छत्तीसगढ

Mahua Laddu : 9 क्विंटल महुआ के लड्डू बेचकर कमाएं 6 लाख

वनोपज से बनी स्वास्थ्यवर्धक मिठाईयां हो रही हैं लोकप्रिय

रायपुर, 20 सितंबर। त्योहारी सीजन नजदीक है। ऐसे में परिवार के सदस्यों को त्योहारों और खास मौकों पर उपहार देने के लिए वनोपज और उससे बनी मिठाइयां एक नए विकल्प के रूप में उभर रही हैं। कांकेर जिले की महिला स्व-सहायता समूह ने संजीवनी विक्रय केन्द्र के माध्यम से महुआ लड्डू के गिफ्ट पैक की बिक्री कर 6 लाख रूपये की आमदनी अर्जित की है।

महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, समूह के खाते में लाखों जमा

स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार किये गए महुआ लड्डू, शहद, चिरौंजी, महुआ सैनिटाइजर, सर्व ज्वर हर चूर्ण, इमली कैंडी जैसे स्वास्थ्यवर्धक सामग्री और मिठाई के गिफ्ट पैक को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। वनोपज और वनौषधियों से तैयार उत्पाद का उपयोग इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी किया जा रहा है। पिछले दीपावली में कांकेर जिले के ग्राम भानबेड़ा ‘दिशा महिला स्व-सहायता समूह’ की महिलाओं ने 9 क्विंटल महुआ लड्डू तैयार कर 6 लाख रूपये लाभ अर्जित किया है।

Mahua Laddu: Earn 6 lakhs by selling 9 quintals of Mahua Laddu

ऑनलाइन भी उपलब्ध

उल्लेखनीय है कि राज्य के विभिन्न जिलों के महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वनोपज और वनौषधियों से तैयार उत्पादों की महक देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच रही है। इन उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है। राज्य शासन द्वारा भी सभी वनोपजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। आदिवासी अंचल की महिलाओं को इन आर्थिक गतिविधियों में जहां रोजगार मिल रहा है वहीं यह उनकी समृद्धि का नया आधार बन रहा है।

ऐसे तैयार होता है महुआ का लड्‌डू

सबसे पहले महुआ को पानी में फुलाया जाता है। इसके बाद उसे सुखाकर घी में तला जाता है। तले महुआ में तीसी, ड्राई फूड, सौंप, ईलायची व गुड़ मिलाकर ओखली में कूटा जाता है। इसके बाद लड्डू बनाया जाता है। दुकानों में बढ़ती डिमांड को देखते हुए महिलाओं के ग्रुप ने काम का बंटवारा कर दिया है। कुछ महिलाएं लड्डू बनाती हैं तो कुछ मार्केटिंग का काम संभालती हैं।

महुआ के लड्डू एक प्रभावी पहल

आपको बता दें कि देशी शराब की लत छुड़ाने के लिए यह पहल कारगर साबित होगी. जब महुआ बाजार में उपलब्ध नहीं होगा तो गांव वाले शराब का सेवन कैसे करेंगे? महिलाएं महुआ से लड्डू बनाकर बाजार में बेच रही हैं। इससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगी और जीवनस्तर में सुधार होगा।

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