Guideline Rates: Breaking News… Major revision of guideline rates in Chhattisgarh… Farmers will receive more than three times the compensation for land acquisition… See the full list here.Guideline Rates

रायपुर, 20 नवंबर। Guideline Rates : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्यभर की संपत्ति गाइडलाइन दरों का ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और तर्कसंगत पुनरीक्षण किया है। वर्ष 2017-18 के बाद पहली बार दरों में संशोधन किया गया है। लंबे अंतराल के कारण वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों के बीच भारी अंतर पैदा हो गया था, जिसका असर किसानों, भूमिधारकों और आम नागरिकों पर पड़ रहा था।

वाणिज्यिक कर (पंजीयन) मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देशन में तैयार की गई इस नई गाइडलाइन को अधिक पारदर्शी, जनसुलभ और वैज्ञानिक बनाया गया है।

क्या-क्या बदला गया?

  • नगरीय क्षेत्रों में गाइडलाइन को रोड-वाइज तैयार किया गया, ताकि एक ही सड़क या वार्ड में दरों में विसंगति न हो।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में समान मार्ग और परिस्थितियों वाले गाँवों की दरें करीब लाई गईं।
  • अत्यधिक कंडिकाओं को कम करते हुए पूरी प्रक्रिया सरल की गई।
  • पूरे राज्य में नए हाईवे, कॉलोनी और औद्योगिक क्षेत्रों की दरों को पहली बार व्यवस्थित रूप से शामिल किया गया।

दरें कितनी बढ़ीं?

  • नगरीय क्षेत्रों में लगभग 20% की तर्कसंगत वृद्धि।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में 50% से 300% तक की वृद्धि।
  • किसानों को भूमि अधिग्रहण में 3 गुना तक अधिक मुआवज़ा मिलेगा।

किसानों और नागरिकों को लाभ

भूमि का उचित और वास्तविक मूल्य प्राप्त होगा। संपत्ति के विरुद्ध बैंक से अधिक ऋण स्वीकृत होगा। गाइडलाइन दरें अब स्पष्ट, सुव्यवस्थित और आसानी से समझ में आने वाली होंगी।

मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि 2017-18 से दरों में संशोधन न होने के कारण गंभीर असंतुलन पैदा हो गया था, जिससे किसान, भूमिधर और आम नागरिक प्रभावित हो रहे थे। नई दरें रोड-वाइज और वैज्ञानिक मैपिंग के आधार पर तैयार की गई हैं, जो पारदर्शिता और जनहित सुनिश्चित करती हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह निर्णय राज्य के किसानों, भूमिस्वामियों और आम नागरिकों के हित में उठाया गया बहुत महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का उद्देश्य है कि हर नागरिक को उसकी संपत्ति का न्यायसंगत मूल्य मिले और किसी भी प्रकार की विसंगति न रहे।

विभाग ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में नई बसाहटों, विकास, बाजार परिस्थितियों और निर्माण गतिविधियों के आधार पर नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी और आवश्यक संशोधन किए जाते रहेंगे, ताकि नागरिकों को उनकी संपत्ति का वास्तविक लाभ मिलता रहे।

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