
रायपुर, 25 मई। Jhiram Ghati Report : नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने झीरम घाटी में शहीद हुए हैं लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इस घटना में हमने अपने कई जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी व पुलिस के जवानों को खोया है। उन्होंने शहीद हुए लोगों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
उन्होंने कहा कि झीरम घाटी की घटना की जांच के लिए तत्कालीन केंद्र की यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व केंद्रीय गृह मंत्री शिंदे ने एनआईए गठित किया था क्योंकि एनआईए एक अच्छी जांच आयोग है जिसकी रिपोर्ट की विश्वसनीयता रहती है। जिस पर तत्कालीन भाजपा ने सरकार ने कभी भी रोक नहीं लगाया। तत्कालीन प्रदेश कि भाजपा सरकार द्वारा जस्टिस मिश्रा जांच आयोग गठित कर झीरम घाटी की जांच किया गया।
जांच रिपोर्ट से क्यों भयभीत नजर आ रही है कांग्रेस सरकार?
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जस्टिस मिश्रा जांच आयोग (Jhiram Ghati Report) की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर क्यों नहीं रख रही है? उन्हें किस बात का भय सता रहा है? जो नए जांच आयोग की बात करके जस्टिस मिश्रा जांच आयोग की रिपोर्ट को प्रभावित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब जांच पूरी हो चुकी है तो नए जांच आयोग का गठन करके प्रदेश की कांग्रेस सरकार जस्टिस मिश्रा आयोग की जांच रिपोर्ट को जनता के बीच लाने में क्यों घबरा रही है? उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भ्रम फैलाकर केवल और केवल राजनीतिक सियासत कर रही है।
राजनीतिक भाषा का उपयोग करके हमेशा भाजपा पर आरोप लगाने वाली कांग्रेस जांच आयोग के रिपोर्ट को क्यों सार्वजनिक नहीं करना चाहती है? प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झीरम घाटी की सबूत जेब में लिए घूम रहे थे लेकिन अभी तक उन सबूतों को आज तक नहीं खोला है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार भाजपा के ऊपर आरोप लगा रहे थे लेकिन जब सच सबके सामने आना चाहिए तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार सच को जनता के सामने लाने से क्यों रोक रही है?
उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जांच रिपोर्ट को जनता के बीच प्रस्तुत ना करके शहीदों का अपमान कर रही है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने मांग की है कि शहीद परिवारों के साथ न्याय होना चाहिए। जस्टिस मिश्रा जांच रिपोर्ट की सच सबके सामने आनी चाहिए और दोषियों के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। लेकिन प्रदेश सरकार की मंशा नहीं है कि इस मामले के दोषियों पर कार्यवाही हो और एनआईए जैसी विश्वसनीय संस्था से रिपोर्ट वापस देने की मांगकर राज्य की पुलिस से जांच करवाना चाहती है यह कितना तर्क संगत है?
तत्कालीन केन्द्र की यूपीए सरकार पर ही सवाल उठा रही है प्रदेश सरकार
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि जब केन्द्र की यूपीए सरकार ने झीरम घाटी मामले की जांच (Jhiram Ghati Report) के लिए एनआईए सौंपी थी तो किस आधार पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार फिर से जांच की मांग कर रही है और अपने ही तत्कालिन केन्द्र की यूपीए सरकार की पर ही सवाल उठा रही है। जस्टिम मिश्रा जांच आयोग के प्रमुख थे इस समय वे आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश है उनकी जांच रिपोर्ट पर कांग्रेस प्रश्न उठा रही है। हमारे द्वारा जो याचिका माननीय उच्च न्यायालय में दायर की गई थी उसकी सत्यता के आधार पर उस पर रोक लगा दी है। कांग्रेस इस पर राजनीति न करें। झीरम घाटी हादसा एक भावनात्मक मामला है।