Funeral of the Effigy: Sensation at the Ghats! Four young men arrived to perform the last rites of a plastic effigy... Suspicion raises the possibility of a fraudulent insurance claim or a larger conspiracy.Funeral of the Effigy

हापुड़/गढ़मुक्तेश्वर, 27 नवंबर। Funeral of the Effigy : गुरुवार को गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट गंगा घाट पर एक ऐसा मामला सामने आया जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। यहां चार युवक एक प्लास्टिक के पुतले को शव बताकर उसका अंतिम संस्कार कराने पहुंचे थे। स्थानीय लोगों को शक होने पर जब कफन हटाया गया, तो ‘शव’ की जगह प्लास्टिक का पुतला देखकर सभी सन्न रह गए।

शक के बाद खुली पोल

प्रत्यक्षदर्शी विशाल के अनुसार, चार युवक हरियाणा नंबर की i20 कार से घाट पर आए थे। वे बिना किसी धार्मिक क्रिया के सीधे ‘शव’ को जलाने की तैयारी कर रहे थे। इस पर घाट पर मौजूद लोगों को शक हुआ। जैसे ही कफन हटाकर देखा गया तो अंदर प्लास्टिक का पुतला मिला।

दो पकड़े गए, दो फरार

स्थानीय लोगों और नगरपालिका के जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र स्टाफ ने मौके से दो युवकों को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। दो युवक मौके से फरार हो गए।

बड़ी साजिश की आशंका

गांववालों और आस-पास के लोगों का मानना ​​है कि यह मामला किसी बड़े फ्रॉड या क्रिमिनल स्कीम से जुड़ा हो सकता है। उन्हें शक है कि यह किसी ज़िंदा इंसान को मरा हुआ बताकर इंश्योरेंस क्लेम लेने की कोशिश हो सकती है, या किसी क्रिमिनल को मरा हुआ बताकर उसे बचाने की साज़िश हो सकती है, या कोई बड़ा क्राइम करने का प्लान हो सकता है।

बहरहाल, गढ़ कोतवाली प्रभारी मनोज बालियान ने पुष्टि की कि दो युवकों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ चल रही है। पुलिस ने, हरियाणा नंबर की i20 कार बरामद कर ली है। फरार दो युवकों की तलाश शुरू कर दी है। पुतले को शव बताने की असली वजह पता लगाने के लिए विस्तृत जांच शुरू की है।

सामने आई साजिश की बड़ी परत

पुलिस ने जब दोनों पकड़े गए युवकों से पूछताछ शुरू की तो वे पहले यह कहकर बचने की कोशिश करने लगे कि अस्पताल ने गलती से उन्हें नकली शव दे दिया है, लेकिन पुलिस की कड़ाई बढ़ने पर दोनों युवक अपने बयान बदलने लगे और अंततः सच्चाई सामने आ गई।

गढ़ की सीओ स्तुति सिंह ने बताया कि पूछताछ में यह उजागर हुआ कि डमी शव का दाह संस्कार करने आए युवकों में मुख्य आरोपी कमल सोमानी है, जो दिल्ली के कैलाशपुरी का रहने वाला है। उसके साथ उसका दोस्त आशीष खुराना भी मौजूद था।

कमल सोमानी पर 50 लाख रुपये का भारी कर्ज था। कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उसने एक खतरनाक साजिश रची। उसने अपनी दुकान में पहले काम कर चुके अंशुल कुमार का आधार और पैन कार्ड किसी बहाने से ले लिया था। इन दस्तावेजों का उपयोग करते हुए उसने करीब एक साल पहले अंशुल के नाम पर 50 लाख रुपये का बीमा करा लिया। वह नियमित रूप से बीमा की किस्त भी भरता रहा, ताकि किसी को शक न हो।

योजना के अनुसार अंशुल की नकली मौत दिखाकर बीमा कंपनी से 50 लाख रुपये हासिल करने का इरादा था। इसके लिए उसने असली शव की जगह प्लास्टिक का पुतला तैयार कराया और उसे शव बताकर गंगा घाट पर जलाने पहुंच गया, ताकि मौत का प्रमाण तैयार किया जा सके।

अंशुल बिल्कुल स्वस्थ मिला

पुलिस ने जब अंशुल से संपर्क किया (Funeral of the Effigy) तो उसने बताया कि वह प्रयागराज में अपने घर पर बिल्कुल स्वस्थ है और उसे इस बीमा या किसी योजना की कोई जानकारी नहीं थी। इससे साफ हो गया कि यह पूरा मामला भारी भरकम बीमा धोखाधड़ी का था।

About The Author

You missed