छत्तीसगढ

BJP Permanent Secretary : अन्नदाताओं को हो रही है खाद की किल्लत

पाटन, 10 फरवरी। BJP Permanent Secretary : छत्तीसगढ़ भाजपा विद्यायक दल के स्थायी सचिव जितेंद वर्मा ने कहा है कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से किसानों को खाद की कमी के संकट से गुजरना पड़ रहा। जब प्रदेश सरकार किसानों के हितैषी होने का दम्भ भरते नही थकती तो किसानों को सुविधा देने के नाम पर केवल सियासत क्यों करती है। खाद की कमी के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। छतीसगढ़ में विगत 15 साल तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही है।

डॉ रमन सिंह मुख्यमंत्री (BJP Permanent Secretary) रहते हुए कभी भी डीएपी और यूरिया की कमी होने नही दिया। लेकिन जब से प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई है तब से किसानों के सामने परेशानिया ही परेशानियां आ रही है। खाद नही मिलने के कारण किसान निजी बाजार से अधिक दाम पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। देश के और किसी राज्य में खाद की कमी नहीं है। कांग्रेस हमेशा से ही किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर सियासत करते आ रही है। किसानों को लोक लुभावनाओ वादों में उलझकर झूठ फरेब की राजनीति करती है।

मरकाम मोदी फोबिया नामक बीमारी से ग्रसित

उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के उस बयान पर कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है तब से लेकर आज तक किसानों पर आफत ही आफत आ रही है। फसल लगाने से लेकर उपज बेचने तक मोदी निर्मित प्राकृतिक आपदाओं से जूझना पड़ता है।उस पर घोर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि दरअसल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम मोदी फोबिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित है।

उन्होंने कहा कि जब भी प्राकृतिक आपदा आती है तब मोहन मरकाम को मोदी द्वारा निर्मित प्राकृतिक आपदा नजर आती है। उन्होंने मोहन मरकाम से सवाल करते हुए कहा कि दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में बेमौसम बारिश हुई है जिससे अन्नदाताओं के लाखों क्विंटल धान खराब हो गए।

क्या बेमौसम हुई बारिश मोदी द्वारा निर्मित प्राकृतिक आपदा है?उनका यह बयान बेहद हास्यपद है। उनको मनोरोग विशेषज्ञ के पास जाकर इलाज कराना चाहिए। जिससे उनकी मनोदशा सुधर जाए! हमने बार बार भूपेश बघेल की सरकार से मांग की थी कि धान खरीदी एक नवम्बर से की जाए लेकिन धान की खरीदी दिसम्बर माह से शुरू हुई। जिसका परिणाम है कि किसानों को बेमौसम बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा से गुजरना पड़ रहा है।

बीती रात भी जमकर (BJP Permanent Secretary) बारिश हुई है जिससे धान खरीदी केंद्रों में पड़े धानों पर जमकर असर पड़ा है क्योंकि सरकार ने जानबूझकर धान खरीदी केंद्रों में बेमौसम बारिश से धानों को बचाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की। श्री वर्मा ने कहा कि भाजपा ने 15 फरवरी तक अन्नदाताओं का धान खरीदी करने की मांग की थी लेकिन सरकार के कानों में जूं नही रेंगी। सरकार की हठधर्मिता किसानों को पूरी तरह ले डूबा।

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