रायपुर, 11 अगस्त। Agricultural Product : छत्तीसगढ़ शासन तथा विश्व बैंक, अंतराष्ट्रीय कृषि विकास कोष द्वारा वित्तपोषित चिराग परियोजना मूल्य संवर्धन और बाजार पहुंच विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन नवा रायपुर स्थित इंद्रावती भवन के सभागार संपन्न हुई। चिराग परियोजना निदेशक चन्दन त्रिपाठी की अध्यक्षता में कार्यशाला आयोजित की गई।
देशी बीज बैंक की स्थापना, उत्पादों की ब्रांडिंग
चिराग परियोजना अंतर्गत लक्षित क्षेत्र में आने वाले (Agricultural Product) मुख्य उत्पादन एवं उनके बाजार के बारे में चर्चा की गयी। नरवा, ग़रवा, घुरवा,बाड़ी एवं गौठान अतर्गत कृषि उत्पाद आधारित प्रसंस्कारण इकाई की स्थापना के बारे में चर्चा की गई.कार्यशाला में जलवायु आधारित पोषण सहयोगी खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने के संबंध में जानकारी दी गई। सरप्लस उत्पादन के प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, मानकीकरण, जिओग्राफी टैगिंग के साथ राष्ट्रीय स्तर के बाजार में उपलब्ध कराने के लिए विचार रखा गया है। इससे स्थानीय कृषको को उनके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने और रोजगार के अवसर को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई।
कार्यशाला में उत्पादन बढ़ाने, देसी बीज बैंक की स्थापना करने एवं कृषको को बिचौलियो से निजात दिलाने पर भी चर्चा की गई। कृषि उत्पादों के एकत्रीकरण करने, वेयरहाउसिंग की समस्या का निराकरण करने, तकनीकी एवं उद्यमिता विकास पर भी चर्चा की गई। चिराग की प्रोजेक्ट डायरेक्टर चंदन त्रिपाठी ने भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर फसलों व उत्पादों की पहचान कर स्थानीय किसान को उचित मूल्य प्रदान करने तथा आजीविका के साधन बढ़ाकर ग्रामीण विकास में सहयोग करने आदि विषयों पर विस्तार से अपनी बात रखी।
मानकीकरण और जिओ टैगिंग पर विस्तृत विचार की गई
पोषण सहयोगी कृषि एवं पर्यावरण हितैषी प्रसंस्करण पर भी चर्चा की गई। सहयोग ग्रीन कृषक उत्पादक संगठन ने मुख्य रूप से काजू व आम के क्षेत्र में कार्य करने पर विशेष जोर दिया। खेती का रकबा बढ़ा कर किसानों को लाभ दिलाने, उत्पादों का मार्केटिंग करने आदि विषय पर जानकारी दी गयी। सी मार्ट व गढ़ कलेवा में भी इनके उत्पाद बेचे जाने पर विचार किया गया।
उत्पादों के प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्तर के प्रसंस्करण इकाई की स्थापना एवं डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से मार्केट को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कार्यशाला में भाग लेने वाले सदस्यों (Agricultural Product) को बाजार तथा मूल्य संवर्धन द्वारा स्थानीय आजीविका बढ़ाने और उत्पादों का ग्रेड के हिसाब से विभाजन करने के लिए किसानों को जागरूक करने के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यशाला में महानदी कृषक उत्पादक संगठन कांकेर, भूमगाड़ी कृषक उत्पादक संगठन दंतेवाड़ा, सहयोग ग्रीन्स महिला कृषक उत्पादक संगठन जशपुर, ओरिजनल आर्गेनिक रायपुर, कॉलेज ऑफ़ होर्टिकल्चर जगदलपुर, ABIS ग्रुप इंडस्ट्रीज, लघु वन उत्पादक, नाबार्ड से प्रतिनिधियों द्वारा जानकारी दी गई।