छत्तीसगढराज्य

BhentMulakat Dhanora : ‘श्रीजला मैं हूँ न’…मुक्तकंठ से सभी ने की CM की तारीफ

रायपुर, 29 मई। BhentMulakat Dhanora : प्रदेश की जनता की समस्याओं के प्रति मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कितना सरोकार रखते हैं और उनके जीवन में खुशहाली लाने किस तरह से असाधारण कदम भी उठाते हैं इसका उदाहरण आज धनोरा में भेंट मुलाकात के दौरान मिला। भेंट मुलाकात में एक बच्ची श्रीजला को लेकर उसके अभिभावक पहुंचे।

बचपन से ही श्रीजला के अंग विकसित नहीं हो पाए हैं। मुख्यमंत्री ने इस बच्ची की सर्जरी कराने के निर्देश दिये ताकि काफी कुछ राहत बिटिया को दी जा सके। यही नहीं, उन्होंने कहा कि बिटिया के खाते में पांच लाख रुपए की राशि का फिक्स्ड डिपाजिट भी किया जाए ताकि भविष्य में बिटिया की जरूरत पूरी हो सके। अभिभावक आश्वस्त थे कि प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री बिटिया के इलाज के संबंध में जरूर निर्देश देंगे लेकिन उन्हें यह सुनकर बहुत अच्छा लगा जब मुख्यमंत्री ने बिटिया के लिए पांच लाख रुपए के फिक्स्ड डिपाजिट के निर्देश भी (BhentMulakat Dhanora) दिये। इसी तरह 22 साल की चतुर्वेदी नेगी के भी इलाज और तीन लाख रुपए देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की।

3 साल की श्रीजला के हाथ-पैर जन्म से ही है अविकसित

दरअसल धनोरा में भेंट-मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री से मिलने आये चिनियागांव के समीर नाग ने बताया कि उनकी 3 साल की भांजी श्रीजला के हाथ-पैर जन्म से ही अविकसित है। श्रीजला का परिवार भी आर्थिक रूप से कमजोर है और बच्ची के भावी जीवन को सुरिक्षत करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। CM भूपेश बघेल ने सवेंदनशीलता दिखाते हुए बच्ची के लिए 5 लाख रुपये की एफडी करने की घोषणा की और कहा कि उसके इलाज और ऑपरेशन का सारा खर्च सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा श्रीजला जब 18 साल की होगी तब उसे पूरी राशि प्राप्त होगी।

मां के इकलौते सहारा दिव्यांग बेटे के खाते में 3 लाख

इसी तरह धनोरा भेंट मुलाकात मे अमलिका नेगी ने मुख्यमंत्री से मिल अपने 21 वर्षीय मानसिक और शारिरिक रूप से दिव्यांग इकलौते बेटे की सहायता की गुहार लगाई। मां की गुहार पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी बहन ने अपने बेटे के भविष्य की चिंता व्यक्त की है। आप चिंता न करे आपके बेटे का ईलाज  सरकार कराएगी और उसके खाते में 3 लाख रुपये भी जमा करेगी। उन्होंने कहा कि आपकी चिंता हमारी चिंता है, हम चतुर्वेदी नेगी का पूरा ईलाज शासन की ओर से कराएँगे।

गौरतलब है कि (BhentMulakat Dhanora) आज धनोरा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में ईरागांव से आई अमलिका नेगी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनका इकलौता बेटा चतुर्वेदी नेगी जन्म से ही शारिरिक एवँ मानसिक रूप से विकलांग है उनकी 4 बेटियों की शादी के बाद अब बेटे के परवरिश की जिम्मेदारी दोनों बुजुर्ग दम्पति पर आ गयी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को रुंधे गले से कहा कि हमारे जीवित रहने तक हम किसी प्रकार रोजी मजदूरी कर इसका पालन कर लेंगे पर हमारे चले जाने के बाद इसका क्या होगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील निर्णय से हम सब कितना खुश हुए, इसे बयान करने हमारे पास शब्द नहीं हैं।

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