छत्तीसगढराज्य

Millet Processing : कांकेर के नथिया नवागांव में खुलेगा देश का सबसे बड़ा मिलेट प्रसंस्करण उद्योग

रायपुर, 7 अक्टूबर। Millet Processing : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल से छत्तीसगढ़ में देश का सबसे बड़ा मिलेट प्रसंस्करण उद्योग खुलने जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से मिलेट मिशन के तहत कांकेर जिले के ग्राम नाथियानवागांव में अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोदो-कुटकी-रागी की प्रसंस्करण तथा इससे संबंधित वेल्यू एडिशन उत्पाद इकाई स्थापित की गई है। जिसमें कोदो-कुटकी-रागी से चावल तथा इनकी दलिया, सूजी, आटा सेवई, पास्ता, सूप मिक्स, बिस्किट, कुकीज, लड्डू इत्यादि बनाया जाएगा।

अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित इस इकाई की वार्षिक प्रसंस्करण (Millet Processing) क्षमता 10 से 12 हजार टन है। उक्त प्रसंस्करण इकाई के लिए प्रतिदिन लगभग 35 से 40 टन कोदो-कुटकी-रागी की आवश्यकता होगी। इस इकाई के लिए रॉ मटेरियल छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके लिए छत्तीसगढ़ शासन तथा अवनी आयुर्वेदा के बीच एमओयू किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के मिलेट मिशन के अंतर्गत स्थापित इस इकाई को प्रोत्साहन हेतु सीएसआईडीसी द्वारा सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जायेगी।

इस इकाई की स्थापना के लिए आई.आई.एम.आर. हैदराबाद के साथ अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड एवं जिला प्रशासन उत्तर बस्तर कांकर के बीच तकनीकी जानकारी उच्च क्वालिटी के बीज, सीड बैंक की स्थापना और प्रशिक्षण के लिए एमओयू किया गया है। अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड के प्रसंस्करण इकाई से 100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा तथा छत्तीसगढ़ राज्य के हजारों किसान भी लाभान्वित होंगे, जो कोदो-कुटकी-रागी का उत्पादन करते हैं। किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिल पायेगा।

मिलेट्स की खेती के लिए किसान होंगे प्रोत्साहित 

मिलेट मिशन के तहत् छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समर्थन मूल्य एवं इनपुट सब्सिडी से किसान अधिकाधिक लाभान्वित हो रहे हैं तथा इस इकाई के स्थापना से किसान कोदा-कुटकी-रागी की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे तथा छत्तीसगढ़ मिलेट हब बनेगा। मिलेट्स जैसे कि कोदो-कुटकी-रागी उच्च पौष्टिक धान्य है। मिलेट्स ग्लूटेन मुक्त होते हैं तथा इनमें प्रोटीन, डायट्री फाइबर, विटामिन्स और मिनरलस् भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। मिलेट्स मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग व कई अन्य बीमारियों के लिए लाभकारी होता है तथा इनसे इम्युनिटी बढ़ती है।

छत्तीसगढ़ के 20 से अधिक जिलों में मिलेट्स का उत्पादन होता है और इस इकाई की स्थापना से महिला समूहों और युवाओं को रोजगार मिलेगा। छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट के उत्पाद, प्रसंस्करण एवं उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2021 से मिलेट मिशन प्रारंभ किया गया है। राज्य में परम्परागत रूप से कोदो, कुटकी एवं रागी की खेती की जाती रही है, परन्तु इसके उपार्जन एवं प्रसंस्करण हेतु कोई नीति अथवा कार्यक्रम नहीं होने के कारण कृषकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था।

राज्य शासन द्वारा वर्ष 2020-21 से कोदो, कुटकी एवं रागी का प्रथम बार समर्थन मूल्य निर्धारित करते हुए प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से क्रय की व्यवस्था की गई। कोदो एवं कुटकी हेतु रु. 30/- प्रति किलो एवं रागी के लिए रू. 33.77 प्रति किलो का समर्थन मूल्य (Millet Processing) निर्धारित किया गया।

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