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Indian Smart City Conclave 2023 : राष्ट्रपति इंदौर में हुए इंडियन स्मार्ट सिटी कान्क्लेव 2023 में शामिल हुई…मध्यप्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिलने पर बधाई

भोपाल, 27 सितंबर। Indian Smart City Conclave 2023 : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि शहरों और नागरिकों की जरुरत का आंकलन कर विकास का रोडमेप तैयार किया जाना चाहिये। जलवायु परिवर्तन पर अपनी चिंता जाहिर करते हुये उन्होने स्मार्ट शहरों में किये जा रहे कार्यों को सकारात्मक पहल बताया। इस दिशा में और टिकाऊ विकास पर और अधिक काम किये जाने की जरूरत है। शहरी विकास में समग्र निवेश पिछले दशकों में दोगुना से अधिक हुआ है। स्मार्ट सिटी मिशन का इसमें बड़ा योगदान है। राष्ट्रपति मुर्मु ने आज इंदौर में इंडिया स्मार्ट सिटी कान्क्लेव-2023 में सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होने मध्यप्रदेश को देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदेश का पुरस्कार मिलने पर बधाई दी। उन्होंने आईसी अवार्ड सेरेमनी में विजेता शहरों और राज्यों को पुरस्कार वितरित किए। राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इन्दौर ने भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में अपना विशिष्ट स्थान बनाए रखा है। इंदौर देश की स्मार्ट सिटीज में भी सबसे ऊपर है। उन्होंने इंदौर के निवासियों, जन-प्रतिनिधियों, प्रशासन के अधिकारियों, केन्द्र सरकार के सम्बद्ध विभागों तथा अन्य सभी स्टेक होल्डर्स की सराहना की। राष्ट्रपति ने इंडिया स्मार्ट सिटीस अवार्ड कॉन्टेस्ट 2022 में मध्यप्रदेश द्वारा बेस्ट स्टेट का गौरव प्राप्त करने पर राज्य के सभी निवासियों, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य के सभी स्मार्ट शहरों में किए जा रहे कार्यों से जुड़े लोगों की सराहना भी की। साथ ही सर्वश्रेष्ठ केन्द्र शासित प्रदेश का पुरस्कार प्राप्त करने के लिए चंडीगढ़ और राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर दूसरा स्थान प्राप्त करने के लिए तमिलनाडु तथा संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए राजस्थान और उत्तर प्रदेश को भी बधाई दी।

राष्ट्रपति ने अलग-अलग श्रेणियों में 66 पुरस्कार विजेता स्मार्ट शहरों और राज्यों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत की शहरी आबादी लगभग 46 करोड़ से बढ़कर 87 करोड़ से अधिक हो जाएगी, तब हमारे 50 प्रतिशत से अधिक देशवासी शहरी क्षेत्रों में रहेंगे। भारत के शहर आज देश की जीडीपी में लगभग दो-तिहाई योगदान करते हैं। अनुमान है कि शहरों का जीडीपी को कुल योगदान वर्ष 2047 तक 80 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा। इन आंकड़ों से यह संदेश मिलता है कि शहरों और नगरवासियों की बढ़ती आकांक्षाओं और जरूरतों को ध्यान में रखकर भविष्य का रोडमेप तैयार करना है और उस पर आगे बढ़ना है। एक महत्वपूर्ण मुद्दा, जो प्रत्येक विषय पर तथा हर स्तर पर सतत विकास की चर्चा में शामिल है – वह है क्लाईमेट चेंज इस संदर्भ में क्लाईमेट स्मार्ट सिटीस असेसमेंट फ्रेमवर्क जो भारत के 100 स्मार्ट शहरों के लिए शुरू किया गया था, वह इस बात का उदाहरण है कि शहरों में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय स्तर पर कैसे कार्य किया जा सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि शहरों में एनर्जी एफीसियेंसि के लिए ग्रीन बिल्डिंग्स तथा रिन्यूएबल एनर्जी पर जोर दिया जा रहा है लेकिन इन क्षेत्रो में और अधिक व्यापक स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ना है। एसडीजी 11 का लक्ष्य है – मेक सिटीज एण्ड हृयूमन सेटेलमेंट इन्क्लूसिव, सेफ, रिसाईलेंट एण्ड सस्टेनेबल – यह लक्ष्य शहरों के सम्पूर्ण और समावेशी विकास के महत्व को रेखांकित करता है।

