छत्तीसगढ

CM पाटन क्षेत्र के पंचायत एवं नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों से की मुलाकात, गौठानों को आजीविका का केन्द्र बनाएं

रायपुर, 3 जून। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में पाटन विधानसभा क्षेत्र से आए नगरीय निकायों एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों से जनसामान्य के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने तथा ग्रामीणों के स्वावलंबन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के विकास का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। गांव में पशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौठानों के निर्माण के साथ ही आय मूलक गतिविधियां शुरू की गई है। उन्होंने पंचायत पदाधिकारियों से गौठानों को ग्रामीणों की आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों के निर्माण से खुली चराई प्रथा को रोकने में मदद मिली है। किसान अब निश्चिंत होकर बारह मासी खेती कर सकते हैं। गौठानों के जरिए जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलने लगा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थिति और इससे निपटने के लिए राज्य शासन द्वारा की गई पहल की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हमारी यह कोशिश रही है कि संकट के इस काल में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। राज्य के 56 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों को तीन माह का 105 किलो चावल निःशुल्क दिया गया है। ऐसे परिवार जिनके पास राशनकार्ड नहीं थे, उन्हें 5-5 किलो चावल प्रदाय किया गया। राजीव किसान न्याय योजना शुरूआत की गई ताकि राज्य के किसानों को उनके फसल का वाजिब मूल्य प्राप्त हो सके और खेती-किसानी की ओर लोगों का रूझान बढ़े। इसके तहत किसानों को 5700 करोड़ रूपए की सहायता राशि की पहली किस्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए सीधे उनके खातों में अंतरित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के गठन के बाद धान खरीदी, फसल बीमा, किसान सम्मान निधि, प्रोत्साहन राशि, लघु वनोपजों की खरीदी, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक के एवज में राज्य के किसानों और मजदूरों को बहुत बड़़ी राशि उपलब्ध कराई गई है। जिससे छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर पंचायत एवं नगरीय निकायों के पदाधिकारियों से उनके क्षेत्र में चल रहे विकास के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी ली और निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूरा कराए जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के श्रमिक वापस अपने गांव-घर लौट रहे हैं। गांवों में संक्रमण न फैले इसको ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा गांवों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने पंचायत एवं नगरीय निकाय के पदाधिकारियों से क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था पर निगरानी रखने तथा वहां रह रहे श्रमिका भाई-बहनों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 दिनों का क्वारेंटाइन पूर्ण करने वाले श्रमिक भाई-बहनों को लेकर किसी भी तरीके का संशय मन में न पाले। इन्हें गांव-घर में बिना किसी भेदभाव के प्रवेश दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में ग्रामीणों को गांवों में ही रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने पंचायत पदाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि मनरेगा के साथ ही अन्य योजनाओं के रोजगार मूलक कार्य गांव में निरंतर संचालित हों ताकि लोगों को काम मिलता रहे। मुख्यमंत्री ने पंचायत एवं नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों से एक-एक कर उनके क्षेत्र की जन सामान्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी ली और शीघ्रता से उनका निराकरण करने का भरोसा दिलाया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button