छत्तीसगढ

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने किया अम्बेडकर का निरीक्षण, देखीं कोविड-19 और नॉन कोविड के इलाज की व्यवस्था

चिकित्सा छात्रों के ऑनलाइन टीचिंग के लिये डीन को दिये आवश्यक निर्देश

रायपुर। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने शनिवार को अम्बेडकर हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना इलाज के लिये बनाये जा रहे 500 बिस्तरों की व्यवस्था देखी। दरअसल, ये हॉस्पिटल कोविड मरीजों के इलाज के लिये की जा रही है जिसकी व्यवस्था देखने प्रमुख सचिव आज पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान श्रीमती सिंह के साथ लोक निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी साथ रहीं। श्रीमती सिंह ने कोविड-19 के अलावा नॉन कोविड मरीजों के लिये वर्तमान में उपलब्ध कराये जा रहे स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

निरीक्षण के दौरान सबसे पहले उन्होंने निर्माणरत कोविड – 19 अस्पताल के भूतल, प्रथम तल एवं द्वितीय तल स्थित वार्डों को देखा तथा भविष्य में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर उपलब्ध कराये जाने वाले चिकित्सा सेवा एवं आवश्यक संसाधनों की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने आयुष्मान एंडोसर्जरी यूनिट की व्यवस्था को देखा। स्वास्थ्य सचिव ने कोविड-19 अस्पताल के लिये लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जा रहे आवश्यक निर्माण एवं सुधार कार्यों का जायज़ा लिया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। कोविड-19 अस्पताल की चिकित्सकीय आवश्यकताओं के बारे में अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन से विस्तृत जानकारी ली तथा जीवन रक्षक मशीनों की उपलब्धता, स्थिति एवं तैयारियों की समाीक्षा की। श्रीमती सिंह ने भविष्य में कोरोना संक्रमित मरीज के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती होने पर मरीजों के उपचार के मानक संचालन प्रक्रिया (Standard operating procedure) की जानकारी समस्त विभागाध्यक्षों से ली। कोविड-19 के उपचार के दौरान जैव चिकित्सा अपशिष्ट (बायोमेडिकल वेस्ट) के उचित निपटारण की व्यवस्था करने एवं चिकित्सकीय मानकों के अनुरूप वार्डों को विसंक्रमित करने के निर्देश भी दिये।

नॉन कोविड अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन ने बताया कि शासन के निर्देश पर मेडिसीन विभाग का इंटेसिव केयर यूनिट (गहन देखभाल इकाई) कुछ दिनों पूर्व डीकेएस अस्पताल में स्थानांतरित हो गया है एवं आज से मेडिसीन के अन्तः रोगी वार्ड भी डीकेएस में स्थानांतरित होने शुरू हो गये हैं। वहीं स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग आगामी कुछ दिनों में जिला चिकित्सालय पंडरी से संचालित होगा। इसी प्रकार बाल्य एवं शिशु रोग विभाग, मातृ-शिशु अस्पताल कालीबाड़ी में जल्द ही स्थानांतरित हो जाएगा। इसके लिये तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है।

एक मरीज के साथ रहें एक परिजन

वर्तमान में कोरोना के प्रसार के रोकथाम के लिये चिकित्सालय स्तर पर किये जा रहे प्रयासों के सम्बन्ध में श्रीमती सिंह ने तात्कालीन वस्तुस्थिति की जानकारी ली जिस पर अधीक्षक डॉ. जैन ने बताया के वर्तमान में अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज, साफ-सफाई की व्यवस्था पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। श्रीमती सिंह ने निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने की दिशा में व्यापक प्रबंधन करते हुए चिकित्सालय में रोजाना संचालित हो रहे बाह्य रोगी विभाग में निश्चित दूरी का पालन करें। चिकित्सालय में अनावश्यक भीड़ कम करने हेतु एक मरीज के साथ केवल एक परिजन के रहने के तथा निश्चित दूरी का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।

प्रोफेसरों को दिये ऑनलाइन टीचिंग के निर्देश

स्वास्थ्य सचिव श्रीमती सिंह ने चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों की पढ़ाई जारी रखने के लिये ऑनलाइन माध्यम से उनकी पढ़ाई की व्यवस्था करने हेतु आवश्यक निर्देश अधिष्ठाता डॉ. आभा सिंह को दिये। साथ ही इंटरनेट की सहायता से एवं मोबाईल के माध्यम से सभी प्रोफेसरों को छात्रों के सम्पर्क में बने रहने के लिये कहा ताकि छात्रों को पढ़ाई के दौरान आने वाली समस्याओं का समाधान ऑनलाइन ही किया जा सके।

रोबोट कार “भीम” के बारे में जानकारी ली

स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने अम्बेडकर के बायोमेडिकल इंजीनियर श्री सूरज पंजाबी द्वारा रोबोटिक्स के सिद्धांत पर बनाये गये रीमोट कंट्रोल की सहायता से चलने वाले रोबोट कार “भीम” के परिचालन बारे में जानकारी ली। वर्तमान में “भीम” का ट्रायल अम्बेडकर अस्पताल में किया जा रहा है। प्रयोग सफल रहने पर भविष्य में इसकी मदद से कोविड-19 अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों को दवा, खाना, पानी इत्यादि पहुंचाने में मदद के लिये उपयोग किया जाएगा। भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के नाम पर आधारित “भीम” की सबसे दिलचस्प बात यह है कि वह बिना किसी इंसानी सम्पर्क के कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों तक आवश्यक वस्तुओ का परिवहन कर सकता है।
स्वास्थ्य सचिव के निरीक्षण के दौरान डॉ. आर. के. पंडा, डॉ. ओ. पी. सुंदरानी, डॉ. संतोष सिंह पटेल, डॉ. संदीप चंद्राकर, डॉ. अल्ताफ युसूफ मीर एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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