छत्तीसगढ

Jansunwai : डॉ किरणमयी नायक की सलाह…बिना शादी के रहे तो कानूनी अधिकार नहीं मिलते

रायपुर, 26 अगस्त। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक द्वारा शास्त्री चौक स्थित आयोग कार्यालय में गुरुवार को 20 प्रकरणों पर सुनवाई के लिए आर्ई, इसमें 5 प्रकरणों को नस्तीबद्ध करते हुए बचे प्रकरणों को आगामी सुनवाई में रखा गया है।

एक प्रकरण में उभयपक्षों को सुना गया जिसमें अनावेदिका के पति को लेकर आवेदिका पर शक करती है, इस कारण से दोनों के मध्य विवाद है। अनावेदिका ने स्वीकार किया कि उसके पति की गलती है तथा उसने माफी भी मांगी और यह कहा कि वह अपने पति को नहीं छोड़ सकती।

दोनों को समझाइस दिया गया कि एक दूसरे के जीवन में दखलंदाजी न करें। भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति होती है तो आवेदिका थाना में रिपोर्ट दर्ज कराए। दोषी पुरुष को सबक सिखाने की जगह अगर महिलाएं एक दूसरे से लड़ेगी तो इसका फायदा हमेशा पुरूष ही उठाते है। दोनों पक्षों को समझाइश के बाद इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

मानसिक प्रताडऩा के एक प्रकरण में सास आवेदिका है और बहू को अपने साथ रखने के लिए माह जुलाई में आयोग में आवेदन प्रस्तुत किया था। अनावेदिका बहु ने अपने पति और सास के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज करा चुकी है जिस पर धारा 155 के तहत न्यायालय जाने की सलाह दिया गया। यह प्रकरण न्यायालय में प्रक्रियाधीन होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया।

जनसुनवाई एक अन्य प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक ने आपस में विवाह नही किया है। उनका 13 साल का पुत्र है जो कि पहले आवेदिका के साथ रह रहा है। बच्चे के हित में इस प्रकरण में अनावेदक के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही किये जाने से बच्चे के भविष्य पर विपरीत असर पड़ेगा। आवेदिका स्वयं अपनी स्थिति का आंकलन कर चुकी है और वह जानती है कि बिना शादी के दोनों साथ रह रहे थे।

तलाक और भरण पोषण का कोई औचित्य नही है। दोनों को समझाइश दिया गया है कि एक दूसरे की जिंदगी में दखलंदाजी नही करेंगे और यदि कोई दुव्र्यवहार करता है तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया जा सकता है। इस तरह प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

जनसुनवाई के अन्य प्रकरण में आयोग द्वारा उभयपक्षों को समझाइश दिए जाने पर यह पता चला कि आवेदिका अनावेदक के बुजुर्ग मां के साथ मारपीट की है, जबकि आवेदिका का कथन है कि अनावेदक शराब पीकर अपनी मां को मारपीट कर रहा था। जिसे बचाने का प्रयास मेरे द्वारा किया गया।

आयोग द्वारा अनावेदक को आगामी जनसुनवाई में अपने मां को लेकर उपस्थित होने कहा गया है। इसके साथ ही आयोग के समझाइश पर अनावेदक आवेदिका और बच्चे के भरण पोषण के लिए चार हजार रुपये प्रतिमाह देगा। इस प्रकरण के निराकरण हेतु आगामी सुनवाई में अनावेदक अपने मां और आवेदिका अपने गवाह के साथ उपस्थित होंगे।

एक अन्य प्रकरण में उभयपक्ष साथ रहने तैयार नहीं है। आवेदिका का शैक्षणिक दस्तावेज ससुराल में है जिसे लाने के लिए अनावेदक ने समय की मांग की है। इस तरह इस प्रकरण को अगली सुनवाई में रखा जाकर निराकृत किया जायेगा।

एक अन्य प्रकरण में मामला न्यायालय में लंबित होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया है साथ ही आवेदिका ने आयोग के समक्ष यह स्वीकार किया कि वह दूसरी शादी कर ली है।

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