Jal Vision 2047 : केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल ने छत्तीसगढ़ के जल संचयन कार्यों को सराहा, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नीति जल संरक्षण और सतत विकास पर है केन्द्रित
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रायपुर, 19 फरवरी। Jal Vision 2047 : राजस्थान के उदयपुर में आयोजित राज्य जल मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने छत्तीसगढ़ में जल संचयन के लिए जनभागीदारी से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जल संरचनाओं के निर्माण में पूरे देश में अग्रणी स्थान पर है और जल संरक्षण के क्षेत्र में राज्य के नवाचार मॉडल अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 2,29,000 से अधिक जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया जा चुका है, जिससे जल संसाधनों का संवर्धन हो रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जाना हमारे लिए गौरव की बात है। छत्तीसगढ़ सरकार की नीति जल संरक्षण और सतत विकास पर केन्द्रित है। राज्य सरकार प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षण और भावी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु निरंतर कार्य कर रही है।
इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव और जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने किया। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने राज्य में जल संग्रहण के लिए चलाए जा रहे योजनाओं, जल संरचनाओं के प्रभाव और सामुदायिक सहभागिता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसमें ग्रामीण और शहरी नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ की सिंचाई क्षमता में वृद्धि और जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए तय किए गए लक्ष्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जल संचयन के लिए स्थायी संरचनाओं, लघु सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है, जिससे भूजल स्तर में सुधार हुआ है और किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध हो रहा है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रीपाटिल ने छत्तीसगढ़ की सतत जल प्रबंधन नीति और सामुदायिक सहभागिता मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह राज्य पूरे देश के लिए बेस्ट प्रैक्टिस मॉडल बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जल संरचनाएं सिर्फ पानी के संरक्षण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि उत्पादन और जल सुरक्षा को भी मजबूत कर रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों को छत्तीसगढ़ के जल प्रबंधन मॉडल से प्रेरणा लेनी चाहिए और जल संरक्षण को अपनी नीतियों में प्राथमिकता देनी चाहिए। श्री पाटिल ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और अधिक मजबूती देने के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।