Bhupesh Budget : सरकार की राजस्व आय में वृद्धि कैसे संभव हुई ? इस तरह समझें
रायपुर, 10 मार्च। Bhupesh Budget : राज्य में भूपेश सरकार के बजट की लगभग हर वर्ग ने सराहना की, हालांकि अगर इसने आम जनता को कोई विशेष राहत नहीं दी, तो अतिरिक्त बोझ नहीं डाला। हर वर्ग इस बजट को अपने हिसाब से देख रहा है। इस बार के बजट को देखें तो पिछली बार के मुकाबले राजस्व आय में भी इजाफा हुआ है। आइए सवाल-जवाब के जरिए समझते हैं।
प्रश्न-1 बजट में इस बार राजस्व अधिक्य (702 करोड़) दर्शाया गया है? पिछली बार राजस्व घाटे (-3,702 करोड़) का बजट था। ऐसा कैसे संभव हुआ, सरकार की राजस्व आय में वृद्धि कैसे संभव हुई?
उत्तरः- राज्य सरकार द्वारा लगातार राजस्व आय में वृद्धि के प्रयास किये गये है। साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे-राजीव किसान न्याय योजना, राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, समर्थन मूल्य पर धान के एक-एक दानें की खरीदी, किसानों को 5 हार्स पावर तक के कृषि पंपों के लिए निःशुल्क विद्युत प्रदाय, देश में सर्वाधिक 65 लघुवनोपजों का समर्थन मूल्य पर क्रय आदि के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों श्रमिकों, वनवासी भाईयों तथा ग्रामीण जनों की आय में वृद्धि करने का काम किया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पैसा जाने से हमारे ग्रामवासियों की क्रय शक्ति में वृद्धि हुई है, जो कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि में भी परिलक्षित है। इससे बाजार में मांग बढ़ी, जिससे उत्पादन बढ़ा और इससे अर्थव्यवस्था का चक्र पूर्ण होने से राज्य की राजस्व आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। इन सभी कारणों से हम पिछले साल के राजस्व घाटे से उबरकर इस साल रेवेन्यू सरप्लस बजट प्रस्तुत करने में कामयाब रहे है।
प्रश्न-2 बजट में वित्तीय/राजकोषीय घाटा (14,600 करोड़) जीएसडीपी के 3.33 प्रतिशत अनुमानित है। क्या यह थ्त्ठड ।बज के अनुरूप है एवं सरकार इस वित्तीय घाटे की पूर्ति किस प्रकार करेगी?
उत्तरः- वर्ष 2022-23 के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को वित्तीय घाटे की सीमा 3.5 प्रतिशत तक रखने की सहमति केन्द्रीय बजट में दी गई है। इसके अतिरिक्त अगले वर्ष राज्य को 3,400 करोड़ पूंजीगत व्यय के लिये विशेष सहायता के रूप में 50 वर्ष की अवधि का ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा, जो कि इस वित्तीय घाटे में शामिल है। इसे कम करने पर वित्तीय घाटा केवल 11,200 करोड़ ही होगा, जो जीएसडीपी का मात्र 2.55 प्रतिशत होगा। यह थ्त्ठड ।बज के द्वारा निर्धारित सीमा 3 प्रतिशत के भीतर है।
2/ बजट में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 44,500 करोड़ अनुमानित है, जिनमें वृद्धि के प्रयास कर आगामी वर्ष वित्तीय घाटे को और कम करने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा। कोविड-19 की आपदा के बावजूद राज्य की राजस्व प्राप्तियों में इस वर्ष 20 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है तथा अगले वर्ष यह 2021-22 के बजट अनुमान की तुलना में 27 प्रतिशत अनुमानित है। इस प्रकार बजट घाटे की पूर्ति राज्य की आय में निरंतर वृद्धि करके की जायेगी।
प्रश्न-3 राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। इसका कारण क्या है तथा आगामी वर्षो में सरकार इसे कैसे नियंत्रित करेगी?
उत्तरः- विगत 3 वर्षो (2018-19 से 2020-21) में केन्द्र से राज्य को करों के हिस्से की राशि में 14,628 करोड़ की कमी की गई है तथा जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की राशि भी अनुदान के स्थान पर ऋण के रूप में मिली है, जो 2020-21 एवं 2021-22 में 8,074 करोड़ है। आपदा के समय में राज्य के लोगों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं, राशन, कृषि उपज के मूल्य एवं आदान राशि का किसानों के खातों में सीधे पैसे देने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने में कमी होने पर ही मजबूरी में ऋण लिया गया, ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ अकेला राज्य नहीं है। बल्कि अन्य राज्यों एवं केन्द्र सरकार की तुलना में हमनें बहुत कम कर्ज लिया। इस वर्ष हमनें फरवरी माह तक केवल 2,916 करोड़ शुद्ध ऋण ही लिया है, जो कि अप्रैल-मई में कोविड की तीसरी लहर के दौरान आर्थिक गतिविधियों में कमी के कारण राजस्व प्रभावित होने से अतिआवश्यक व्ययों के लिए ही लिया गया था। आगामी वर्षो में भी केवल अतिआवश्यक होने पर ही कर्ज लिया जायेगा।
प्रश्न-4 वर्तमान में राज्य का स्थापना व्यय कितना है तथा सरकार इसे आगामी वर्षो में कैसे बढ़ने से रोकेगी?
