काली स्याह के बीच उम्मीद की यह तस्वीर…12 दिनों में पहली बार ट्रायज एरिया में सुकून से बैठे कोरोना वारियर
दुर्ग, 24 अप्रैल। यह तस्वीर अप्रैल महीने की सबसे सकारात्मक तस्वीर है। इस तस्वीर में 12 दिनों में पहली बार सीसीटीवी कैमरे में हेल्थ स्टाफ को बैठे देखा जा सकता है। इसके साथ ही पेशेंट्स भी आराम कर रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि 2:30 बजे दोपहर से 3 बजे के बीच कोई भी पेशेंट टॉयज में नहीं आया। इसके पहले लगातार 12 दिन डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ मरीजों की खातिर जुटे रहे। यह कोरोना वायरस की सबसे बड़ी सेवा थी जिसके बूते बहुत सारे मरीज चंदूलाल चंद्राकर कोविड हॉस्पिटल से स्वस्थ होकर गए हैं।
इसकी मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी नायब तहसीलदार सत्येंद्र शुक्ला ने बताया कि ट्रायज सहित कोविड वार्ड की स्थिति की सतत मॉनिटरिंग सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से होती है। 12 दिनों में पहली बार मैंने पाया कि मरीज सो रहे हैं और ट्रायज एरिया में हेल्थ स्टाफ पहली बार सुकून से बैठा है। यह इस बात का संकेत है कि कोरोनावरियर्स ने बड़ी मेहनत की है और कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिल रही है। यह तस्वीर संकेत करती है कि दुर्ग जिला कोरोना से रिकवरी की राह में दिख रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा लगातार इस बारे में होम आइसोलेशन कंट्रोल सेंटर के माध्यम से तथा प्रचार माध्यमों के माध्यम से अपील की गई कि ऑक्सीजन लेवल 94 के नीचे आते ही तुरंत हॉस्पिटल में मरीज को लाना सुनिश्चित करें। मरीजों को समय पर लाने पर इनका उचित इलाज संभव हुआ और बहुत से मरीज रिकवर होकर घर गए हैं। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने लगातार कोविड हॉस्पिटल में सुविधाओं की मॉनिटरिंग की और ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के निर्देश दिए। ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता सुनिश्चित होने से बहुत सारे मरीजों को संजीवनी मिली। इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कलेक्टर अरुण वर्मा ने बताया कि 12 दिनों में पहली बार यह दृश्य देखने मिला है कि ट्राइज एरिया में कोई भी मरीज नहीं देखा गया। उन्होंने बताया कि सही समय पर ऑक्सीजन की जरूरत के मुताबिक अस्पताल लाने पर बहुत से मरीज रिकवर हो गए। इसके पीछे कोरोनावरियर्स की बड़ी मेहनत रही जो रात दिन मरीजों की सेवा में लगे रहे और पहली बार ऐसा दृश्य हमने देखा कि 1 घंटे वे ट्रायज एरिया में बैठ पाए। यह अद्भुत दृश्य था और इससे लगा कि जिले में रिकवरी के लिए अच्छे संकेत मिल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 209 कोरोना वारियर लगातार मरीजों की सेवा में लगे हैं। अस्पताल के नोडल अधिकारी नगर निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के मार्गदर्शन में कार्य हो रहा है और मेडिकल सुपरविजन का कार्य डॉ. अनिल शुक्ला देख रहे हैं।