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CAIT का दीपावली मिलन समारोह…! ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश…व्यापारी समाज ने लिया संकल्प

रायपुर, 21 अक्टूबर। CAIT : देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह आज पंडरी स्थित ब्।प्ज् प्रदेश कार्यालय में भव्यता और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि, व्यापारी उद्योगपति, युवा और महिला व्यापारी, समाजसेवी और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए।

स्वदेशी भावना और व्यापारी गौरव का संदेश

कार्यक्रम का शुभारंभ CAIT के राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन अमर पारवानी और अन्य प्रमुख अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, BJP के प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी, और कई व्यापारिक नेता विशेष रूप से उपस्थित रहे।

अमर पारवानी ने अपने संबोधन में कहा, दीपावली सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह स्वदेशी भावना, व्यापारी गौरव और आर्थिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि CAIT का उद्देश्य भारतीय व्यापार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हर व्यापारी तक स्वदेशी का संदेश पहुँचाना है।

स्वदेशी से सशक्त भारत की ओर

पारवानी ने आगे कहा, व्यापारी समाज राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। स्वदेशी के दीप से सशक्त भारत का निर्माण हमारा संकल्प है। हम हर दुकान से स्वदेशी का शंखनाद कर रहे हैं, जिससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हम कदम बढ़ा सकें।

कार्यक्रम में सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत CAIT छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद जैन ने किया। उन्होंने वोकल फॉर लोकल के संकल्प के साथ व्यापारियों से स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सके और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सभी व्यापारी सक्रिय भागीदार बन सकें।

व्यापारियों का सशक्तिकरण और डिजिटल ट्रेडिंग पर चर्चा

कार्यक्रम में व्यापारियों के सशक्तिकरण, डिजिटल ट्रेडिंग में भागीदारी और स्वदेशी व्यापार के प्रसार पर भी सार्थक चर्चा हुई। व्यापारियों के बीच मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान हुआ, और पूरे कार्यक्रम में सौहार्द, उत्साह और देशभक्ति की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई दी।

सभी ने एक स्वर में नारा लगाया

कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित व्यापारियों ने एक स्वर में नारा लगाते हुए अपने स्वदेशी संकल्प को सशक्त किया। यह कार्यक्रम केवल दीपावली के उल्लास का प्रतीक नहीं था, बल्कि यह व्यापारी समाज की ताकत, स्वदेशी के प्रति प्रतिबद्धता और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम था।

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