Delta Plus Variant India: क्या नए डेल्टा प्लस वैरिएंट को बेअसर कर सकती हैं भारतीय वैक्सीन? शोध में जुटे देश के वैज्ञानिक
नई दिल्ली, 24 जून। भारत में कोरोना वायरस का एक नया रूप- डेल्टा प्लस वैरिएंट(Delta Plus Variant) सामने आया है। देश के चार राज्यों- महाराष्ट्र केरल, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में अब तक इसके कुल 40 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के उभार ने एक बार फिर भारत से लेकर दुनियाभर की सरकारों और विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है।
देश के कुछ हिस्सों में डेल्टा प्लस’ वैरिएंट का पता चलने के बाद अब देश के वैज्ञानिक इसको बेअसर करने के हथियार खोजने में जुटे हुए हैं। देश के वैज्ञानिकों ने फैसला किया है कि वे इसको लेकर शोध करेंगे कि भारतीय वैक्सीन कोरोना वायरस के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ कितनी असरदार है औऱ क्या ये डेल्टा प्लस वैरिएंट को बेअसर कर सकती है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने यह देखने के लिए एक अध्ययन करने का फैसला किया है कि क्या भारत में मौजूद वैक्सीन कोरोना के इस नए और खतरनाक वैरिएंट के खिलाफ कारगर हैं या नहीं। सरकार के मुताबिक, देश में डेल्टा प्लस के मामले महाराष्ट्र (रत्नागिरी और जलगांव) केरल (पलक्कड़ और पठानमथिट्टा) और मध्य प्रदेश (भोपाल और शिवपुरी) के साथ तमिलनाडु में भी पाए गए हैं।
दोनों भारतीय वैक्सीन पर हो रहा शोध
इस अध्ययन में भारत की दोनों कोरोना वैक्सीन- कोवैक्सिन और कोविशील्ड को शामिल किए जाने की संभावना है। NIV की मैक्सिमम कंटेनमेंट फैसिलिटी की प्रमुख डॉ प्रज्ञा यादव ने कहा कि नए उभरे डेल्टा प्लस वैरिएंट में संभावित रूप से बढ़ी हुई संक्रमण क्षमता, फेफड़ों की कोशिकाओं के लिए उच्च बाध्यकारी क्षमता और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार के लिए प्रतिरोध है। इसको देखते हुए डेल्टा प्लस वैरिएंट एक चिंता का विषय हो सकता है और इसकी निगरानी की जानी चाहिए और प्रभावितों की रोकथाम की जानी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा टीके डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ लड़ सकते हैं उन्होंने कहा कि नमूने एकत्र किए गए हैं और एक अध्ययन किया जा रहा है।