Delhi Pollution: दिल्लीवासियों को आज भी लेनी पड़ेगी जहरीली हवा में सांस, गंभीर श्रेणी में बनी हुई है वायु गुणवत्ता
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता अभी भी ‘गंभीर (Severe)’ श्रेणी में ही रहेगी। शनिवार सुबह यहां की आंकी गई AQI 533 है। दिल्ली की हवा में प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने रखने वाली संस्था सफर (SAFAR) ने शनिवार सुबह यह जानकारी दी। दिवाली के एक दिन बाद भी शनिवार सुबह दिल्ली में घना कोहरा छाया हुआ है। यह ठंड का कोहरा नहीं बल्कि प्रदूषण की मोटी परत है जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर यदि 300 और 500 से अधिक रहता है तो वायु गुणवत्ता की श्रेणी गंभीर है।
शुक्रवार से ही दिल्ली-एनसीआर में AQI का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी 531 पर बना हुआ है। बता दें कि एक्यूआई जितना खराब होगा दिक्कतें उतनी बढ़ेंगी। दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने गुरुवार देर रात से ही गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें शुरू कर दी थीं। बढ़ता प्रदूषण सांस लेने में तकलीफ बढ़ाएगा। गले में खराश पैदा करने के साथ आंखों में तेज जलन पैदा करेगा। कुल मिलाकर सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।
एम्स के निदेशक डाक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कल प्रदूषण को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा, ‘हमने एक अध्ययन किया उसमें हमने देखा कि जब भी प्रदूषण का स्तर ज़्यादा होता है तो उसके कुछ दिन बाद बच्चों और व्यस्कों में सांस की समस्या की इमरजेंसी विजिट बढ़ जाती हैं। ये तय है कि प्रदूषण से सांस की समस्या बढ़ जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘हर साल दिवाली और सर्दियों के समय उत्तरी भारत में पराली जलाने, पटाखों, दूसरी वजहों से दिल्ली और पूरे इंडो गैंजेटिक बेल्ट में स्माग होता है और कई दिनों तक विजिबिलिटी बहुत खराब रहती है। इसका सांस के स्वास्थ्य पर बहुत असर होता है।’ डाक्टर गुलेरिया ने बताया, ‘ये भी डाटा आ रहा है कि हर साल वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों पर इसका लंबी अवधि में भी असर होता है, इससे उनके फेफड़ों के विकास पर भी असर होता है और उनके फेफड़ों की क्षमता कुछ हद तक कम होती है।’
दिवाली से पहले ही संस्था ने अपने पूर्वानुमान में बताया था कि यदि दिल्ली में एक भी पटाखा न जलाया जाए तो भी अगले तीन दिनों में हवा में PM 2.5 का स्तर बेहद खराब स्थिति में ही रहेगा। इसका सबसे बड़ा कारण उत्तर पश्चिमी हवाएं हैं जो पराली के धुएं को दिल्ली एनसीआर तक ले आएंगी। सफर के मुताबिक चार और पांच नवम्बर को दिल्ली और एनसीआर में हवा में प्रदूषण का स्तर गंभीर या बेहद खतरनाक स्तर पर रहेगा।