रायपुर, 29 मार्च। Bank Strike : वित्तीय वर्ष के अंतिम सप्ताह में बैंकिंग हड़ताल के कारण राज्य भर में प्रतिदिन 2000 करोड़ से अधिक के कारोबार का नुकसान हो रहा है। मार्च क्लोजिंग का समय है, बैंक बंद होने से टैक्स पटाने में भी दिक्कत हो रही है। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर समस्याओं से अवगत कराया है।
31 मार्च तक अतिरिक्त समय बढ़ाने की मांग
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने आगे कहा कि मार्च के अंतिम सप्ताह (Bank Strike) व अप्रैल के पहले सप्ताह में अवकाश होने के कारण बैंकिंग कार्य के लिए दिक्कत होगी। इस दौरान आम दिनों की तुलना में 25 फीसदी अधिक कारोबार होता है। चूंकि पूर्व में भी ऐसी परिस्थितियों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं के लिये सहयोग प्रदान किया गया है। अतः वित्तमंत्री से अनुरोध है कि अवकाश अवधि में आवश्यक सेवा के अंतर्गत बैंकों में 31 मार्च तक काम के 2-3 अतिरिक्त घंटे बढ़ाने की व्यवस्था करवाने के लिए सभी बैंकों को आवश्यक निर्देश जारी करने का कष्ट करेंगे। इससे व्यापारी एवं उद्योगपति तथा आम नागरिकों को बैंकों से राशि आहरण करने एवं जमा करने में कठिनाई नहीं होगी।
रोजाना केश जमा करने वालों को दिक्कत
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि बैंकिंग संस्थान वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि में हड़ताल एवं अन्य कारणों के चलते लगातार बंद चल रहे हैं। जिससे दैनिक व्यापार करने वाले व्यापारियों को कैश जमा करने, चेक क्लियरिंग करवाने जैसे अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डिजिटल तरीके से लेन-देन करने वालों में से एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है, जो अपने दैनिक कारोबार का कैश जमा करने के लिए बैंकों पर निर्भर हैं।
बाजार में हो रही है मुद्रा की कमी
रोजाना लगभग 2500 करोड़ रुपए का लेनदेन प्रभावित हो रहा है। इससे बाजार में मुद्रा की कमी होती जा रही है, जिससे व्यापार और व्यवसाय पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। केन्द्र एवं राज्य के विभिन्न कर जैसे- नगर निगम का टैक्स एवं इनकम टैक्स पटाने, रजिस्ट्री आदि कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। लेन देन में आ रही बाधाओं के कारण व्यवसायियों में मानसिक तनाव उत्पन्न् हो रहा है। इसका सीधा असर परिवार, समाज और व्यापार में पड़ता महसूस किया जा रहा है।
इस दौरान (Bank Strike) महासचिव अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल शामिल थे।