छत्तीसगढ

9 दिन में 15 से ज्यादा की मौत, डॉ. ने कहा- बुखार को हल्के से न लें

रायपुर, 27 जुलाई। राजधानी रायपुर में कोरोना व ब्लैक फंगस के बाद अब निमोनिया आफत बनी हुई है। दरअसल, 9 दिनों में करीब 15 से ज्यादा लोगों की मौत निमोनिया से होने का मामला सामने आया है। वहीं एक हफ्ते में 90 से अधिक लोग निमोनिया से ग्रसित मिले हैं।

गौरतलब है कि अंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों (Big News) में एकाएक मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। निमोनिया से हुई मौत के आंकड़ों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।

मौसम बदलते ही घर-घर में सर्दी, खांसी, बुखार के मामले बढ़ रहे है। वैसे ही पूरा देश अभी कोरोना की चपेट में है, ऐसे में निमोनिया से इतनी बड़ी संख्या में लोगों को मौत के मुंह तक ले जाना, नि:संदेह चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग अचानक बढ़े मरीजों की संख्या से सकते में है। लोगों से अपील कर रहे हैं कि जरूरत (Big News) हो तो ही घर से बाहर निकले। अभी समय बहुत नाजुक है। थोड़ी सी लापरवाही से लोगों अपनी जान गंवा सकते है।

बुखार को हल्के से न लें: डॉ. आरके पंडा

डॉ. आरके पंडा, एचओडी, पल्मोनरी मेडिसिन ने कहा कि ऐसे केस आए हैं जिनमें लक्षण के बावजूद कोरोन रिपोर्ट निगेटिव आ रही है और मरीज गंभीर हो रहे हैं। यही वायरल निमोनिया है, इसलिए बुखार को कोरोना निगेटिव आने के बाद भी हल्के से न लें। हो सकता है कि व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस न हो इसलिए रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। इलाज में लापरवाही से वायरल निमोनिया से पहले भी मौत होती रही है। इस सीजन में लापरवाही न करें।

सीजनल फ्लू के मरीज बढ़ गए हैं

डॉ. आरके पंडा का कहना है कि बरसात में सीजनल (Big News) फ्लू के मरीज बढ़ गए हैं। इनका बुखार नहीं उतरता और जांच होती है, तब वायरल, बैक्टीरियल या फंगल निमोनिया निकल रहा है। वायरल या बैक्टीरियल निमोनिया में अगर समय पर इलाज नहीं मिले और मरीज की हालत गंभीर हो जाए तो उसे बचाना मुश्किल हो जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि दरअसल ऐसे कई केस आए हैं जिसमें बुखार के बाद लोगों ने कोरोना टेस्ट करवाया और रिपोर्ट निगेटिव आई तो वे बेफिक्र हो गए। उन्हें बुखार आता रहा और सामान्य दवा-गोलियां चलती रहीं, लेकिन इनमें से कई की निमोनिया की वजह से हालत गंभीर होती चली गई।

अगर लक्षण दिखे ये तो हो जाए सावधान

  • बुखार के साथ पसीना-कंपकंपी।
  • बलगम के साथ खांसी आना।
  • सांस तेज होना या परेशानी।
  • थकान-कमजोरी होना।
  • सीने में दर्द, बेचैनी, भूख कम।

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