शिक्षा

Education in Sukma : ‘रीड एलॉन्ग’ एप्प बढ़ायेगा बच्चों की लंर्निग क्षमता

सुकमा, 19 अक्टूबर। Education in Sukma : कलेक्टर हरिस एस. ने सुकमा जिले में शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे बुनियादी शिक्षा अभियान को आगे बढ़ाते हुए नीति आयोग की सहयोगी संस्था पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से गूगल के मोबाइल एप्लिकेशन ‘‘रीड एलॉन्ग’’ के द्वारा ब्लेंडेड लर्निंग तकनीक के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी श्री नितिन डंडसेना, डीएमसी श्री एसएस चौहान खण्ड शिक्षा अधिकारी सुकमा रीना सिंह सहित शिक्षक और स्कूली बच्चे मुख्य रूप से मौजूद थे।

कार्यक्रम का संयोजन जिला शिक्षा अधिकारी नितिन डड़सेना व पिरामल फाउंडेशन के कार्यक्रम प्रबंधक (Education in Sukma) अमित गोरे ने किया व रीड एलॉन्ग ऐप्लिकेशन की जानकारी कार्यक्रम प्रबंधक स्वप्नेश चौहान ने दी। संस्था से उपस्थित लोगों में कार्यक्रम लीडर स्टीफन मस्कनल्ली और गांधी फेलो योगिता, काजल, सूरज व सचिन उपस्थित थे। कलेक्टर हरिस एस ने इस अवसर पर खण्ड स्तरीय कार्यशाला के माध्यम से एप्प के उपयोग को लेकर बच्चों सहित उनके पालकों एवं शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने की कार्ययोजना तैयार करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को कहा। जिससे कक्षा के साथ ही घर पर भी बच्चे पालकों की निगरानी में अपने पठन कौशल को विकसित करने में सक्षम हो।

वॉइस एसिस्टेंट ‘दिया’ करेगी बच्चों को पढ़ाई में सहयोग

ऐप्लिकेशन में ‘दिया’ नाम की वॉइस एसिस्टेंट है जो कि बच्चों को मित्र की भाँति पढ़ने में सहायता करती है। दिया के निरंतर संवाद के कारण ये ऐप्लिकेशन बच्चों के लिए बहुत ही रुचिकर हो जाती है। इसमें 1000 से ज्यादा कहानियाँ व कई स्तर हैं, जो कि बच्चों को निरंतर नए शब्द सीखने में सहायक हैं। ज्यादा देर तक बच्चे एक ही चीज़ से बोर ना हो जाएं इसलिए बीच-बीच में शब्दों के खेल भी आते रहते हैं जो कि ऐप्लिकेशन को जीवंत बनाते हैं।

शिक्षक भी अपनी कक्षा के बच्चों के लिए एक रीडिंग ग्रुप (Education in Sukma) बना सकते हैं, जिसके माध्यम से वो घर बैठे बच्चों के द्वारा पढ़ी गई कहानियाँ व उनके स्तर पर नज़र रख सकते हैं और बच्चों को और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। सुकमा जिले के लिए ऐप्लिकेशन में पार्टनर कोड 1234ेनाउ डालना होगा ताकि जिला प्रशासन बच्चों की प्रगति को देख सके व प्रोत्साहित कर सके। इसके माध्यम से शिक्षक भी अपने बच्चों की प्रगति को देख सकते हैं। यह ऐप्लिकेशन 5 से 11 वर्ष के बच्चों के लिए खासतौर पर डिजाइन किया गया है, किन्तु इसका उपयोग प्रौढ़ शिक्षा व किसी भी उम्र के लोगों के द्वारा भी किया जा सकता है।

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