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Mohan Bhagwat : संघ प्रमुख कश्मीरी हिंदुओं को बोले- अबकी बार कश्मीर में ऐसा बसना है कि दोबारा उजड़ना न पड़े

जम्मू। Mohan Bhagwat : संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि अब संकल्प पूर्ति का समय निकट है। अबकी बार ऐसा बसना है कि दोबारा उजड़ना न पड़े। सबके बीच मिल-जुलकर बसना है।

कश्मीरी हिंदुओं को मोहन भागवत ने सभी को नमस्कार करते हुए आनलाइन माध्यम से संबोधन शुरू किया। संजीवनी शारदा केंद्र के इस नवरेह उत्सव के समापन अवसर पर एकत्रित हुए सभी लोगों को मेरा नमस्कार और इस पर्व की डेर सारी शुभकामनाएं। आपके मध्य किसी उत्सव में मैं पहली बार नहीं आया हूं। 2011 में हेरत उत्सव में मैं दिल्ली के कार्यक्रम में उपस्थित हुआ था।

हमारा यह आज का नवरेह समारोह यह एक नए पर्व और वर्ष का प्रारंभ होगा और यह संकल्प का भी दिवस है। साथ-साथ आपने किया है। तीन दिन के इस कार्यक्रम में हम अपने पूर्वजों के व्यक्तित्व का स्मरण करते हैं, प्रेरणा लेते हैं, संकल्प लेते हैं और इसीलिए शौर्य दिवस को आपने इस महोत्सव को उचित नाम दिया है। अब हमें कुछ शौर्य पराक्रम करना पड़ेगा। परिस्थितियों सब प्रकार की जीवन में आती हैं और जाती भी हैं।

परिस्थितियों में हमारी कसौटी होती है। हमें (Mohan Bhagwat) अपने धैर्य साहस के माध्यम से ही उसी परिस्थिति को पार सकते हैं। हम आज ही अपने ही देश में अपने घर में विस्थापित होने का दंश झेल रहे हैं और यह परिस्थिति तीन-चार दशकों से लगातार चल रही है। परंतु इसके आखिरकार क्या उपाया है। पहला उपााय है हमनें इस परिस्थिति को पार करके विजय पाने का संकल्प लेना है। जैसे कल आपने संकल्प लिया अगले वर्ष अपने घर में अपने प्रदेश में नवरेह मनाएंगे।यही सबसे बड़ी बात है।

इजरायल के लोग भी बिखर गए थे। उन्होंने भी अपने त्यौहार में संकल्प और इस संकल्प को 1800 वर्ष जागृत रखा और फिर संकल्प के आधार पर एक स्वतंत्र इजरायल को स्थापित किया और पिछले 30 वर्षों में इजरायल सब बाधाओं को पार करके दुनिया में एक अग्रणी राष्ट्र बना है।

हम तो विस्थापित होकर दुनिया भर में बिखरे तो हैं परंतु हमारे पास एक भूमि ओर है और हमारा कश्मीर जो भारत वर्ष का अंग है अपने पास है। पूरा भारत वर्ष हमारे साथ है। एक चित्रपट आया ‘द कश्मीर फाइल्स’। भारतवर्ष का जनमानस यह कह रहा है कि यह चित्रपट सही है। मोहन भागवत ने कहा कि विस्थापन की विभीषिका का सत्य सामने लाने वाले इस चित्र की चर्चा चल रही है। लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया कर रहे हैं पर आम जनमानस यह कह रहा है कि इस चित्र ने उस विदारक सत्य को सामने लाकर हमें जगाया है।

उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी बसने को हिंदू सक्षम हैं मगर कश्मीरी हिंदू अपनी भूमि पर बसना चाहते हैं। कश्मीरी पंडितों पर जो गुजरा है उसकी सत्यता ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म ने सामने लाई। कश्मीरी पंडितों का घर वापसी का सकंल्प अगले नवरेह पर जरूर होगा पूरा। 370 के हटने के बाद घाटी वापसी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने राजा ललितादित्य के इतिहास पर खुलकर चर्चा की।

संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि इस प्रकार की भावनाएं आज सारे भारत में है। जब ऐसा है तो अगले वर्ष हम अपनी भूमि पर रहेंगे और इस संकल्प की पूर्ति के लिए अब बहुत दिन बाकी नहीं और शीघ्र यह संकल्प पूरा होने वाला है। संकल्प को पूरा करने तक सतत प्रयत्न करना पड़ता है।

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