छत्तीसगढस्वास्थ्य

Fortified Rice : कुपोषण और एनीमिया से बचाता है फोर्टिफाइड राइस

रायपुर, 8 जून। Fortified Rice : फोर्टिफाइड राइस को लेकर कई बार गांवों में भ्रम की स्थिति निर्मित हो जाती है, क्योंकि आकार-प्रकार में यह आम चावल से अलग नजर आता है। गांव के लोग कई बार इसे प्लास्टिक चावल समझ लेते हैं, जबकि फोर्टिफाइड राइस में चावल के सारे तत्व तो होते ही हैं, साथ ही ऐसे भी कुछ अतिरिक्त तत्व होते हैं जिनके बिना अच्छे पोषण और सेहत की कल्पना नहीं की जा सकती।

ग्रामीण क्षेत्रों में, विशेषकर महिलाएं और बच्चे इन जरूरी तत्वों की कमी के कारण तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। लोगों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए देश के अनेक राज्यों समेत छत्तीसगढ़ में भी राशन दुकानों के माध्यम से फोर्टिफाइड राइस का वितरण किया जा रहा है।

जिंक से भरपूर होने के कारण सेहतमंद

दरअसल सामान्य चावल की ही रि-प्रोसेसिंग करके फोर्टिफाइड राइस तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में इसमें आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 और जिंक का भी मिश्रण कर दिया जाता है। फोर्टिफाइड राइस में उपस्थित आयरन जहां खून की कमी को दूर करता है, वहीं यह एनीमिया से भी बचाता है। फोलिक एसीड गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास और रक्त निर्माण में सहायता करता है। इसी तरह विटामिन बी-12 शरीर में खून के निर्माण और नर्वस सिस्टम के सामान्य कामकाज में सहायक होता है।

छत्तीसगढ़ में बच्चों और महिलाओं को कुपोषण तथा एनीमिया से बचाने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के चलते राज्य में अब तक 1,72,000 से अधिक बच्चे अब कुपोषण मुक्त हो गए हैं। इस तरह कुपोषित बच्चों की संख्या मे कुल 39 प्रतिशत की कमी आई है। राज्य में 85 हजार महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत से 32.1 प्रतिशत से कम है।

मध्यान्ह भोजन में शामिल

फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice) की खूबियों और पौष्टिकता को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर इसका वितरण प्रदेश के सभी आकांक्षी जिलों के साथ-साथ उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में भी किया जा रहा है। मध्यान्ह भोजन तथा पूरक पोषण आहार योजना के तहत दिसंबर 2021 से प्रदेश के सभी जिलों में फोर्टिफाइड राइस का वितरण किया जा रहा है। प्रदेश के 10 आकांक्षी जिलों कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव, सुकमा और 02 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों कबीरधाम और रायगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन कार्ड धारक परिवारों को फोर्टिफाइड राइस दिया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button