र अन्तर्गत शासन द्वारा आवंटित भूमि पर विगत दिनों भू-स्खलन के परिणाम स्वरूप करीब 40 रहवासियों के मकानों के क्षतिग्रस्त होने से जुड़ा हुआ था। राजस्व मंत्री ने कहा कि इस विषय पर मनेन्द्रगढ़ विधायक डाॅ. विनय जायसवाल द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान चर्चा की गई थी जिस पर राजस्व मंत्री ने आश्वासवन दिया था कि सर्व संबंधितों के साथ इस विषय पर बैठक आयोजित की जाए और आज की बैठक उसी कड़ी का हिस्सा है। बैठक में क्षेत्रीय सांसद श्रीमती ज्योेत्सना महन्त, स्थानीय विधायक डाॅ.विनय जायसवाल, राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य, कमिश्नर सरगुजा, कलेक्टर कोरिया, एस.ई.सी.एल. के सी.एम.डी. पाण्डा, डायरेक्टर टेक्निकल और डायरेक्टर पर्सनल शामिल हुए।
बैठक में उपस्थित सदस्यों को निर्देशित करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि विगत दिनों एस.ई.सी.एल. के चिरमिरी क्षेत्र में भूस्खलन होने के कारण महुआ और दफाई में 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। तत्काल सहायता पहुंचाने की दृष्टि से राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त 40 मकानों के निवासियों के लिए एक महीने तक आवास व भोजन की व्यवस्था की गई। एस.ई.सी.एल. के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि एक महीने के भीतर क्षतिग्रस्त मकानों को मरम्मत कर रहने के लिए उन्हें वापस सौंपने का निर्णय आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लिया गया।
इस संबंध में राजस्व मंत्री ने निर्देश दिया है कि कलेक्टर कोरिया की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए जिसमें चिरमिरी – मनेन्द्रगढ़ विधायक, एस.ई.सी.एल. के महाप्रबंधक, संपदा अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। समिति द्वारा अपना विस्तृत प्रतिवेदन जून महीने तक सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें इस बात को उल्लेख होगा कि एस.ई.सी.एल. को कौन-कौन सी जमीन कब-कब किस प्रयोजन हेतु उपलब्ध करवाई गई है। इस रिपोर्ट में इस बात का विशेष उल्लेख होना चाहिए कि कौन सी जमीन वन विभाग की अथवा नजूल की और कौन सी भूमि कोल वियरिंग की है।
राजस्व मंत्री एस.ई.सी.एल. अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि यथावश्यकता वे अपने मंत्रालय से इस बात की मंजूरी प्राप्त कर लें कि जो भूमि एस.ई.सी.एल. को आवंटित तो है परन्तु उनके द्वारा उसका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है, अतएव ऐसी जमीनों को चिन्हांकित कर किसानों को वापस करने के लिए राजस्व विभाग को सूचित करें। राजस्व मंत्री ने एस.ई.सी.एल. अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि कोरबा में अन्य प्रतिष्ठानों द्वारा आम नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में अनेक कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें एस.ई.सी.एल. द्वारा कोरबा में 4 डायलिसिस मशीनें लगाई जाएंगी। जन हित के कार्यों को सर्वोपरि पर रखते हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने एस.ई.सी.एल. अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर निर्देशित करते हुए कहा कि कोरिया जिला में भी 2 डायलिसिस मशीनें व एक सी.टी. स्कैन मशीन की स्थापना कराई जाए और कोरबा के लिए एक एम.आर.आई मशीन भी एस.ई.सी.एल. द्वारा उपलब्ध कराया जाय।
राजस्व मंत्री ने एस.ई.सी.एल. अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि स्थानीय समस्याओं से जुड़े मामलों जैसे टैक्स अथवा अन्य विषयों पर कोरिया कलेक्टर की अध्यक्षता में स्थानीय पालिका के अधिकारियों के साथ बैठक कर समाधान करें।