छत्तीसगढ

JCCJ की कमान सम्भाला विधायक डॉ रेणु जोगी… विधायक धरमजीत सिंह ने किया समर्थन

रायपुर, 18 नवंबर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के लिए आज का दिन अत्यंत विशेष रहा मरवाही उपचुनाव के बाद आज पार्टी की महती बैठक जोगी निवास अनुग्रह में संपन्न हुई जिसमें प्रदेशभर से प्रदेश प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक की शुरुवात राजकीय गीत अरपा पैरी के धार…. गाकर और छत्तीसगढ़ महतारी और स्व अजीत जोगी के चित्र में पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
बैठक में स्वर्गीय जोगी के निधन के पश्चात रिक्त हुई राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनाव किया गया जिसमें विधायक डॉ रेणु जोगी राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुई। इस अवसर पर श्रीमती रेणु जोगी ने अपना उद्बोधन संत कबीर के दोहा “कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर” से अपना शुरू किया।
इस अवसर पर प्रदेशभर से आए हुए प्रतिनिधियों को आव्हान करते हुए डॉ रेणु जोगी ने कहा कठिन से लेकर कठिन परिस्थिति में आज आप सभी जनता कांग्रेस के साथ खड़े आप सब सही मायने में छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सिपाही हैं। कांग्रेस ने हमेशा से हमारा अपमान किया है। कांग्रेस विधायक रहते हुए मेरा अपमान किया, स्व जोगी का अपमान किया, लेकिन हमारे दिल मे सबके लिए प्रेम है। हम पुरानी बातों में नहीं जाना चाहते हैं।
2023 में हम छत्तीसगढ़ियों की सरकार बनाकर जोगी के अधूरे सपने को पूरा करने का संकल्प लेते हैं। इस दौरान विधायक दल के नेता विधायक श्री धर्मजीत सिंह ने कार्यकर्ताओं पर जोश भरते हुए कहा छत्तीसगढ़ को छोड़कर पूरे देश मे कांग्रेस का बुरा हाल है, कांग्रेस ने हाथी को बीमार कर दिया, साईकिल को पंचर कर दिया, लालटेन को बूझा दिया। कार्यकर्ता तीन साल धैर्य रखें  जनता कांग्रेस भविष्य में सरकार बनाएगी।
विधायक द्वय पर तंज कसते हुए धर्मजीत सिंह ने कहा कि आप सब हमारे परिवार के सम्मनीय सदस्य हैं कांग्रेस के माया जाल में न फंसे, ना उधर के रहेंगे ना इधर के रहे के साथ में आए मिलकर काम करेंगे।
धर्मजीत सिंह ने यह भी कहा ना मैं कांग्रेस में जाऊंगा ना भाजपा में जाऊंगा मैं जनता कांग्रेस में रहूंगा जोगी परिवार के साथ रहूंगा।
इस दौरान अमित जोगी ने अपने उद्बोधन में कहा मेरे पिता जी और JCCJ के संस्थापक स्वर्गीय अजीत जोगी ने अपनी आत्मकथा ‘सपनों के सौदागर’ में प्रदेश के पहले और एकमात्र मान्यता प्राप्त दल के सम्बंध में लिखा है कि पार्टी को व्यक्तियों पर नहीं बल्कि विचारों- जिसे सामूहिक रूप से उन्होंने ‘छत्तीसगढ़ प्रथम’ सिद्धांत की परिभाषा दी थी- पर केंद्रित होना चाहिए।
उन्होंने ये भी लिखा है कि 2018 पार्टी का पहला न कि अंतिम अध्याय है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मेरे लिए उनकी ये दोनों बातें सर्वाधिक महत्व रखती है। JCCJ का अपना अलग अस्तित्व बनाए रखना छत्तीसगढ़- और छत्तीसगढ़ियों- की राजनीतिक पहचान को बनाए रखने के लिए अनिवार्य है।
अमित जोगी ने कहा अगले तीन साल निर्णायक रहेंगे। सत्ता के गुरुत्वाकर्षण के कारण संघर्ष के हमारे सैंकड़ों साथी, विशेषकर प्रथम पंक्ति के नेता, कांग्रेस में वापस लौट चुके हैं। ये बेहद स्वाभाविक सी बात है और इस से हमें निराश नहीं होना चाहिए। जो चले गए हैं, उनके साथ मेरे दलीय तो नहीं लेकिन दिली सम्बंध बरकरार रहेंगे।
अमित जोगी ने कहा पार्टी का भविष्य आज उन लोगों के कंधे पर हुआ टिका है जो केवल स्वर्गीय श्री अजीत जोगी जी के प्रति अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता के कारण पार्टी से आज भी जुड़े हैं। उनके लिए व्यक्तिगत सत्ता-सुख पाने की जगह छत्तीसगढ़ में स्वराज लाना कहीं ज़्यादा मायने रखता है।
तमाम संघर्षों और संकटों के बावजूद वे आज भी जोगी जी का नारा ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ को यथार्थ में बदलने का माद्दा रखते हैं। आज हमारी पार्टी को केवल ऐसे निष्ठावान और निडर साथियों की आवश्यकता है।
