छत्तीसगढ

Electricity Employees Union : क्या ‘संविदा’ शब्द से मुक्ति मिलेगी ?

Electricity Employees Union : Will there be freedom from the word 'contract'?

आज निकली मशाल रैली

रायपुर, 14 अगस्त। छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ की हड़ताल के पांचवें दिन शनिवार को वे अपनी मांगों पर डटे रहे। कर्मचारी संघ ने नियमितीकरण एवं विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद हुए संविदाकर्मियों सहित दुर्घटनाग्रस्त कर्मियों के लिए न्याय की मांग को लेकर बूढ़ा तालाब में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहे है। आंदोलनरत कर्मियों ने आज मशाल रैली निकाली है।

बिजली हादसों में शहीद हुए ठेका मजदूरों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे इन मजदूरों को उम्मीद है कि स्वतंत्रता दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार उनके दर्द को समझकर ‘संविदा’ शब्द से मुक्ति दिलाएगी।

नुक्क्ड़ नाटक में रो पड़े थे मंच पर

विद्युत संविदा कर्मचारी ने तीसरे दिन नुक्क्ड़ नाटक का मंचन करते समय अपनों की याद में रो पड़े थे। मंच पर बिजली दुर्घटनाओं में शहीद हुए संविदा कर्मियों एवं दुर्घटनाग्रस्त संविदा कर्मियों के लिए न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है। नियमितीकरण सहित तीन सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार से बूढ़ा तालाब में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू है। इसी कड़ी में गुरुवार को नाट्य के माध्यम से घातक विद्युत दुर्घटना की पीड़ा बताई। इस दौरान दुर्घटना में अपने एकलौते बेटे को खोने वाले पीडि़त परिवार के परिजन मंच में ही भावुक होकर रो पड़े।

कंपनी प्रबंधन की सदबुद्धि के लिए किया हनुमान चालीसा

इससे पूर्व बीते कल 11 अगस्त को छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ (Electricity Employees Union) के प्रतिनिधि मंडल एवं कंपनी प्रबंधन के बीच ढाई घंटे चले द्विपक्षीय बात की, लेकिन कंपनी प्रबंधन संघ के किसी भी मांग पर सहमति न बनने से संघ ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया। वहीं संविदा बिजली कर्मचारियो के विकराल आंदोलन के देख छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र से आये हजारों विद्युत संविदा कर्मचारियों को सम्बोधित कर उत्साह वर्धन कर उनके मांग को जायज ठहराते हुए समर्थन किया। वही हड़ताल के पांचवे दिन तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा द्वारा धरनास्थल में सभी विद्युत संविदा कर्मचारियों कम्पनी प्रबंधन और सरकार के सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ाया गया।

Electricity Employees Union : Will there be freedom from the word 'contract'?

इस तरह विद्युत संविदाकर्मियों का होता शोषण

  • अधिकृत कार्य है गड्डा खोदना, सामान परिवहन, पेड़ की टहनी काटना आदि मैदानी कार्य।
  • दबाव पूर्वक खंभे चढऩा, एलटी चालू लाइन में कार्य करना, मीटर लगाना, विद्युत विच्छेदन, पॉवर रीडिंग, फीडर अटेंड, आदि अनाधिकृत कार्य कराया जाता है।
  • पेट्रोल भत्ता नही मिलता, लेकिन फीडर पेट्रोलिंग, पॉवर मीटर रीडिंग और डीओ टीएमसी कार्य स्वयं के वाहन से करने के लिए बोला जाता है।
  • दुर्घटना होने पर, अनुकम्पा नियुक्ति नही मिलता, तथा इलाज स्वयं के वहन से करना।
  • 8 घण्टे से अधिक समय तक कार्य कराया जाता है।
  • 8 हजार मासिक वेतन देकर समस्त लाइनमैन का कार्य कराया जाता है।
  • सभी संविदा कर्मचारियों को अपने निवास स्थान से 150 से 200 किलोमीटर दूरी में पदस्थापना।
  • राष्ट्रीय अवकाश पर छुट्टी की पात्रता है लेकिन दीवाली में अतिरिक्त ड्यूटी लगाई जाती है जिसके एवज में अतिरिक्त वेतन भी नही मिलता।
  • कोरोना महामारी में 24 घण्टे ड्यूटी लगाई गई।
  • कोरोना काल में कार्य के दौरान कोरोना होने पर मुफ्त इलाज कराने के बजाय अनुपस्थित मानकर वेतन कटौती की गई।
  • कम्पनी प्रबंधन के सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा
  • हड़ताल के पांचवे दिन तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा द्वारा धरनास्थल में सभी विद्युत संविदा कर्मचारियों कम्पनी प्रबंधन और सरकार के सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ाया गया।

ये है सूत्रीय मांग

  • विद्युत कंपनी में कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए।
  • विद्युत दुर्घटनाओं में मृत्यु हुए संविदा कर्मियों को उचित मुआवजा एवं उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
  • विद्युत दुर्घटनाओं में स्थायी-अस्थायी अपंगता का शिकार हो चुके कर्मियों को उचित मुआवजा दिया जाए।

चरणबद्ध आंदोलन

  • 11 अगस्त अनिश्चितकालीन हड़ताल का शुभारंभ।
  • 12 अगस्त को धरना प्रदर्शन स्थल से विधानसभा घेराव।
  • 13 अगस्त को काली पट्टी बांधकर कैंडल मार्च।
  • 14 अगस्त को मशाल रैली।
  • 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वजारोहण एवं देश की स्वतंत्रता के लिए शहीद हुए सेनानियों एवं विद्युत संविदा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पण।
  • 16 अगस्त को कंपनी प्रबंधन की नई भर्ती नीति के विरोध में मुंडन संस्कार।
  • 17 अगस्त को फटा कपड़ा पहनकर भीख मांग कर प्रदर्शन।
  • 18 अगस्त को करनाथ (जमीन में लोटकर गुलाटी करना और रास्ता नापना प्रदर्शन।
  • 19 अगस्त को मौन व्रत एवं रात्रिकालीन फ्लैश लाइट अभियान।
  • 20 अगस्त को अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू।

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