Sainik Welfare Board : 11 सेट एजेंडे पर चर्चा के बाद पूर्व सैनिकों के हित में लिए ये अहम फैसले
रायपुर, 14 अक्टूबर। Sainik Welfare Board : राज्यपाल अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में राजभवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में सैनिक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ के राज्य प्रबंधन समिति की 14वीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में 11 निर्धारित एजेंडो पर विस्तृत चर्चा की गई और भूतपूर्व सैनिकों के हितों में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। भूतपूर्व सैनिकों को दी जाने वाली विभिन्न सहायता राशि व सम्मान में बढ़ोत्तरी को भी स्वीकृति दी गई।
कोविड काल में बोर्ड के साथ ही सैनिक परिवार को हुई परेशानी
राज्यपाल उइके ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड के दो वर्षों में हम सभी के साथ-साथ भूतपूर्व सैनिक परिवार को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और सैनिक कल्याण बोर्ड की आय भी प्रभावित हुई। राज्यपाल ने सैनिकों के कल्याण के लिए चर्चा-परिर्चाओं में भूतपूर्व सैनिक परिवार के सदस्यों से भी बात करने और सुझाव लेने को कहा ताकि उनके समस्याओं के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त हो सके।
चौराहों पर सेनानियों की प्रतिमा बनाने पर जोर
उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों (Sainik Welfare Boardतथा शहीद जवानों के शौर्य और साहस से परिचय कराने के लिए पहल करने का सुझाव दिया। इस आशय गांव के चौक-चौराहों आदि में स्थानीय शहीद सैनिकों, सेनानियों की प्रतिमा तथा उनसे जुड़ी जानकारी साझा करने के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।
राज्यपाल ने मुख्य सचिव जैन से कहा कि शासन द्वारा शासकीय सेवा में भर्ती के लिए जारी विज्ञापनों को सैनिक कल्याण बोर्ड को भी प्रेषित किया जाए, ताकि बोर्ड को भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित सीटों की जानकारी मिले और उनके द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को इससे अवगत कराया जा सके। उन्होंने युवाओं को भूतपूर्व सैनिकों के अनुभव का लाभ दिलाने के दृष्टिकोण से भी पहल करने की बात कही। राज्यपाल ने अंत में कहा कि आज भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए गए सारे निर्णय अति महत्वपूर्ण हैं। इससे निश्चित ही सैनिक परिवारों को लाभ मिलेगा और आगे भी इस प्रकार के प्रयास सतत् जारी रहेंगे।
बैठक में सैनिक कल्याण बोर्ड के राज्य प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष एवं मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने भी सुझाव देते हुए कहा कि बोर्ड द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी तथा आवेदन के लिए मोबाईल एप्प तैयार करने को कहा। इससे आवेदन प्रक्रिया आसान होगी और भूतपूर्व सैनिकों को अनावश्यक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। बैठक में निर्धारित 11 एजेण्डों के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लेखा परीक्षण तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुमानित बजट की जानकारी दी गई।
द्वितीय विश्व युद्ध के पेंशनभोगियों को वित्तीय सहायता में वृद्धि
बैठक में समिति द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के पेंशनर को प्रतिमाह दी जाने वाली चिकित्सा के लिए आर्थिक सहायता राशि 7 हज़ार से बढ़ाकर 10 हज़ार रुपये करने की स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही भूतपूर्व सैनिक जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक है एवं अत्यंत गरीब हैं, उन्हें दी जा रही आर्थिक सहायता को 30 हजार से 50 हजार रूपए दिये जाने के प्रस्ताव के स्थान पर एक लाख रूपए देने का निर्णय लिया गया।
