पिछले साल ही मिल गए थे डबल म्यूटेंट वैरिएंट के दोनों स्ट्रेन, दूसरी लहर बनकर कैसे मचाया कोहराम ? पढ़ें- अहम जानकारी
नई दिल्ली, 20 मई। भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे वायरस के डबल म्यूटेंट वैरिएंट के दोनों स्ट्रेन पिछले साल मार्च और मई में भी मिल गए थे। नवंबर के बाद अलग-अलग दोनों स्ट्रेन मिलकर एक हो गए और एक नए वैरिएंट का स्वरूप धारण कर लिया, जिसे डबल म्यूटेंट वैरिएंट भी कहा जाता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इस जानकारी से यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि दूसरी लहर ने आखिर प्रचंड रूप कहां से धारण किया।
लोगों की आवाजाही से डबल म्यूटेंट वैरिएंट अस्तित्व में आया
आइसीएमआर का मानना है कि लाकडाउन और पाबंदियों के खत्म होने के बाद जनवरी से मार्च और अप्रैल तक लोगों का देश के भीतर और बाहर आना-जाना शुरू हुआ और इसी दौरान वायरस के दोनों स्ट्रेन एक होकर डबल म्यूटेंट वैरिएंट में बदल गए। आइसीएमआर ने यह भी दावा किया है कि पिछले साल नौ दिसंबर तक पूरी दुनिया के विज्ञानियों को इस डबल म्यूटेंट वैरिएंट के फैलने की जानकारी नहीं थी और इसकी कोई रिपोर्टिंग भी नहीं हुई थी। आइसीएमआर की स्टडी से साफ है कि कोरोना वायरस में परिवर्तन की शुरूआत पिछले साल से ही हो गई थी और वह नए-नए स्वरूप बदलाना शुरू कर दिया था।
विज्ञानियों के लिए आइसीएमआर की स्टडी अहम
आइसीएमआर की स्टडी दुनिया के विज्ञानियों को कोरोना वायरस के स्वरूप में परिवर्तन के बारे में काफी अहम जानकारी उपलब्ध कराती है, जिसके आधार पर भविष्य में वायरस के नए स्वरूपों और संक्रमण पर उनके प्रभावों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
1524 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई
आइसीएमआर के एक वरिष्ठ विज्ञानी ने कहा कि यह स्टडी पिछले साल जनवरी से अगस्त के बीच वायरस के स्वरूप में बदलाव को लेकर है। इसमें देश के 25 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कोरोना वायरस के 1,603 सैंपल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्युनोलॉजी में विस्तृत विश्लेषण के लिए भेजा गया था। इनमें से 79 सैंपल को तय मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने के बाद हटा दिया गया। इसके बाद 1,524 सैंपल के वायरस के जिनोम सिक्वेंसिंग करके विस्तृत अध्ययन किया गया। अध्ययन से यह साफ हो गया है कि शुरू में वायरस में भले ही ज्यादा परिवर्तन नहीं दिखा हो, लेकिन जल्द ही उसके ज्यादा संक्रामक रूप अख्तियार करने की शुरुआत हो गई थी।