राष्ट्रपति ने प्रसन्नता जाहिर की कि शहरी विकास में देश का समग्र निवेश पिछले दशक के दौरान, पहले की तुलना में 10 गुना से भी अधिक हो गया है। बेस्ट प्रेक्टिसेस को लागू करने और टिकाऊ बिजनेस मॉडल्स विकसित करने में स्मार्ट सिटीस मिशन का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। हाल ही में भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया है। अर्बन-20, जी-20 का एक सब ग्रुप था। अर्बन-20 ने शहरों के बीच जुड़ाव की एक स्थायी प्रथा स्थापित करने का प्रयास किया है। इसके माध्यम से एक सामूहिक संदेश भी दिया गया कि सतत विकास की प्राथमिकता को आगे बढ़ाने में शहरों के प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका है। विश्व के बेस्ट मेनेज्ड शहरों की बेस्ट प्रेक्टिसेस, उनके बिजनेस मॉडल्स से हमें सीखना चाहिए और अपने सफल प्रयासों को भी अन्य देशों के साथ साझा करना चाहिए। लोकल और ग्लोबल स्तर पर सहयोग करना समग्र तथा सतत विकास के लिए आवश्यक है। सभी 100 स्मार्ट शहरों में इन्टीग्रेटेड कमांड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर संचालित हैं, जो डेटा का उपयोग करके उस पर आधारित निर्णय ले रहे हैं। नागरिकों खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।

सीसीटीवी सर्विलैंस कैमरे आज कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में मदद कर रहे हैं। इन 100 स्मार्ट सिटीज में किए जा रहे प्रयास हमारे 4800 से अधिक कस्बों और शहरों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे। पूरे देश में सुरक्षित, स्वच्छ, स्वस्थ नेबरहुड को विकसित करना है। कई स्मार्ट शहरों में ऐसा किया जा रहा है। इसके लिए आवश्यक है कि लोग खुद जिम्मेदार बनें और अपने शहर तथा निवासियों के प्रति अपने कर्तव्य को समझें।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इंदौर, सूरत, कोहिमा, श्रीनगर और कई अन्य शहरों ने जन-भागीदारी द्वारा सुव्यवस्थित शहरीकरण के सफल उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। यह प्रसन्नता की बात है कि वाराणसी, गुवाहाटी, अहमदाबाद जैसी स्मार्ट शहरों में लैण्ड रिक्लेमेशन किया जा रहा है और नदियों के किनारे सार्वजनिक स्थान विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने सुझाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरों की तरह स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षण संस्थान तथा बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। ऐसा करने से शहरों पर दबाव कम होगा और ग्रामीण क्षेत्र की जनता का जीवन भी बेहतर होगा। देश के विभिन्न शहरों से इस कार्यक्रम के साथ जुड़े मेयर्स एण्ड म्युनिसिपल कमिश्नर्स से उन्होंने आग्रह किया कि आप सब लोग निरंतर नए विश्वास और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़े। इस कान्क्लेव में साझा किए गए सफल प्रयासों की जानकारी का उपयोग आप सब अपने-अपने शहरों में करेंगे। ऐसा करके आप सब इस आयोजन को और अधिक सार्थक बनाएंगे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य और यहाँ के पाँच शहरों को 10 पुरस्कार मिलना हम सबको गौरवान्वित कर रहा है। मध्यप्रदेश विकास के नये आयाम गढ़ रहा है। विकास का नया मॉडल, जो कि भविष्य की जरुरतों को देखकर बनाया गया है, सपनों को हकीकत में बदलने का काम कर रहा है। यहाँ समावेशी विकास का अभूतपूर्व प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेशवासियों को एकजुट होकर आत्मनिर्भर शहर और मध्यप्रदेश के निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम सब गौरवान्वित हैं कि मध्यप्रदेश को देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य होने का तमगा हासिल हुआ है। प्रदेश की जनता इसके लिये बधाई की पात्र है। पुरस्कृत स्मार्ट शहरों और उनके नागरिकों को भी बधाई। मध्यप्रदेश विकास की दिशा में नये आयाम तय कर रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन में राज्य में सपनों को हकीकत में बदलने का काम किया गया है। उन्होंने इंदौर को सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट सिटी अवार्ड मिलने पर कहा कि सपनों का और सफाई का सिरमौर इंदौर हर दौर में अव्वल रहने का आदी है। यहाँ जो भी आता हैं यहीं का होकर रह जाता है। यहाँ के लोग सभी को दिल से अपनाते हैं। यहाँ के नागरिकों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता मिशन की शुरूआत की। समूचे देश ने उनका साथ दिया। हमनें भी मध्यप्रदेश में शहर-शहर जाकर नागरिकों से संवाद किया और इसे जन-आन्दोलन बनाया। यही कारण है कि आज मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन का प्रतीक है स्मार्ट सिटी मिशन। मिशन की गति उल्लेखनीय है। इसके तहत देश के 100 शहरों का चयन किया गया। इसमें से इंदौर जो कि स्वच्छता में 6 बार स्मार्ट सिटी मिशन के तहत वेस्ट मैनेजमेंट कार्बन क्रेडिट, पब्लिक स्पेस के विकास के क्षेत्र में किए काम के कारण समूचे देश के लिये मॉडल शहर बन चुका है। इसी तरह मध्यप्रदेश को बेस्ट स्टेट का पुरस्कार मिला है। यहाँ के निवासी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह मिशन और अधिक गति पकड़ेगा और इसे देश के बचे हिस्सों तक भी पहुँचाने की योजना है।