उत्तरः- वर्ष 2020-21 में राज्य का स्थापना व्यय, कुल व्यय का 26 प्रतिशत था। चालू वर्ष में यह 26 प्रतिशत तथा अगले वर्ष के बजट में भी यह 26 प्रतिशत अनुमानित है। सरकार द्वारा राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि के निरंतर उपायों से राजस्व में वृद्धि हो रही है, जिससे हम स्थापना व्यय 26 प्रतिशत सीमित रखने में सफल रहे है। आगामी वर्षो में इसे सीमित रखा जायेगा।
प्रश्न-5 बजट में नया क्या है?
उत्तरः- बजट में कई नवीन योजनाओं, नये प्रावधानों एवं नये कार्यो के लिए बडे़ प्रावधान किये गये है। कुछ नये एवं बड़े मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैः-
1 राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए 6 हजार करोड़ का प्रावधान।
2 युवाशक्ति को संगठित कर प्रदेश के विकास में सहभागिता बढ़ाने हेतु राजीव युवा मितान क्लब का गठन। ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 एवं नगरीय क्षेत्रों में 1 हजार 605 राजीव युवा मितान क्लब का गठन हेतु 75 करोड़ का प्रावधान।
3 गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने हेतु 600 करोड़ का प्रावधान।
4 महात्मा गांधी की स्मृतियांे को संजोने एवं उनके विचारों पर आधारित विकास के रास्तों को प्रदर्शित करने के लिये नवा रायपुर में सेवा ग्राम की स्थापना हेतु 5 करोड़ का प्रावधान।
5 राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि को आगामी वर्ष से बढ़ाकर 7 हजार प्रतिवर्ष।
6 अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के देवस्थलों पर पूजा करने वाले मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी इत्यादि, जिनमें हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया भी शामिल हैं, को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ।
7 शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘‘मोर जमीन मोर मकान’’ तथा ‘‘मोर मकान मोर चिन्हारी’’ योजनाओं में 450 करोड़ प्रावधान।
8 छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की शुरूआत के लिये 2 करोड़ का प्रावधान।
9 दुर्ग जिले में इन्टीग्रेटेड पैक हाउस की हेतु 24 करोड़ (Bhupesh Budget) का प्रावधान।
10 बस्तर संभाग में रैली ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत हेतु 4 करोड़ 53 लाख का प्रावधान।
11 इस वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ किये जायेंगे।
12 अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये संचालित भवन विहीन छात्रावास-आश्रमों हेतु 106 भवनों का निर्माण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान।
13 बस्तर जिला जगदलपुर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिये प्रावधान।
14 16 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने हेतु प्रावधान।
15 भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण तथा 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षांे का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण।
16 शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिये बजट में 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान।
17 28 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संबद्ध हायर सेकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए नवीन ट्रेड प्रारंभ करने हेतु सेट-अप एवं 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान।
18 जगरगंुडा जिला सुकमा में 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अहिवारा जिला दुर्ग में 10 बिस्तर एन.आर.सी. की स्थापना हेतु 45 नवीन पदों का सृजन एवं खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण हेतु प्रावधान।
19 चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर एवं कांकेर में चिकित्सकीय उपकरण क्रय हेतु 37 करोड़ तथा चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में कार्डियोवेस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन हेतु प्रावधान।
20 चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में स्नातक छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माण हेतु तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी आवास सुविधा हेतु 10 करोड़ 50 लाख का प्रावधान।
21 स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय हेतु प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना के लिये 5 करोड़ का प्रावधान।
22 मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस एवं दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन। इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों में लागू करने के लिये 50 करोड़ का प्रावधान।
23 कोरबा, दन्तेवाड़ा, सक्ती, शिवरीनारायण एवं चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना हेतु 20 करोड़ का प्रावधान।
24 नारायणपुर जिले में आदिवासी विद्यार्थियों मल्लखंभ कौशल को निखारने हेतु मल्लखंभ अकादमी की स्थापना हेतु 2 करोड़ 83 लाख का प्रावधान।
25 विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ करने का निर्णय । विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना में 364 करोड़ रूपये का प्रावधान।
26 1 हजार 705 नवीन कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान है, जिससे 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी।
27 कुल 659 नवीन निर्माण कार्य प्रस्तावित। इसमें 502 सड़क कार्य हेतु 365 करोड़, 134 वृहद् एवं मध्यम पुल कार्य हेतु 103 करोड़, 8 नवीन शासकीय विश्रामगृह के निर्माण हेतु 3 करोड़, 15 रेलवे ओवरब्रिज कार्य के सर्वेक्षण हेतु 8 करोड़ 65 लाख का प्रावधान।
28 जिला पंचायत अध्यक्ष हेतु 15 लाख, उपाध्यक्ष हेतु 10 लाख एवं प्रत्येक सदस्य हेतु 4 लाख प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ का प्रावधान।
29 जनपद पंचायत अध्यक्ष हेतु 5 लाख, उपाध्यक्ष हेतु 3 लाख एवं प्रत्येक सदस्य हेतु 2 लाख प्रतिवर्ष के मान से जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान।
30 स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय हेतु प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना के लिये 5 करोड़ का प्रावधान।
ये कुछ नये एवं महत्वपूर्ण प्रावधान है तथा इनके अलावा बजट में ऐसे कई बड़े एवं महत्वपूर्ण प्रावधान किये गये है, जिनका उल्लेख बजट भाषण में किया गया है।
प्रश्न-6 किसान न्याय योजना में किसानों को अब तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है?
