शिक्षा

International Literacy Day : वेबिनार में 7000 लोग हुए शामिल…प्रदेश में अब न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम

रायपुर, 8 सितंबर। International Literacy Day : अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अब प्रदेश में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जाएगा यह अभियान  5 वर्ष तक चलेगा। इस कार्यक्रम में अशिक्षित व्यक्तियों को बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान  प्रदान करने के साथ उन्हें जीवन मेंआने वाले कुशलता के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाए।

जिसमें डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, चुनावी साक्षरता, कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा, सतत शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य में स्वच्छता पर विशेष रुप से जागरूक करने का कार्य भी किया जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की नवाचारी कार्यक्रमों की देश में लगातार सराहना की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश की एक चौथाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने की दिशा में निरंतर कार्य करना है। उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुभकामनाएं दी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रौढ़ और आजीवन शिक्षा का स्थान है : डॉ. प्रेमसाय सिंह

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रौढ़ शिक्षा और जीवन पर्यत शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता हेतु यह आवश्यक है कि शिक्षकों के साथ पालक भी बच्चों की शिक्षा  में योगदान दें। अतः अशिक्षित पालको को शिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के सभी निकायों शिक्षकों से अनुरोध किया कि स्वयंसेवी शिक्षक बनकर शिक्षा से वंचित व्यक्तियों को मुख्यधारा में लाने में अपना अमूल्य योगदान दें।

स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने कहा कि इस प्रदेश में साक्षरता कार्यक्रम को मिशन मोड में तथा नवाचारी तरीके से कार्य करने का गौरवशाली इतिहास रहा है उन्होंने समग्र शिक्षा एससीईआरटी व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण समन्वय के साथ कार्य की सफलता हेतु सक्रिय योगदान करने कहा।

सशक्त देश की आधारशिला शिक्षा है : राजेश सिंह राणा

स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के डायरेक्टर राजेश सिंह राणा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय यूनेस्को द्वारा लिया गया। जिनके द्वारा इस वर्ष साक्षरता दिवस की थीम transforming literacy spaces है। उन्होंने कहा कि प्रौढ़ शिक्षा को अब सभी के लिए शिक्षा कहा गया है। उन्होंने कहा कि सशक्त देश की आधारशिला शिक्षा है। शिक्षा की आधारशिला साक्षरता है।

उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में एक लाख नब्बे हज़ार और असाक्षरों को साक्षर बनाया गया। उसी प्रकार नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत एक लाख पचासी हजार लोगों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जिला साक्षरता मिशन के साथ ही जिले में अकादमिक संस्था डाइट की भूमिका भी अब बढ़ गई है उन्होंने साक्षरता सप्ताह को सफल बनाने की अपील की।

राज्य पाठ्यचर्या में पहली बार प्रौढ़ शिक्षा को किया शामिल : डॉ योगेश शिवहरे

अतिरिक्त संचालक एससीईआरटी डॉ योगेश शिवहरे ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रौढ़ शिक्षा व जीवन पर्यंत शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है। राज्य पाठ्यचर्या में पहली बार प्रौढ़ शिक्षा के विषय को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में अकादमिक भूमिका एनसीईआरटी एससीईआरटी व डाइट की होगी इसलिए पूरे देश में छत्तीसगढ़ का पहला राज्य हैं। जहां एससीआरटी में साक्षरता केंद्र स्थापित किया गया है राज्य शिक्षा मिशन प्राधिकरण में *असिस्टेंट डायरेक्टर व नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पांडेय* ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता सप्ताह के बारे में एक प्रस्तुतीकरण दिया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्य गीत नवभारत साक्षरता कार्यक्रम (International Literacy Day) व गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ पर केंद्रित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के असिस्टेंट डायरेक्टर प्रशांत कुमार पांडेय, एससीईआरटी की प्राध्यापक पुष्पा किस्पोट्टा, सहायक संचालक दिनेश टांक, एससीएल प्रकोष्ठ प्रभारी प्रीति सिंह, यूनिसेफ की डॉ. मनीषा वत्स,  स्रोत व्यक्ति निधि अग्रवाल एवं जिलों के डीईओ, डीपीओ, डीएमसी, शिक्षकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रशांत कुमार पांडेय ने व आभार प्रदर्शन प्रीति सिंह ने किया।

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