छत्तीसगढ

Law and Order : पुलिस और बलवाइयों के बीच क्रमशः चले आंसू गैस के गोले, लाठीचार्ज, फायरिंग हुई और अंत में घायलों को पहुंचाया अस्पताल

धमतरी, 25 फरवरी। Law and Order : प्रदर्शनकारियों ने अपनी कतिपय मांगों को लेकर काफी आक्रामक रूख अपनाया, फिर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। अधिकारियों की समझाइश देने के बाद भी बलवाइयों द्वारा लगातार कानून का उल्लंघन किया जाने लगा व भीड़ उग्र होकर पथराव करने लगी, तो पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती से कार्रवाई करते हुए उन पर पहले तो अश्रु गैस छोड़ी गई, इसके बाद भी जब वे अपनी कथित मांगों को लेकर हिंसात्मक रूख अपनाया तो उन पर पहले लाठियां भांजी गईं, फिर फायर ब्रिगेड के जरिए पानी की तेज धार छोड़ी गई। इतने पर प्रदर्शनकारी डंटे रहे, तो मजिस्ट्रेट की अनुमति से पुलिस के जवानों ने फायरिंग की जिसमें दो दंगाई घायल हो गए।

Law and Order: Tear gas shells, lathicharge, firing took place between the police and the rebels and finally the injured were taken to the hospital

यह कोई वाकया नहीं, बल्कि बलवा, उग्र आंदोलनकारियों के खिलाफ प्रशासन की तैयारियों को लेकर ‘लॉ एण्ड ऑर्डर‘ की आपात स्थिति का मॉक ड्रिल (पूर्वाभ्यास) किया गया।

आपात स्थिति का किया रिहर्सल

शुक्रवार सुबह आठ बजे रूद्री स्थित पुलिस लाइन ग्राउण्ड में कलेक्टर (Law and Order) एवं जिला दण्डाधिकारी पी.एस. एल्मा और एस.पी. प्रशांत ठाकुर की मौजूदगी में पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। एसपी के निर्देशानुसार पुलिस के उच्चाधिकारियों ने इसका व्यवस्थित ढंग से अंजाम दिया।

जवानों ने किया फायरिंग का मॉक प्रदर्शन

इस दौरान दंगाई बने पुलिस के जवानों ने अपनी मांगों को लेकर पहले तो नारेबाजी की। उसके बाद अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा उन्हें दी गई कि उक्त मांग का समाधान शासन स्तर ही किया जाना संभव है, इसलिए वे शांति का मार्ग अपनाएं। इसके बाद भी छद्म वेश में जवानों ने जब प्रशासनिक अधिकारियों की एक न सुनी और बलवाइयों ने चेतावनी को अनसुना कर पथराव व तोड़फोड शुरू कर दी, तो उच्चाधिकारी की अनुमति से उन पर क्रमशः अश्रुगैस के गोले, फिर लाठी चार्ज, तदुपरांत (मजिस्ट्रियल अनुमति से) रायफल पार्टी के जवानों ने फायरिंग का मॉक प्रदर्शन किया।

घायलों को एंबुलेंस से पहुंचाया अस्पताल

इसके बाद एम्बुलेंस में घायलों को ले जाया गया तथा शेष बचे दंगाइयों को वाहन में डालकर उन्हें जेल भेजा गया। उक्त कार्रवाई के दौरान आईपीसी की विभिन्न धाराओं एवं अधिनियमों की भी जानकारी अधीनस्थ अधिकारियों को दी गई।

इस सम्पूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रशासन के संबद्ध अधिकारी उपस्थित (Law and Order) थे, जिसमें एडिशनल एसपी निवेदिता पॉल, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी विभोर अग्रवाल, डीएसपी मनीष चंद्रा एवं रागिनी तिवारी, डिप्टी कलेक्टर अर्पिता पाठक, आरक्षी निरीक्षक के. देवराजू सहित राजस्व विभाग के अधिकारी तथा पुलिस विभाग के जवान शामिल थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button