जुर्म

Illegal Extortion : बिलासपुर में अवैध उगाही के भय…! NTPC कर्मचारी ने खाया ज़हर…2 किश्तों में खाते में धनराशि ट्रांसफर…SSP ने ASI और कांस्टेबल किया निलंबित

बिलासपुर, 10 अक्टूबर। Illegal Extortion : सीपत थाना क्षेत्र से सामने आए अवैध उगाही के गंभीर मामले में एसएसपी रजनेश सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ASI सहेत्तर कुर्रे और आरक्षक आशीष मिश्रा को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई वाहन जांच और चालान के नाम पर भयादोहन, तथा 50 हजार रुपये की अवैध मांग को लेकर की गई शिकायतों के आधार पर की गई है।

व्यापारी से वसूले 24 हजार, NTPC कर्मचारी ने खाया ज़हर

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीपत के नवाडीह चौक निवासी व्यापारी अविनाश सिंह ठाकुर से पुलिस ने वाहन जांच के दौरान बिना कार्रवाई छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की। व्यापारी के मना करने पर, उसे प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश्वर कश्यप के खाते में दो किश्तों में 22 हजार और 2 हजार रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया। पैसे लेने के बाद पहले वाहन छोड़ दिया गया, लेकिन कुछ देर बाद वाहन फिर से जब्त कर लिया गया।

दूसरी ओर, उज्जवल नगर NTPC कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारी धीरेंद्र मंजारे से भी पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाने का आरोप लगाते हुए 50 हजार रुपये की मांग की। दबाव और धमकी से परेशान होकर उन्होंने जहर पी लिया, जिसके बाद उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

निजी ऑपरेटर के खाते में गया पैसा, SSP ने जांच बैठाई

एसएसपी रजनेश सिंह ने पूरे मामले की प्रारंभिक जांच एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल को सौंपी थी। जांच में पाया गया कि उगाही की राशि थाने में कार्यरत प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश्वर कश्यप के खाते में ट्रांसफर कराई गई। कश्यप का थाने में नियमित आना-जाना रहता है, जिससे उसकी भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।

प्रथम दृष्टया में ASI सहेत्तर कुर्रे और आरक्षक आशीष मिश्रा की संलिप्तता सामने आने पर दोनों को तत्काल निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश जारी किए गए हैं।

जमीनी स्तर पर बनी अवैध वसूली की व्यवस्था

मामले ने जिलेभर के थानों में अवैध वसूली की सुनियोजित व्यवस्था की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है। बताया जाता है कि कई थानों में या तो निजी व्यक्तियों या करीबी पुलिसकर्मियों के माध्यम से उगाही की एक ‘अनौपचारिक व्यवस्था’ चलती है, जिससे अफसरों की “बेगारी” और निजी लाभ का इंतजाम किया जाता है।

इस घटना ने छत्तीसगढ़ पुलिस में जारी सिस्टमेटिक भ्रष्टाचार (Illegal Extortion) की परतें खोल दी हैं। SSP स्तर से की गई कार्रवाई निश्चित ही एक सकारात्मक संकेत है।

Related Articles

Check Also
Close
Back to top button