रायपुर, 1 जून। Bhoolan The Mej : छत्तीसगढ़ में बनी नेशनल फिल्म अवार्ड प्राप्त फिल्म ‘भूलन द मेज‘ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देखी। इस मौके पर उन्होंने फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बहुत दिनों बाद इतनी शानदार फिल्म देखने को मिली है। यह छत्तीसगढ़ के ग्राम्य जीवन पर आधारित है। इसमें छत्तीसगढ़ के लोगों की सरलता सहजता दिखाई गई है। एक दूसरे को सहयोग करने की जो भावना फिल्म में दिखाई गई है वो छत्तीसगढ़ के लोगों की मूल भावना है।
फिल्म का निर्देशन (Bhoolan The Mej) बहुत अच्छा है। फिल्मांकन भी बहुत अच्छा है। मैं सभी कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा करता हूँ और इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा करता हूँ। मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और मीडिया के साथियों के साथ यह फिल्म देखी।
छत्तीसगढ़िया लोगों के मूल स्वभाव को दर्शाया
मुख्यमंत्री इस मौके पर फिल्म के निर्देशक मनोज वर्मा से और लेखक संजीव बख्शी से भी मिले। उन्होंने कहा कि भूलन कांदा के माध्यम से छत्तीसगढ़िया लोगों के मूल स्वभाव का सिनेमा में जिस तरह दिखाया गया है, वो काबिलेतारीफ है। छत्तीसगढ़ की सुंदर संस्कृति का जो फिल्मांकन हुआ है वो बहुत अच्छा हुआ है। लोक गीतों को जो जगह दी गई है औऱ छत्तीसगढ़ के गांवों को जिस तरह सिनेमा में उकेरा गया है उससे पता चलता है कि हमारे गांव कितने सुंदर हैं। उनमें एक-दूसरे के प्रति सहयोग की कितनी भावना है। किस तरह से सामूहिक रूप से गांव में निर्णय होता है और लोग एक दूसरे के साथ हर परिस्थिति में खड़े रहते हैं।
67वें नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित
उल्लेखनीय है कि भूलन द मेज फिल्म छत्तीसगढ़ की ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित है और संजीव बख्शी के उपन्यास भूलन कांदा पर बनी है। इसे 67वें नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित किया गया है और छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इसे एक करोड़ रूपए की राशि से पुरस्कृत किया है।
अपने बीच CM को पाकर कलाकार भी उत्साहित
अपने बीच मुख्यमंत्री (Bhoolan The Mej) को पाकर फिल्म के कलाकार भी काफी उत्साहित हुए। मुख्यमंत्री ने उनका उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आप सभी लोगों ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति को फिल्म के माध्यम से दिखाया है उससे हमारे प्रदेश की सुंदर संस्कृति को दुनिया भर में पहचान मिल रही है। छत्तीसगढ़ी सिनेमा के लिए यह काफी शुभ क्षण है।
इस तरह का प्रयास भविष्य में और हो तथा छत्तीसगढ़ का सिनेमा अपनी विशिष्ट पहचान बनाए, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने फिल्म नीति भी तैयार की है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ी सिनेमा तेजी से बड़ा स्वरूप लेगा और सिनेमा के माध्यम से कला को नई ऊंचाई मिलेगी। मुख्यमंत्री बघेल ने यह भी कहा कि लिट्रेचर पर फिल्म बनाई गई है। यह भी काफी अच्छी बात है। छत्तीसगढ़ में सिनेमा को इससे नई ऊंचाई मिलेगी।