अंतरराष्ट्रीय

Earthquake In Afghanistan : भूकंप ने मचाई भारी तबाही, 1000 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर

काबुल, 22 जून। Earthquake In Afghanistan : अफगानिस्तान में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। आपदा प्रबंधन अधिकारियों के मुताबिक, भूकंप के कारण देश में हजारों लोगों की मौत हुई है। एक अधिकारी के मुताबिक, अब तक 920 लोगों की मौत की सूचना है। 

6.1 तीव्रता का भूकंप

अफगानिस्तान में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद चारों तरफ बर्बादी और तबाही का ही आलम दिखाई दिया। अफगानिस्तान के एक अधिकारी के मुताबिक, इस भूकंप में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वहीं 1500 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी सूचना है। अधिकारियों के मुताबिक, भूकंप के कारण सैंकड़ों घर भी तबाह हो चुके हैं।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप (Earthquake In Afghanistan) का केंद्र अफगानिस्तान के खोस्त शहर से करीब 44 किलोमीटर दूर था और 51 किलोमीटर की गहराई में था। ये भूकंप इतना तेज था कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर, मुल्तान, क्वेटा में भी लोगों को झटके महसूस हुए। इसके अलावा भारत में भी झटके महसूस किए जाने की खबर है।

पाकिस्तान में भी आया भूकंप 

इससे पहले मंगलवार देर रात पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां रात दो बजकर 24 मिनट पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। राहत की बात यह है कि पाकिस्तान में आए भूकंप में किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। इसके अलावा देर रात मलेशिया में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता यहां 5.1 रही।

कैसे आता है भूकंप?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता 

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले (Earthquake In Afghanistan) होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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