छत्तीसगढ

Bird Awareness Center : पक्षी संरक्षण पर संयुक्त कार्य योजना प्रारंभ

बेमेतरा, 28 मार्च। Bird Awareness Center : मनुष्य ही नही, पशु-पक्षियों का भी संरक्षण और संवर्धन करने भूपेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। वन मंडल अधिकारी दुर्ग शशिकुमार ने कलेक्टर बेमेतरा विलास भोसकर संदीपान के सहयोग से गिधवा, नगधा, परसदा, मुरकुटा, एरमशाही और आसपास के क्षेत्रों में पक्षी संरक्षण के लिए संयुक्त रूप से कार्य योजना तैयार की है।

वन विभाग को भूमि उपलब्ध

वन विभाग एवं जैव विविधता संरक्षण बोर्ड द्वारा ग्राम नगधा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बर्ड्स इंटरप्रिटेशन सेंटर तथा पक्षी जागरूकता केन्द्र बनाया जाना है। जिसके लिये कलेक्टर द्वारा वन विभाग को भूमि उपलब्ध कराया गया है। गिधवा-परसदा पक्षी विहार घोषित होने से पक्षी संरक्षण साथ-साथ, ग्रामवासियों को अतिरिक्त रोजगार व्यवसाय का अवसर प्राप्त होगा तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र का पहचान बनेगा।

Bird Awareness Center : Joint Action Plan on Bird Conservation started

एक साल में मिला 20 हजार पक्षियों का ठिकाना

पक्षी गणना (Bird Awareness Center) एवं पहचान तथा ई-बर्ड्स के माध्यम से प्रशिक्षित ग्रामीण वालेटिंयर द्वारा किया जा रहा है। लगभग क्षेत्र में 180 से अधिक प्रजाति के पक्षी की पहचान की जा चुकी है। तथा एक वर्ष में 20 हजार पक्षी का रहवास देखें गये है।

वनमंडलाधिकारी दुर्ग द्वारा फ्रुट प्लांटेशन बावामोहतरा का दौरा किया गया, जहां महिला समुह के लिये अतिरिक्त आय हेतु फलदार पौधों का ही रोपण किया गया है। जो कि वनसंरक्षण के साथ-साथ आय का स्त्रोत होगा। बेमेतरा उपवनमंडलाधिकारी श्री एम.आर.साहू, वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री आर.एस. चंदेल उपस्थित थे।

यूरोप, मंगोलिया, बर्मा और बांग्लादेश से पहुंचते प्रवासी पक्षी

100 एकड़ (Bird Awareness Center) में फैले पुराने तालाब के अलावा परसदा में भी 125 एकड़ के जलभराव वाला जलाशय है। यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों का अघोषित अभयारण्य माना जाता है। सर्दियों की दस्तक के साथ अक्टूबर से मार्च के बीच यहां यूरोप, मंगोलिया, बर्मा और बांग्लादेश से पहुंचते हैं। जलाशय की मछलियां, गांव की नम भूमि और जैव विविधता इन्हें आकर्षित करती है। गिधवा-परसदा जलीयतंत्र में भरपूर जलीय खाद्य वनस्पति व जीव होने के कारण यहां पक्षियों के लिए रहवास उपयुक्त देखा गया है। अध्ययनों से अवलोकन द्वारा पक्षियों की कुल 143 प्रजातियां जिसमें कुल 26 स्थानीय प्रवासी प्रजातियॉं, 11 विदेशी प्रवासी प्रजातियॉं तथा 106 स्थानीय आवासीय प्रजातियॉं पक्षी पायी गयी है।

सरकार कर रही है हर संभव प्रयास

आपको बताते चले कि, गिधवा- परसदा पक्षी-विहार को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में शामिल करने के लिए सरकार की ओर से आवश्यक कदम उठाया गया। उल्लेखनीय है कि दुर्ग वनमंडल के अंतर्गत बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा, नगधा, एरमशाही जलीय नमी क्षेत्रा अवस्थित हैं। जलीय स्थल जैव विविधता की बहुलता के साथ-साथ पारिस्थितिकीय व स्वस्थ्य पर्यावरण के लिये उपयुक्त माना जाता है। गिधवा-परसदा स्थल मुख्यतः जलीय नमी युक्त क्षेत्रा है। इसका भौगोलिक विस्तार लगभग 6 कि.मी., 180 हे. क्षेत्र में है। यह गिधवा-परसदा में मुख्य 2 बड़े तथा 2 मध्यम आकार के जलाशय हैं, नजदीकी ग्राम एरमशाही में 5 जलाशय भी स्थित हैं।

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