अमित जोगी ने कहा छत्तीसगढ़ में स्वराज कैसे ‘लेना’ है, इस पर हमें गहन विचार करना होगा। इस सम्बंध में मैंने कोरोनाकाल के दौरान प्रदेश की तीन सबसे चुनौतीपूर्ण मौलिक समस्याओं पर गहराई से शोध किए हैं:
अमित जोगी ने कहा छत्तीसगढ़ का सुनियोजित तरीक़े से शोषण करने वाली बाहरी ईस्ट इंडिया कम्पनियाँ; शराब में डूबती छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था; और इंद्रावती, महानदी-शिवनाथ और रिहंड नदियों का जल बँटवारा। ये ऐसी समस्याएँ हैं जो अपने आप ख़त्म नहीं होंगी और न ही किसी राष्ट्रीय दल के पास इनका समाधान है। समाधान तो दूर, वे इस बारे में सोचना भी नहीं चाहते हैं।
अमित जोगी ने कहा प्रदेश में स्वराज तभी आएगा जब वास्तव में छत्तीसगढ़ की अमीर धरती के गरीब लोगों का स्वामित्व स्थापित होगा। मेरे जीवन का एकमात्र लक्ष्य छत्तीसगढ़ियों को ‘छत्तीसगढ़-भाग्य-विधाता’ बनाना है। सरकार मुझे रोकने के हर प्रकार के हथकंडे अपना रही है लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए मुझे जो कुछ करना पड़ेगा, मैं करूँगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की सरकार के ख़िलाफ़ इस निर्णायक लड़ाई में आज मेरे पास खून-पसीना और आंसू के अलावा आपको देने के लिए कुछ भी नहीं है।
अमित जोगी ने कहा स्वराज लाने के लिए मुझे आपको नई शुरुआत करने के लिए स्वतंत्र करना होगा। पार्टी के ‘वैचारिक शुद्धिकरण’ करने का समय आ गया है। अब जय-चंदों, मीर जाफ़रों और सत्ता-लोभियों की कोई जगह नहीं होगी। अपनी माँ, चाचा श्री धरमजीत सिंह और कोर कमेटी के पापा के पुराने सहयोगियों से मार्गदर्शन ले कर, पार्टी को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से मैंने 7 निर्णय लिए हैं:
1. आज की इस सामान्य सभा में पार्टी के मर्गदर्शक मंडल और कोर कामिटी का निर्वाचन सम्पूर्ण किया जाएगा।
2. स्वर्गीय अजीत जोगी के स्थान पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए मैं अपनी माँ डॉक्टर श्रीमती रेणु जोगी का नाम प्रस्तावित कर रहा हूँ। धरमजीत सिंह, विधायक दल के नेता, इसका समर्थन करते हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि कोर कमेटी मेरे इस प्रस्ताव का समर्थन करेगी।
3. इसके साथ ही 9 दिसंबर से स्वर्गीय अजीत जोगी के आशीर्वाद से मैं पार्टी का आज तक का सबसे वृहद् सदस्यता अभियान चालू करने जा रहा हूँ जो पूरी तरह ऑनलाइन और मोबाइल पर आधारित रहेगा। अगले 90 दिनों में हम 1,11,111 सक्रिय और प्रशिक्षित वालंटियर (स्वयंसेवक) का पूर्णकालिक काडर बनाएँगे।
4. संगठन और चुनावों में हम जात-पात और धर्म से ऊपर उठके केवल ‘छत्तीसगढ़ प्रथम’ विचारधारा के लिए संघर्ष करने वालों को अवसर देने जा रहे हैं। पुराने मोर्चा संगठनों की जगह अब ‘अजीत जोगी किसान’ (AJK), ‘अजीत जोगी महिला’ (AJM), ‘अजीत जोगी युवा’ (AJY), ‘अजीत जोगी छात्र’ (AJC) और ‘अजीत जोगी श्रमिक’ (AJS) लेंगे। मुझे भरोसा है कि प्रदेश से मंडलों तक की पुनर्गठन की प्रक्रिया हम इस साल के अंत तक पूर्ण कर लेंगे।
5. राजनीति में नए, ऊर्जावान और समर्पित चेहरों को सामने रख के हम  क्रमबद्ध तरीक़े से 4 अलग चरणों में पूरे प्रदेश की पदयात्रा के माध्यम से जनता से आशीर्वाद माँगने जाएँगे। इसकी अंतिम रूप-रेखा की 18 दिसम्बर को विधिवत घोषणा की जाएगी।
6. जिन दो विधायक साथियों ने खुलकर मेरे पिता जी स्वर्गीय जोगी का मरणोपरांत अपमान करने वालों का साथ देने का दुर्भाग्यजनक निर्णय लिया है, उनकी सोच में परिवर्तन लाने के लिए पार्टी द्वारा उनके क्षेत्रों के मतदाताओं के माध्यम से ‘विधायक, इस्तीफ़ा दो!’ हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि वे अपने मतदाताओं की भावनाओं का सम्मान अवश्य करेंगे।
7. स्वर्गीय अजीत जोगी जी के सपनों को साकार करने के लिए ‘अजीत जोगी फ़ाउंडेशन’ (AJF) का पुनर्गठन होगा। पापा की मंशा के अनुरूप AJF का सीमित उद्देश ग़ैर-सरकारी संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ में छत्तीसगढ़ के सबसे ज़रूरतमंदों की मदद करना होगा।

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