उत्तरः- किसान न्याय योजना में विगत दो वर्षो में 10 हजार 152 करोड़ का भुगतान किया गया है एवं 31 मार्च 2022 के पूर्व लगभग 1500 करोड़ का भुगतान किया जायेगा।
प्रश्न-7 इस वर्ष किसानों से कितनी धान खरीदी की गई है एवं कितना भुगतान किया गया है?
उत्तरः- इस वर्ष 21.77 लाख पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी एवं इसके लिए 19,110 करोड़ का भुगतान किया गया है।
प्रश्न-8 गोधन न्याय योजना में अब तक कितना भुगतान किया गया है?
उत्तरः- इस योजना अंतर्गत लगभग 127 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
प्रश्न-9 राज्य निर्माण के समय पर सरकार पर कर्ज कितना था ?
उत्तरः- 6,829 करोड़ (Bhupesh Budget)
प्रश्न-10 सरकार पर गत 3 वर्षो में कितना कर्ज रहा है एवं वर्तमान में कितना है?
उत्तरः- विगत 3 वर्षो में राज्य पर कर्ज की स्थिति इस प्रकार हैः-
39,030 करोड़ (31 मार्च 2018 की स्थिति में)
52,254 करोड़ (31 मार्च 2019 की स्थिति में)
63,147 करोड़ (31 मार्च 2020 की स्थिति में)
76,708 करोड़ (31 मार्च 2021की स्थिति में)
85,028 करोड़ (वर्तमान स्थिति में)
प्रश्न-11 सरकार द्वारा गत 3 वर्षो में कितना लिगा गया है एवं कितने का भुगतान किया गया है?
उत्तरः- विगत 3 वर्षो में सरकार द्वारा लिये गये कर्ज एवं भुगतान की स्थिति इस प्रकार हैः-
वर्ष लिया गया ऋण किया गया भुगतान शुद्ध ऋण
2018-19 14,370 1,146 13,224
2019-20 12,929 2,036 10,893
2020-21 17,571 3,994 13,577
2021-22 10,169 2,615 7,554
प्रश्न-12 विगत 3 वर्षों में कुल कर्ज राज्य की जीएसडीपी का कितना प्रतिषत रहा ?
प्रश्न-13 विगत 3 वर्षों में ब्याज पर भुगतान कितना हुआ है ?
उत्तरः- वर्ष ब्याज भुगतान
2018-19 3,653 करोड़
2019-20 4,970 करोड़
2020-21 5,633 करोड़
2021-22 (पुनरीक्षित) 6,732 करोड़
2022-23 (बजट अनुमान) 7,222 करोड़
प्रश्न-14 विगत 3 वर्षों में कितना राजस्व घाटा/आधिक्य कितना रहा है ?
प्रश्न-15 विगत 3 वर्षों में में वित्तीय/राजकोषीय घाटा कितना रहा है ?
प्रश्न-16 विगत 03 वर्षों में वेतन पर भुगतान कितना रहा है एवं कुल व्यय का कितना प्रतिषत रहा ?
प्रश्न-17 विगत 03 वर्षों में पेंषन पर भुगतान कितना रहा है एवं कुल व्यय का कितना प्रतिषत रहा ?
प्रश्न-18 विगत 03 वर्षों में सब्सिडी पर भुगतान कितना रहा है एवं कुल व्यय का कितना प्रतिषत रहा ?