CM ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए क्वारेंटीन सेंटर में ठहरे लोगों, कलेक्टर व सरपंच से की बातचीत
रायपुर, 6 जून। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के धमतरी, दुर्ग, सरगुजा, बिलासपुर और बस्तर के विभिन्न क्वारेंटीन सेंटरों में ठहरे हुए लोगों, कलेक्टरों और सरपंचों से बात की। उन्होंने लोगों से सेंटरों की व्यवस्था, लोगों के स्वास्थ्य के बारे में पूछा और सुझाव भी मांगे
मुख्यमंत्री ने बातचीत के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्वारेंटाईन सेंटरों में ठहरे हुए लोगों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो। उन्हें किसी चीज की कमी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए ऐसे लोग जो अपनी पहचान छुपा रहे हैं, जिन्होंने प्रशासन को अपने आने की सूचना नहीं दी है, उन पर सख्त कार्यवाई होनी चाहिए। संक्रमण रोकने के लिए बाहर से आने वाले लोगों को क्वारेंटीन सेंटर में रोकना और उनके स्वास्थ्य की लागातार जांच और आवश्यक होने पर इलाज की व्यवस्था करना आवश्यक है। वन, पर्यावरण तथा आवास मंत्री श्री मोहम्मद अकबर और स्कूल शिक्षा और सहकारिता मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कलेक्टर बस्तर, सकरी क्वारेंटीन सेंटर के नोडल अधिकारी और सरगुजा के प्रतापगढ़ ग्राम पंचायत की सरपंच से भी बातचीत की और उन्होंने अच्छी व्यवस्था के लिए उनकी सराहना की। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि आपको लोगों की सेवा करने का मौका मिला है।
मुख्यमंत्री ने क्वारेंटीन सेंटर में रूके श्रमिकों से बातचीत के दौरान कहा कि वे लोग बाहर जो काम करते थे, उनकी जानकारी क्वारेंटीन सेंटरों में जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए फार्म में अवश्य दे। इससे उन्हें प्रदेश में ही उनके कौशल के अनुसार काम दिलाने में मदद मिलेगी। बिलासपुर के सकरी स्थित मिनीमाता क्वारेंटाईन सेंटर में रूके बिलासपुर तिफरा निवासी श्री केदार साहू ने बताया कि वे महाराष्ट्र के सोलापुर से लौटे हैं, वहां वे राजमिस्त्री का काम करते थे। उन्हांेने बताया कि वे आठ दिन पहले छत्तीसगढ़ लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे सेंटर की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। उन्हांेने बताया कि उनके सेंटर में व्यवस्थाएं ठीक है समय पर भोजन, नाश्ता, चाय दी जाती है। श्री बघेल ने सेंटर में रूके लोगों के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि किसी की सर्दी, खांसी, बुखार तो नहीं है, श्री साहू ने बताया कि सेंटर मंे 125 लोग रूके हैं, किसी को भी ऐसी शिकायत नहीं है। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि बच्चे और वे लोग अपना समय कैसे बिताते हैं, श्री साहू ने बताया कि सेंटर में कैरम बोर्ड और रेडियो और टीवी मनोरंजन के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। लेडीज मन टीव्ही सीरियल देखती हैं हम लोग कैरम में बिजी रहते हैं। डाॅक्टर हर दिन सुबह आकर स्वास्थ्य की जांच करते हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को थैक्यू भी बोला। मुख्यमंत्री ने इस केन्द्र के नोडल अधिकारी से भी बात की।
जगदलपुर के कुम्हरावण्ड के क्वारेंटीन सेंटर में रूकी निर्मला ने बताया कि वे हरियाणा से लौटी है, कपड़े की दुकान में काम करती थी। मुख्यमंत्री ने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। निर्मला ने बताया कि उनका स्वास्थ्य ठीक है, कोई तकलीफ नहीं है। सेंटर में भोजन, नाश्ता और मनोरंजन की व्यवस्था है। निर्मला ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने जो ट्रेन चलाई उसी में हम लोग वापस छत्तीसगढ़ आए हैं। इसी सेंटर में रूके जगदलपुर निवासी श्री राजगोपाल पटनायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे 19 मार्च को ओडिशा के नवरंगपुर अपने ससुराल गए थे और दो माह बाद 29 मई को वापस लौटे हैं। उन्होंने बताया कि व्यवस्था मंे कोई कमी नहीं है।
