CG Paddy Purchased : 111.75 लाख मीट्रिक टन बंपर धान खरीदी के साथ अब तक के टूटे सारे रिकार्ड जबकि अभी पूरा एक पखवाड़ा भी बाकी
![Custom Milling: Continuous lifting of paddy for custom milling...112 lakh 82 thousand metric tons of paddy lifted in the state.](https://jantakiaawaz.in/wp-content/uploads/2023/12/16_1702570404657b29a46bd1e_14kasdol01-e1703163686836.jpg)
रायपुर, 16 जनवरी। CG Paddy Purchased : मोदी जी की गारंटी के अनुरूप 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी के निर्णय से धान खरीदी केंद्रों में अन्नदाताओं ने अपना धान बेचकर बंपर धान खरीदी का अब तक का सारा रिकार्ड तोड़ दिया। मंगलवार को 111.75 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई। पिछले साल 107.53 लाख मीट्रिक टन की खरीदी हुई थी। बंपर खरीदी की स्थिति तब है जब धान खरीदी के लिए पूरा एक पखवाड़ा बचा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 130 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जन का लक्ष्य रखा गया है। जिसके विरूद्ध राज्य सरकार द्वारा अब तक किसानों से 111.75 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा चुकी है। धान के एवज में किसानों को 23448 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान विक्रय का लाभ पूर्व में धान बेच चुके किसानों को भी मिलेगा। इसका आशय यह है कि एक नवम्बर से अब तक पूर्व निर्धारित मात्रा के अनुरूप धान बेच चुके किसान, शेष मात्रा का धान, उपार्जन केन्द्र में 31 जनवरी तक बेच सकेंगे।
मार्कफेड के महाप्रबंधक से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 21 लाख 266 किसानों से 111 लाख 75 हजार 247 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। इसके एवज में किसानों को 23 हजार 448 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव जारी है। अब तक 92 लाख 5 हजार 247 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है। जिसके विरूद्ध में मिलर्स द्वारा 71 लाख 87 हजार 338 मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है।
विगत खरीफ वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर 23 लाख 42 हजार 50 किसानों से 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। धान खरीदी के एवज में किसानों को करीब 22 हजार 067 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया था।