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रायपुर, 01 मार्च। CG New Industrial Policy : आप छत्तीसगढ़ आइए, निवेश करिए और विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहभागी बनें। विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ को समर्पित हमारी नई उद्योग नीति लागू होने से अब तक राज्य सरकार को 1 लाख 23 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। राज्य सरकार न्यूनतम प्रशासन-अधिकतम प्रोत्साहन, उद्यमियों को निवेश अनुकूल माहौल और हर संभव सहयोग दिए जाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर में आयोजित इंडस्ट्री डायलॉग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने वाली भारत सरकार की महती योजना रैंप का प्रदेश में शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 09 लाभार्थियों को 2 करोड़ 21 लाख से अधिक, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य संस्करण योजना के तहत 3 लाभार्थियों को 55 लाख से अधिक तथा राज्य में निवेश करने वाले 16 निवेशकों को इनविटेशन टू इन्वेस्ट पत्र वितरित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का संकल्प रखा है। उनके संकल्प के अनुरूप छत्तीसगढ़ को विकसित करने छत्तीसगढ़ विजन 2047 तैयार कर इस दिशा में लगातार काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत अनुमति, अनुमोदन और नवीनीकरण की प्रक्रिया हमने काफी आसान कर दी है, जिससे प्रदेश में निवेश आकर्षित हो रहे हैं। श्री साय ने बताया कि हमारी सरकार उद्योग जगत की सुविधा के लिए नये औद्योगिक पार्क स्थापित कर रही है। इनके तैयार होने के बाद यहां तेजी से निवेशक अपने उद्योग लगा सकेंगे। प्रदेश सरकार ने 7 नये लघु औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की है तथा 4 बड़े औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना प्रक्रियाधीन है। बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना के चलते सहायक ईकाइयों के लिए बड़ी संभावनाएं बनती हैं। इन्हें स्थान देने के लिए नगरनार के पास नियानार में 118 एकड़ भूमि में नये औद्योगिक पार्क की स्थापना की उन्होंने जानकारी भी दी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद से हम रायपुर, दिल्ली और मुंबई में इंवेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम कर चुके हैं जिसमें बड़ी संख्या में निवेशकों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की इच्छा जताई है। नई औद्योगिक नीति के लागू होने के बाद अब तक 1 लाख 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले है और 50 से ज्यादा उद्यमियों को निवेश हेतु प्रमाणपत्र भी सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज पदार्थों से समृद्ध है। हम बिजली सरप्लस स्टेट हैं। सेंट्रल इंडिया में होने के कारण कनेक्टिविटी देश के सभी हिस्सों से शानदार है और हमारी नीति और नीयत ने प्रदेश को निवेश के लिए आदर्श स्थल बना दिया है।
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मुख्यमंत्री साय ने एआई, आईटी, डाटा सेंटर, रोबोटिक्स जैसी नई संभावनाओं के साथ ही फार्मास्युटिकल, रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में निवेश के लिए नई औद्योगिक नीति में विशेष प्रोत्साहन दिए जाने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री साय ने सेमी कंडक्टर, डाटा सेंटर और एआई आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए प्रस्ताव प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश के रजत जयंती वर्ष का जिक्र करते हुए छत्तीसगढ़ की वित्तीय यात्रा की जानकारी भी साझा की। उन्होंने बताया कि पिछले 25 वर्षों में प्रदेश की जीएसडीपी 20 गुना बढ़कर 5 लाख करोड़ हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 25 वर्षों में प्रदेश के बजट का आकार भी बढ़ा है और अब हम कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ाने की दिशा में भी लगातार काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने राज्य सरकार सभी क्षेत्रों सकारात्मक पहल कर रही है। विकसित छत्तीसगढ़ के विजन को पूरा करने के लिए छतीसगढ़ सरकार ने नई औद्योगिक नीति राज्य में लागू की है। उन्होंने बताया कि इस नीति के माध्यम से राज्य से बाहर के निवेशकों को आमंत्रित किया गया है और उद्योगों की स्थापना से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उद्योग मंत्री देवांगन ने पिछले 6 वर्षों से जिन उद्योगों को अनुदान की राशि नही मिली उनकी राशि जल्द जारी किए जाने की जानकारी दी और कहा कि सरकार 489 करोड़ रुपए 1049 लघु और बड़े उद्योगों को भुगतान करेगी।
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इन्वेस्टर्स डायलॉग में मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने 16 निवेशकों को इनविटेशन टू इन्वेस्ट पत्र भी सौंपे, जिसके तहत प्रदेश में लगभग 11 हजार 733 करोड़ रुपए का निवेश होगा और लगभग 9 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। कार्यक्रम में एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया से प्रशिक्षण प्राप्त 05 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
इन्वेस्टर्स डायलॉग को मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला, संचालक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम अंकिता पाण्डेय ने भी संबोधित किया। उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया और विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी साझा की। इस दौरान मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत सहित उद्योग विभाग के अधिकारी कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में उद्यमीगण उपस्थित थे।