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Income Tax : इनकम टेक्स से जुड़े ये नियम आज से बदले, आपके पॉकेट पर पड़ेगा सीधा असर, जानिए डिटेल

नई दिल्ली, 01 अप्रैल। Income Tax : एक अप्रैल से नए फाइनेंशियल ईयर यानी वित्त वर्ष की शुरुआत होती है। इस वित्त वर्ष में कई तरह के बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का असर आपके टैक्स और पैसे-रुपयों पर देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं कि आज यानी एक अप्रैल 2023 से इनकम टैक्स में किस तरह के बदलाव होने जा रहे हैं।

1. नए टैक्स रिजीम के तहत कम हुए कुल टैक्स स्लैब: बजट 2023 में नए टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में संशोधन किया गया है। सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के मुताबिक, नए टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब को छह से घटाकर पांच कर दिया गया है। आइए डालते हैं नए टैक्स रिजीम के तहत आज से लागू हो रहे नए टैक्स स्लैब पर….

2. 7 लाख तक की इनकम पर नए टैक्स रिजीम में कोई टैक्स नहीं:
अगर किसी व्यक्ति की एक वित्त वर्ष में सात लाख रुपये तक की कमाई होती है और वह नया टैक्स रिजीम सेलेक्ट करता है तो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को नए टैक्स रिजीम में 12,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। इस तरह नए टैक्स रिजीम को चुनने वालों को सात लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

3. नए टैक्स रिजीम में बेसिक एग्जेम्शन लिमिट बढ़ा: नए टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स स्लैब में हुए बदलावों के तहत बेसिक एग्जेम्शन लिमिट को 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति वित्त वर्ष 2023-24 में नए टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करता है तो उसे तीन लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर इनकम टैक्स रिटर्न भरने की भी जरूरत नहीं होगी।

4. नए टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभः बजट 2023 में नए टैक्स रिजीम में भी वेतनभोगी और पेंशनर्स के लिए 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान किया गया है।

5. नया टैक्स रिजीम होगा डिफॉल्ट ऑप्शनः
बजट 2023 में नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट ऑप्शन बना दिया गया है। ऐसे में अगर आप खास तौर पर पुराने टैक्स रिजीम को नहीं चुनते हैं तो आपकी इनकम पर इनकम टैक्स की गणन नए टैक्स रिजीम के अनुसार किया जाएगा।

6. नए टैक्स रिजीम में सरचार्ज रेट में कमी: सरकार ने बजट 2023 में नए टैक्स रिजीम के तहत सरचार्ज की दर में कमी का ऐलान किया है। नए नियमों के मुताबिक, पांच करोड़ रुपये की सालाना टैक्सेबल इनकम वाले लोगों को अब 37 फीसदी के बजाय 25 फीसदी की दर से सरचार्ज देना होगा।

7. डेट म्यूचुअल फंड के लिए कोई एलटीसीजी बेनिफिट नहींः बजट 2023 में डेट म्यूचुअल फंड पर अवेलेबल इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटा दिया गया है। इसका मतलब ये है कि अब डेट म्यूचुअल फंड से होने वाले फायदे पर फिक्स्ड डिपोजिट की तरह टैक्स देना होगा।

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