छत्तीसगढ

हिंदी विश्‍वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत महोत्‍सव 8 जनवरी को, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ होंगे मुख्‍य अतिथि

वर्धा, 5 जनवरी। महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा का चतुर्थ दीक्षांत महोत्‍सव  शुक्रवार, 8 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे से सम्‍पन्‍न होने जा रहा है। महोत्‍सव  में भारत सरकार के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ मुख्‍य अतिथि होंगे। उक्‍त जानकारी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने मंगलवार को आयोजित ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में दी। उन्‍होंने बताया कि दीक्षांत कार्यक्रम की अध्‍यक्षता विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. कमलेश दत्‍त त्रिपाठी करेंगे। इस अवसर पर विशिष्‍ट अतिथि के रूप में वर्धा के सांसद रामदास तडस तथा महाराष्‍ट्र सरकार के पशु संवर्धन तथा खेल मंत्री सुनील केदार उपस्थित होंगे। दीक्षांत महोत्‍सव  में दीक्षांत उपदेश विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल देंगे।

प्रो. शुक्‍ल ने बताया कि चतुर्थ दीक्षांत महोत्‍सव में 54 विद्यार्थियों को स्‍वर्ण पदक तथा 801 स्‍नातकों (जिसमें 117 विद्यार्थियों को पी-एच.डी., 43 विद्यार्थियों को एम.फिल., 453 विद्यार्थियों को स्‍नातकोत्‍तर तथा 188 विद्यार्थियों  को स्‍नातक) को उपाधि प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम का प्रारंभ प्रात: 10.45 बजे डॉ. श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी भवन में होगा। इस दौरान मुख्‍य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा विश्‍वविद्यालय की ओर से प्रकाशित पुस्‍तकों का लोकार्पण किया जाएगा। यह महोत्‍सव  ऑनलाइन होगा।

प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि विश्‍वविद्यालय का स्‍थापना दिवस 08 जनवरी को है और इस दृष्टि से दीक्षांत महोत्‍सव और स्‍थापना दिवस एक साथ मनाना विश्‍वविद्यालय के लिए दोहरे खुशी का अवसर है। दीक्षांत महोत्‍सव में नागपुर विश्‍वविद्यालय, अमरावती विश्‍वविद्यालय, गोंडवाना विश्‍वविद्यालय, कवि कुलगुरु संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय, रामटेक के कुलपति, वीएनआईटी, आईआईएम, नागपुर के निदेशक शामिल होंगे।

कोरोना कालखंड में ऑनलाइन शिक्षण का उल्‍लेख करते हुए कुलपति प्रो. शुक्‍ल ने कहा कि कोरोना काल में विश्‍वविद्यालय का परिसर कोरोना से मुक्‍त रहा है। विश्‍वविद्यालय ने 17 मार्च, 2020 से ही ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की और 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी कक्षाओं में शामिल हुए। इतना ही नहीं, दुनिया के तमाम देशों के विद्यार्थियों के लिए भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद की सहमति के आधार पर ऑनलाइन शिक्षण प्रदान करने का काम किया। इस कालखंड में विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थियों ने वर्धा सहित 10 से अधिक गांवों का सर्वे कर 400 पृष्‍ठों की रिपोर्ट तैयार की। विश्‍वविद्यालय ने इस रिपोर्ट को केंद्र और राज्‍य सरकार को सौंपा है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍वविद्यालय ने सामाजिक संपर्क और उत्‍तरदायित्‍व का परिचय देते हुए कोरोना काल में 2 हजार से अधिक जरूरतमंद लोगों की मदद की है। विश्‍वविद्यालय ने कोरोना के नियमों का शत प्रतिशत पालन करते हुए 10 से अधिक अंतरराष्‍ट्रीय वेबिनार हिंदी माध्‍यम से संपन्‍न कराया, जिसमें 7 से अधिक देशों के अध्‍यापकों ने हिंदी में अपनी बात रखी।

विश्‍वविद्यालय द्वारा आयोजित बाबासाहेब ई-ज्ञान श्रृंखला व अन्‍य कार्यक्रमों में महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल श्री भगत सिंह कोश्‍यारी, केरल के राज्‍यपाल श्री आरिफ मोहम्‍मद खान, राजस्‍थान के राज्‍यपाल श्री कलराज मिश्र, विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कमलेश दत्‍त त्रिपाठी, उत्‍तरप्रदेश विधानसभा के अध्‍यक्ष श्री ह्दयनारायण दीक्षित, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्‍यपाल डॉ. केशरीनाथ त्रिपाठी, गोवा के पूर्व राज्‍यपाल श्रीमती मृदुला सिन्‍हा, राज्‍यसभा के सदस्‍य श्री शिव प्रताप शुक्‍ल, सामाजिक कार्यकर्ता श्री अशोक भगत, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्‍ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पाण्‍डेय, आर्गेनाइजर के संपादक श्री प्रफुल्‍ल केतकर, राज्‍यसभा के पूर्व सांसद डॉ. महेशचंद्र शर्मा, केंद्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍यमंत्री श्री रामदास आठवले, इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्‍ली के अध्‍यक्ष श्री रामबहादुर राय सहित अन्‍य लब्‍ध प्रतिष्ठित विद्वानों की उपस्थिति एवं आशीर्वचन प्राप्‍त हुए।   अभी हाल ही में माननीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ जी ने विश्‍वविद्यालय में भारतीय अनुवाद संघ का ई शुभारंभ किया। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि देश-विदेश के 64 भाषाओं के 01 हजार से अधिक अनुवादकों ने पंजीकृत कराकर एक अनूठी पहल की है। ‘भारतीय अनुवाद संघ’ राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा और ज्ञान में उन्नयन की दृष्टि से उपर्युक्त कार्यों में अग्रणी नेतृत्वकारी भूमिका का निर्वहन करने के लिए संकल्पित है ।

8 अक्‍टूबर, 2020 को विश्‍वविद्यालय ने महाराष्‍ट्र सरकार के साथ वेबिनार किया जिसमें 7 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्‍सा लिया। उन्‍होंने कहा कि विश्‍वविद्यालय अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर हिंदी के उन्‍नयन के लिए अग्रसर है। विश्‍वविद्यालय में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर 50 से अधिक वेबिनार कर कोरोना के काल में भी हमने अकादमिक दायित्‍वों का परिचय दिया है। उन्‍होंने कहा कि उच्‍च शिक्षा में हिंदी माध्‍यम से कार्य करने को लेकर विश्‍वविद्यालय नई प्रविधियां विकसित कर रहा है। इस दिशा में आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए इंटरनेट आधारित रेडियो के माध्‍यम से भी अभिनव प्रयोग किया जा रहा है और साथ ही विश्‍वविद्यालय हिंदी के माध्‍यम से ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में आधुनिकतम तकनीक के द्वारा दुनिया भर में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है।

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