भूतपूर्व सैनिकों, जिनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक है, उनको दिये जाने वाले सम्मान राशि में बढ़ोत्तरी की गई है, तद्नुसार 75 वर्ष पूर्ण होने की सीमा को घटाकर 70 वर्ष किया गया तथा 70 वर्ष पूर्ण होने पर 70 हजार, 75 वर्ष पूर्ण होने पर 75 हजार, 80 वर्ष पूर्ण होने पर 80 हजार तथा 90 वर्ष पूर्ण होने पर 90 हजार, 95 वर्ष पूर्ण होने पर 95 हजार, 100 वर्ष पूर्ण होने पर 01 लाख एक मुश्त तथा 100 वर्ष से अधिक उम्र पर प्रतिवर्ष 01 लाख रूपए प्रदान करने की स्वीकृति दी गई। इसी प्रकार भूतपूर्व सैनिकों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रदाय आर्थिक सहायता राशि को 500 रूपए से बढ़ाकर 05 हजार रूपए किया गया।
भूतपूर्व सैनिकों को स्वरोजगार हेतु दी जाने वाली एक मुश्त 15 हजार रूपए की आर्थिक सहायता के लिए निर्धारित मासिक आय सीमा 6 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार किया गया। इसी प्रकार भूतपूर्व सैनिकों के केवल एक पुत्र को एन.डी.ए./आई.एम.ए./ओ.टी.ए. में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए दी जाने वाली 1000 रूपए के सम्मान राशि को 3000 रूपए किये जाने के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने सम्मान राशि को 10 हजार करने के साथ-साथ केवल पुत्र के स्थान पर पुत्री को भी प्रदाय किये जाने को स्वीकृति प्रदान की।
मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि
भूतपूर्व सैनिकों के शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोत्तरी को स्वीकृति दी गई, जिसके अनुसार 26 से 50 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों के लिए 07 सौ रूपए को बढ़ाकर 15 सौ रूपए करने के प्रस्ताव के स्थान पर 02 हजार रूपए, 51 से 75 प्रतिशत दिव्यांग बच्चे के लिए 15 सौ से बढ़ाकर 02 हजार रूपए करने के प्रस्ताव के स्थान पर 03 हजार रूपए तथा 76 से 100 प्रतिशत दिव्यांग बच्चों के लिए 15 सौ रूपए से बढ़ाकर 04 हजार रूपए करने के प्रस्ताव के स्थान पर 06 हजार रूपए प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।
साथ ही शासकीय वृद्धाश्रम में निवासरत् भूतपूर्व सैनिकों को प्रतिमाह दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि 15 सौ रूपए से बढ़ाकर 05 हजार रूपए किया गया। कैंसर का इलाज तथा डायलिसिस कराने वाले मरीजों को दी जाने वाली सहायता राशि में प्रतिवर्ष 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रूपए करने की स्वीकृति दी गई। नवनिर्मित सैनिक विश्रामगृह रायपुर सहित दुर्ग, राजनांदगांव और जगदलपुर में लघु निर्माण, मरम्मत, साजसज्जा हेतु भी राशि आबंटन को स्वीकृति दी गई।
बैठक में ये शामिल हुए
बैठक में वित्त विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी., राज्यपाल उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल, सचिव गृह विभाग धनंजय देवांगन, अतिरिक्त महानिदेशक पुनर्वास परिषद मध्य कमान लखनऊ ब्रिगेडियर के पी एस सिरोही विशिष्ट सेवा मेडल, कमांडर मुख्यालय छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा सब एरिया ब्रिगेडियर विग्नेश मोहंती सेना मेडल, ब्रिगेडियर प्रदीप यदु (सेवानिवृत्त) कर्नल कीजो लाल यादव (सेवानिवृत्त) कैलाश नाहटा एवं टी आर साहू ने प्रत्यक्ष रुप से बैठक में शामिल हुए।
सचिव भारत सरकार रक्षा मंत्रालय भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग (Sainik Welfare Board) नई दिल्ली विजय कुमार, जनरल ऑफिसर कमांडिंग मध्य भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास, सेना मेडल परम विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल एवं कार्यवाहक संयुक्त सचिव प्रतिनिधि केंद्रीय सैनिक बोर्ड नई दिल्ली, कर्नल कमल भट्ट ने परोक्ष रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।