
दंतेवाड़ा, 11 जून। Battalion Jawans : नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले सुकमा जिले के थाना जगरगुंडा क्षेत्र में 231वीं वाहिनी द्वारा 19 नवम्बर 2020 को कोंडासनवाली से कामरगुड़ा तक की सड़क को बटालियन से जोड़ने वाली सड़क का नव निर्माण किया।
बटालियन के अधिकारियों और जवानों ने नहीं की अपनी जान परवाह
इस कैम्प का मुख्य उद्देश्य था अति नक्सल (Battalion Jawans) प्रभावित क्षेत्र के सुदुरवर्ती गावों को जोडने वाली कोण्ड़ासांवली- जगरगुण्ड़ा सड़क मार्ग का नवनिर्माण करवाना। विनय कुमार सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन) दंतेवाड़ा के कुशल मार्गदर्शन एवं सुरेन्द्र सिंह कमाण्डेंट 231 बटालियन के नेतृत्व में 231 बटालियन के अधिकारियों व जवानों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए माओवादियों के इस गढ़ में कोण्ड़ासांवली से कमारगुड़ा तक सड़क मार्ग (दूरी 4.80 किलोमीटर) का पूर्ण रूप से नवनिर्माण करवाया। इस मार्ग के निर्माण से जगरगुंड़ा से दंतेवाड़ा तक पहुँचना आसान हो गया है और अब आम नागरिकों को दंतेवाड़ा आने के लिए सुकमा से घूमकर आने की आवश्यकता नहीं है एवं इस प्रकार आम नागरिकों को 100 कि०मी० कम गाड़ी चलानी पड़ेगी इससे आम जनता के समय एवं पैसे की बचत होगी।
निर्माण कार्य रोकने माओवादियों ने किए थे अथक प्रयास
सड़क निर्माण कार्य को माओवादियों द्वारा रोकने का अथक प्रयास किया गया। सड़क निर्माण कार्य में लगे सुरक्षाबलों को नुकसान पहुँचाने के लिए नक्सलियों द्वारा आई०ई०डी० और स्पाईक्स भी जगह-जगह पर लगाये गए परन्तु जवानों ने अपनी सूझ-बूझ व समझदारी से कोण्ड़ासांवली से कमारगुड़ा तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करवाया। इस दौरान सुरक्षाबलों के द्वारा 37 आई०ई०डी० व 703 स्पाईक्स को सफलता पूर्वक बरामद किया गया। सड़क निर्माण कार्य के दौरान 01 जवान आई०ई०डी० की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हुआ।
हमारा प्रयास नक्सलगढ़ में मिले सरकारी योजनाओं का लाभ : सुरेन्द्र सिंह
सुरेन्द्र सिंह कमाण्ड़ेंट 231 बटालियन (Battalion Jawans) ने ग्रामिणों के लिए साकार होते सपनों के बीच अपने लक्ष्य को दोहराते हुए कहा कि हमारा प्रयास नक्सलियों के गढ़ में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं जैसे विद्युत, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को जिला प्रशासन के सहयोग ग्रामीणों तक पहुंचाने में मदद करना है। इससे ग्रामीणों का विश्वास भी सुरक्षाबलों पर बढ़ा है तथा ग्रामीण इस बात को समझ चुके हैं कि नक्सली उन्हें अब तक विकास से दूर रख कर उनका सिर्फ शोषण कर रहे है।