कार्यक्रम के दौरान आईएसएसी पुरस्कार-2022 सार-संग्रह, एससीएम के न्यूज़ लेटर का सार-संग्रह, यूएन हैबिटेट द्वारा रिपोर्ट: स्मार्ट सिटीज मिशन- सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीय बनाना, आईएसएसी पुरस्कार-2023 ब्रोशर (ई-रिलीज़) का विमोचन किया गया। स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यों पर आधारित वीडियो का प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान किया गया।

कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह,सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित पूरे देश से आये स्मार्ट सिटी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश को मिले 13 अवार्ड

इण्डिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड्स कॉन्टेस्ट-2022 में उत्कृष्ट कार्यों के आधार पर मध्यप्रदेश की 5 स्मार्ट सिटी को विभिन्न श्रेणी में 13 अवार्ड मिले हैं। मध्यप्रदेश को बेस्ट स्टेट का अवार्ड मिला है। इंदौर नेशनल स्मार्ट सिटी अवार्ड में प्रथम स्थान पर है। प्रोजेक्ट अवार्ड्स में स्मार्ट सिटी इंदौर को 5, भोपाल को एक, जबलपुर को 2, ग्वालियर को एक एवं सागर को एक अवार्ड मिला है।

स्वच्छता थीम में गोबर धन बॉयो सीएनजी प्लांट, शहरी पर्यावरण थीम में एयर क्वालिटी इम्प्रूवमेंट और अहिल्या वन विथ वर्टिकल गॉर्डन और जल थीम में सरस्वती और कान्ह लाइफ लाइन, रेनवाटर हॉर्वेस्टिंग एवं झीलों, कुओं और बावड़ियों के कायाकल्प के लिये इंदौर को प्रथम स्थान मिला है। बिल्ट इन्वायरमेंट थीम में रिवर फ्रंट डेव्हलपमेंट के लिये इंदौर को द्वितीय स्थान मिला है। भोपाल को सदर मंजिल रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट के लिये द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। इकोनॉमी थीम में जबलपुर को स्टार्ट-अप इंक्यूबेशन सेंटर के लिये प्रथम एवं इंदौर को वेल्यू केप्चर फायनेंसिंग के लिये द्वितीय स्थान मिला है। गवर्नेंस थीम में जबलपुर को इम्पलीमेंटेशन ऑफ 311 एप्लीकेशन के लिये तृतीय स्थान मिला है। आईसीसीसी बिजनेस मॉडल थीम में ग्वालियर को इंटेलीजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम के लिये तृतीय स्थान और मोबेलिटी थीम पर सागर को इंटेलीजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम इम्प्रूविंग रोड सेफ्टी के लिये तृतीय स्थान मिला है। इनोवेशन अवार्ड श्रेणी में कोविड इनोवेटिव थीम पर इंदौर को कोविड-19 रिस्पांसेस-मल्टीपल इनिशिएटिव्स के लिये द्वितीय स्थान मिला है।

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