श्री बबलू कश्यप ने बताया कि वे तीन माह पहले केरल गए थे। वहां सेंटरिंग का काम करते थे, वे बस करके लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि बस में कितना खर्चा लगा तो श्री कश्यप ने बताया कि आठ हजार की राशि आने में खर्च हुई है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर बस्तर से कहा कि जो वापस आए हैं, उनका पेमेन्ट करा देना। श्री कश्यप ने बताया कि वे मछली पकड़ने का काम करते हैं। कलेक्टर बस्तर ने मुख्यमंत्री को बताया कि बस्तर के सेंटरों मंे 6 हजार 900 लोग है। सभी के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जा रही है। मेडिकल काॅलेज जगदलपुर से तीन कोरोना पाजिटिव ठीक होकर घर लौट गए हैं। सबके स्वास्थ्य, भोजन और मनोरंजन का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने कलेक्टर बस्तर को दिए। धमतरी जिले के देवरी स्कूल में स्थापित क्वारेंटीन सेंटर में रूके धमतरी निवासी श्री दानी राम ने बताया कि वे गुजरात के सांभरकाठा गए थे। वहां वे अस्पतालों के सर्जिकल विभाग में उपयोग किए जाने वाले काॅटन का रोल तैयार करने वाले उद्योग में काम करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि उन्हें यहां यही काम मिल जाए तो कैसा रहेगा। उन्होंने कहा कि अपने काम की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराए गए फार्म मंे भी दें, इससे उन्हें छत्तीसगढ़ में ही काम मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। श्री कश्यप ने बताया कि सेंटर में व्यवस्था ठीक है, डाॅक्टर, गुरूजी लोग सेवा कर रहे हैं। कोटवार और सीईओ भी हम लोगों से बात करते हैं। मुख्यमंत्री ने दानी राम जी की बेटी पायल और बेटे हुनेन्द्र से बड़ी आत्मीयता से बात की। पायल ने मुख्यमंत्री को बताया कि वो पहली कक्षा में पढ़ती है। मुख्यमंत्री ने पायल से कहा कि वो यहां स्कूल में अपना एडमिशन करा ले। उन्होंने दानी राम की पत्नी किरण से बच्चों के बारे में पूछा लइका मन कैसे हैं, दानी राम ने बताया कि गुरूजी लोगों ने बच्चों के खेल का सामान ला दिया है, बच्चे उनसे खेलते हैं। मुख्यमंत्री को दुर्ग जिले के धमधा के पथरिया डोमा के क्वारेंटीन सेंटर में रूके श्री निषाद ने बताया कि उन्हें इस सेंटर में आए 16 दिन हो गए है, उनकी जांच हुई है। सेंटर की व्यवस्थाएं अच्छी है। इस सेंटर में 10 लोग है सभी मिलजुल कर रहते हैं। मुख्यमंत्री ने श्री निषाद से छत्तीसगढ़ी में पूछा सब बने-बने हो। श्री निषाद ने हालचाल पूछने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
सरगुजा जिले के सीतापुर तहसील के प्रतापगढ़ स्थित डी.ए.व्ही. पब्लिक स्कूल में बनाए गए क्वारेंटाईन सेंटर में ठहरी जिवंती ने मुख्यमंत्री को बताया कि फरवरी में देहरादून गई थी वहां मजदूरी का काम करती थी, उनके साथ 15 लोग गए थे, सब 24 मई को वापस आ गए हैं। उन्होंने बताया कि सेंटर में भोजन, नाश्ता के साथ-साथ रेडियो-टीवी की भी व्यवस्था है। सभी का स्वास्थ्य ठीक है। वे लोग स्पेशल ट्रेन से बिलासपुर आए और वहां से सड़क मार्ग से सरगुजा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत की प्रतापगढ़ की सरपंच श्रीमती कमला बाई से भी सेंटर की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। श्रीमती कमला बाई ने बताया कि इस सेंटर में 65 लोग है, सभी का स्वास्थ्य ठीक है और प्रशासन से सेंटर की व्यवस्थाओं के लिए अच्छा सहयोग मिल रहा है।