कोरोना संकट के बीच अमेरिका से भारत पहुंचा चिकित्सा उपकरणों का जखीरा
नई दिल्ली, 1 मई। कोविड महामारी से पैदा हुए संकट काल में देश की मदद के लिए अमेरिका सबसे बड़ा मददगार बनकर उभरा है। शुक्रवार को अमेरिकी सेना के दो मालवाही विमान बड़ी संख्या में चिकित्सा उपकरण लेकर दिल्ली पहुंचे। राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई वार्ता के बाद अमेरिका ने यह सामग्री भारत भेजी है। इसके अतिरिक्त दुनिया के कई देशों से भारत को चिकित्सा सामग्री का मिलना जारी है। चिकित्सा सामग्री लेकर दिल्ली पहुंचा पहला अमेरिकी विमान सी-5 एम सुपर गैलेक्सी था। अमेरिकी वायुसेना का यह सबसे बड़ा मालवाही विमान है। जबकि सामग्री लाने वाला दूसरा विमान सी-17 ग्लोबमास्टर था। दोनों विमानों में ऑक्सीजन के 423 रेग्यूलटर लगे सिलिंडर, 210 पल्स ऑक्सीमीटर, 17 बड़े आकार के ऑक्सीजन सिलिंडर, 8,84,000 एबॉट रेपिड डायग्नोस्टिक किट और 84 हजार एन-95 फेस मास्क हैं।
वॉलमार्ट और फोर्ड ने भी मदद को बढ़ाए हाथ
अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी वॉलमार्ट ने भारत को 20 ऑक्सीजन जेनरेटिंग प्लांट, 20 क्रायोजेनिक कंटेनर, तीन हजार ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और पांच सौ ऑक्सीजन सिलिंडर देने का एलान किया है। यह एलान कंपनी के चेयरमैन एवं सीईओ डग मैकमिलन ने किया है। उन्होंने कहा, हम अपनी अंतरराष्ट्रीय क्षमता और भारत में फ्लिपकार्ट के वितरण व्यवस्था के जरिये ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं
रूसी वैक्सीन स्पुतनिक आज आएगी
देश में चल रही वैक्सीन की कमी की भरपाई करने के लिए शनिवार को रूसी स्पुतनिक फाइव वैक्सीन भारत पहुंचेगी। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार यह वैक्सीन हैदराबाद पहुंचेगी। कोविडशील्ड और कोवैक्सीन के बाद भारत में इस्तेमाल होने वाली यह तीसरी वैक्सीन होगी। रूस में भारत के राजदूत बाला वेंकटेश वर्मा ने बताया है कि मई की शुरुआत में वैक्सीन की दो लाख शीशियां रूस से भारत पहुंचेंगी।
जापान देगा ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर
जापान ने कोरोना संक्रमण से जूझ रहे भारत को 300 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर देगा। यह एलान जापान के विदेश मंत्री ने किया है।
यूएई की कंपनी बनाएगी अस्पताल
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का एस्टर डीएम हेल्थकेयर नई दिल्ली में जल्द ही 50 बिस्तरों वाला कोविड फील्ड अस्पताल स्थापित करेगा। इसके लिए उसने भारत के अपनी सहयोगी कंपनी के साथ समझौता कर लिया है। समूह के 14 अस्पताल भारत में पहले से ही कार्य कर रहे हैं।