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विदाई भाषण में बोले गुलाम नबी- ‘मैं उन खुशकिस्मत लोगों में हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गए’

नई दिल्ली, 9 फरवरी। राज्यसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष की विदाई के अवसर पर ना केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि खुद गुलाम नबी आजाद भी कुछ पलों के लिए भावुक हो गए तथा उन्होंने देश से आतंकवाद के खात्मे और कश्मीरी पंडितों के आशियानों को फिर से आबाद किए जाने की कामना की।

उच्च सदन में अपने विदाई भाषण के दौरान आजाद ने उस घटना का विवरण दिया जिसकी चर्चा करते हुए इससे पहले प्रधानमंत्री का गला रूंध गया था। आजाद ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिनों के भीतर कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे।

उन्होंने कहा कि वह जब हवाईअड्डे पहुंचे तब पीड़ित परिवारों के बच्चे उन्हें पकड़कर रोने लगे। आजाद ने कहा कि वह दृश्य देखकर उनके मुंह से चीख निकल गई, ‘खुदा तूने ये क्या किया… मैं क्या जवाब दूं इन बच्चों को… इन बच्चों में से किसी ने अपने पिता को गंवाया तो किसी ने अपनी मां को… ये यहां सैर करने आए थे और मैं उनकी लाशें हवाले कर रहा हूं।’

इसी कड़ी में आजाद ने कहा, ‘अल्लाह से… भगवान से… यही दुआ करते हैं कि इस देश से आतंकवाद खत्म हो जाए।’ जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में शहीद हुए केंद्रीय बलों और पुलिस के जवानों के साथ आम नागरिकों के मारे जाने का उल्लेख करते हुए आजाद ने कश्मीर के हालात ठीक होने की कामना की।

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कश्मीरी पंडितों का भी जिक्र किया और कहा कि वह जब छात्र राजनीति में थे उन्हें सबसे अधिक मत कश्मीरी पंडितों का ही मिलता था। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कश्मीरी पंडितों के उजड़े आशियानों को बसाने की दिशा में प्रयास करने का आग्रह करते हुए एक शेर सुनाया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहा, ‘गुजर गया वह जो छोटा सा एक फसाना था, फूल थे, चमन था, आशियाना था, न पूछ उजड़े नशेमन की दास्तां, न पूछ थे चार तिनके, मगर आशियाना था।’ पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि उन्हें फक्र होता है कि वह एक हिंदुस्तानी हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं उन खुशकिस्मत लोगों में हूं जो कभी पाकिस्तान नहीं गए। लेकिन जब मैं वहां के बारे में पढ़ता हूं या सुनता हूं तो मुझे गौरव महसूस होता है कि हम हिंदुस्तानी मुसलमान हैं। विश्व में किसी मुसलमान को यदि गौरव होना चाहिए तो हिंदुस्तान के मुसलमान को गर्व होना चाहिए।’

मुस्लिम देशों की स्थिति बयान करते हुए उन्होंने पाकिस्तान का उल्लेख किया और कहा कि वहां जो सामाजिक बुराइयां हैं, वह भारत में नहीं है। उन्होंने कामना करते हुए कहा, ‘हमारे मुसलमानों में ये सामाजिक बुराइयां कभी ना आए।’

इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद से जुड़ी एक घटना के बाद आजाद द्वारा पीड़ितों की मदद के लिए किए गए कार्यों को याद करते हुए भावुक हो गए थे। उस समय मोदी गुजरात के तथा आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। मोदी ने आजाद से उस आतंकी घटना से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए कहा था।

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