छत्तीसगढ

मुआवजे के लिए जरूरी है कोरोना मृत्यु सर्टिफिकेट:रायपुर में 3139 कोरोना मौतें, 50 हजार रु. के हिसाब से बंटेगा 15.69 करोड़ मुआवजा, प्रशासन ने मुआवजा बांटने के लिए बनाई समिति

रायपुर, 29 सितंबर। राजधानी समेत रायपुर जिले में कोरोना मौत के 28 सितंबर तक 3139 मामलों में मृत्यु मुआवजा अनुदान की राशि से जुड़े प्रकरणों के निदान के लिए जिला प्रशासन ने कमेटी का गठन कर दिया है।

कमेटी मृतक के परिजनों या आश्रितों की ओर से दिए गए आवेदनों में दस्तावेजों की जांच कर, कोरोना मृत्यु के प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत होगी। अतिरिक्त कलेक्टर आईएएस गोपाल वर्मा को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।

वहीं समिति में CMHO डॉ. मीरा बघेल समेत डॉ. अंबेडकर में मेडिसिन विभाग के HOD डीपी लकरा के अलावा तीन विशेषज्ञों की टीम भी बनाई गई है। जिसमें रेस्पिरेटरी मेडिसिन, आईसीयू क्रिटिकल केयर और एनेस्थीसिया के एक्सपर्ट रखे गए हैं। जो कोरोना मृत्यु से जुड़े दावों की जांच भी करेंगे। समिति आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक इस बात की जांच भी करेगी कि कोरोना मौत का जो दावा किया जा रहा है वो गाइडलाइन के मुताबिक सही है या नहीं।

इसके आधार पर ही कोविड डेथ सर्टिफिकेट जारी होगा, जिसके आधार पर ही परिजनों या आश्रितों को 50 हजार की अनुदान राशि मिलेगी। रायपुर में 3139 मृत्यु से जुड़े मामलों में करीब 15.69 करोड़ से अधिक राशि के अनुदान का भुगतान होना है।

दरअसल, रायपुर कोरोना की दोनों लहरों के दौरान आधिकारिक रूप से 3139 मौतें हुई है। मौत के इन आंकड़ों के साथ डेथ इनवेस्टीगेशन की पुष्टि हुई है या नहीं इसकी तस्दीक के लिए एक टीम सभी दस्तावेजों का डिजिटल रिकॉर्ड बना रही है।

दस्तावेज लेकर अभी नहीं भटकें, गाइडलाइन जारी होने पर प्रक्रिया

रायपुर की सीएमएचओ डा. मीरा बघेल के अनुसार कोरोना मौत के मुआवजे के लिए समिति गठित की गई है। ये कमेटी मुआवजे से जुड़े प्रकरणों और डेथ सर्टिफिकेट जारी करेगी। सबसे जरूरी बात जो हर परिजन को अभी ध्यान देनी है, वो यह कि अभी स्थानीय निकायों यानी नगर निगम के सभी जोन कार्यालयों, पंचायतों में कोरोना मृत्यु मुआवजे के फॉर्म मिल रहे हैं। परिजन सबसे पहले ये फॉर्म ले लें।

इस फॉर्म में जिन जानकारियों को मांगा गया है, फॉर्म को अच्छी तरह देखकर सभी जरूरी दस्तावेज अपने पास सुरक्षित कर लें। फॉर्म को लेकर फिलहाल कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मुआवजे के फॉर्म कैसे-कहां जमा करने हैं इसके लिए जल्द ही नई गाइडलाइन आने वाली है। ना डेथ के मुआवजे में सबसे जरूरी शर्त ये है कि कोविड मृतक के परिजन के पास पॉजिटिव होने का सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से होना चाहिए।

इसके आधार पर ही मुआवजे का दावा मजबूत होगा। दरअसल, रायपुर जिले में अब तक हुई 3139 से अधिक मौतों का रिकॉर्ड जिला स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय द्वारा तैयार किया गया है। हर दावा प्रकरण में इस सूची के आधार पर ही मिलान होगा। इसके अलावा जो दावा प्रकरण आएंगे, उनके भी दावों की सत्यता की जांच कमेटी द्वारा की जाएगी।

कोरोना पॉजिटिव के केवल वही सर्टिफिकेट मान्य होंगे जिनकी आईसीएमआर पोर्टल में एंट्री हुई है। परिजनों को फिलहाल अपने दस्तावेज और फॉर्म अगली सूचना मिलने तक कहीं भी जमा नहीं करने चाहिए, क्योंकि दस्तावेज गुम जाने की आशंका हो सकती है, बाद में इससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

अभी क्या करें

  • स्थानीय निकाय यानी नगर निगम या पंचायत से फॉर्म लेकर दस्तावेज जुटा लें।
  • कोरोना पॉजिटिव सर्टिफिकेट जरूर रखें।
  • अगली सूचना के बाद मुआवजे के लिए जहां स्थान तय किया जाए वहां जाकर फॉर्म जमा करें।

प्रदेश में सबसे अधिक मौतें रायपुर में हुईं

सबसे अधिक कोरोना मौत रायपुर जिले में ही हुई है। इसलिए यहां मुआवजे की राशि का सबसे अधिक भुगतान होना है। केंद्र की ओर से कोरोना डेथ के मुआवजों में एक माह के भीतर हुई मौत को भी शामिल किया जा रहा है। लिहाजा ऐसे कोविड पॉजिटिव जिनकी रिकवरी के एक माह में मौत हुई है, वो भी मुआवजे के भुगतान की प्रक्रिया में शामिल होंग। लेकिन इसमें एक्सीडेंट या आत्महत्या की वजह से हुई मौतों को शामिल नहीं किया जाएगा।

लिहाजा डेथ सर्टिफिकेट भी समिति द्वारा गाइडलाइन के मुताबिक ही जारी किए जाएंगे। कोरोना मौत के मुआवजों को लेकर आम पाठकों के मन में भी कई तरह के सवाल हैं इसलिए रायपुर में कोरोना मुआवजों के प्रकरणों के निदान के लिए बनाई गई कोरोना डेथ ऑडिट कमेटी (सीडीएसी) की सदस्य सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल से बातचीत के आधार पर ये पूरी रिपोर्ट तैयार की है।

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