छत्तीसगढराज्य

Narva Vikas Yojana Review : वैज्ञानिक पद्धति से किया जाए नरवा का विकास

रायपुर, 24 जून। Narva Vikas Yojana Review : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नरवा विकास योजना के अंतर्गत नालों में जल संरक्षण एवं संवर्धन के किए जा रहे कार्यों को वैज्ञानिक पद्धति से किया जाए। नरवा विकास के कार्यों के फलस्वरुप जल स्तर में होने वाले सुधार का आंकलन भी वैज्ञानिक पद्धति से रिमोट सेंसिंग सैटलाइट के जरिए किया जाए। प्रदेश में जिन नालों का उपचार किया गया है, उन्हें दर्शाने वाले नक्शा भी तैयार किया जाना चाहिए।

बांधों और भू-जल संरचनाओं में अनिवार्य रूप से हो डिसिल्टिंग

मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में नरवा विकास योजना के अंतर्गत वन क्षेत्रों में कैंपा मद से विभिन्न नालों के उपचार के किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का सैटेलाइट नक्शा उपलब्ध है, इसमें जहां-जहां फ्रैक्चर है, वहां पर भू जल संवर्धन संरचनाएं तैयार की जानी चाहिए, जिससे जल का भूमि में अच्छे ढंग से रिसाव हो सकेगा। उन्होंने नरवा उपचार के कार्यों से मिट्टी के क्षरण में आ रही कमी का आंकलन करने के भी निर्देश दिए।

वन्य प्राणियों के संरक्षण और वनों के विकास को मिला बढ़ावा 

बैठक में समीक्षा (Narva Vikas Yojana Review) करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी से गांव-गांव में रोजगार सहित आर्थिक गतिविधियों को अच्छी गति मिली है। इनमें खासकर जल संचयन तथा जैव और पर्यावरण सुधार में नरवा विकास योजना एक कारगर माध्यम साबित हो रहा है।

राज्य में नरवा विकास के चलते नाला के आसपास के इलाको में भूजल स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हो रही है। इसके तहत मैदानी क्षेत्रों से भी अधिक वनांचल में नरवा विकास योजना से भू-जल स्तर में 20 से 30 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। इससे वनांचल में वन्य प्राणियों के रहवास में सुधार सहित निस्तारी तथा सिंचाई आदि सुविधाओं का भी लोगों को भरपूर लाभ मिलने लगा है। 

CM ने कहा कि नरवा विकास के कार्यों से वन क्षेत्रों में भूमिगत जल के स्तर में 20 से 30 सेंटीमीटर और मैदानी क्षेत्रों में 7 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। उन्होंने नालों में भू जल संवर्धन संरचनाओं के निर्माण के दौरान वहां की भूमि की किस्म का विशेष रूप से ध्यान रखने के भी निर्देश दिए। बघेल ने कहा कि रेतीली जगहों में डाइक वाल काफी उपयोगी हो सकती है। उन्होंने भेंट मुलाकात अभियान के दौरान सूरजपुर जिले के भ्रमण का उल्लेख करते हुए कहा कि सूरजपुर में भूमिगत जल का स्तर काफी नीचे है वहां नरवा विकास के कार्य करने की जरूरत है।

नरवा विकास कार्यो में स्थानीय ग्रामीणों का हो जुड़ाव

CM क्षेत्रों में नरवा विकास के कार्यों का उल्लेख करते हुए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम से जोड़कर उन्हें इन कार्यों की उपयोगिता की जानकारी दी जाए। हर 2 वर्ष में भू-जल संवर्धन स्ट्रक्चर, स्टॉप डेम, चेक डैम बांधों में डिसिल्टिंग का कार्य कराया जाए, इससे पानी का भराव अच्छा होगा और उनकी सिंचाई क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत भी नालों के ट्रीटमेंट का कार्य कराने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी जल ग्रहण क्षेत्र विकास मिशन के तहत पूर्व में कराए गए भू जल संवर्धन और संरक्षण के कार्यों में यदि मरम्मत और जीर्णाेद्धार के कार्य कराने की जरूरत है, तो उन्हें भी प्राथमिकता के तौर पर किया जाना चाहिए इससे कम लागत में भू जल संवर्धन का काम हो सकेगा। इसी तरह जल संसाधन विभाग के बांधों में डिसिल्टिंग और छोटे बांधों के रख-रखाव पर ध्यान दिया जाए।

अब तक 2800 नालों के उपचार का कार्य पूर्ण 

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य में लगभग 30 हजार बरसाती नालों को चिन्हांकित किया गया है, जिसमें से 8000 नाले राज्य के वन क्षेत्रों में स्थित हैं। वन क्षेत्रों में स्थित 6 हजार 395 नालों का उपचार 01 हजार 290 करोड़ रूपए की लागत राशि से कराया जा रहा है, जिसमें से अब तक लगभग 2 हजार 800 नालों का उपचार पूरा हो चुका है। 

इस अवसर (Narva Vikas Yojana Review) पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष देवेन्द्र बहादुर सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, आयुक्त मनरेगा मोहम्मद अब्दुल केसर हक, नोडल अधिकारी नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी डॉ. अय्याज फकीर भाई तम्बोली, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा व्ही.श्रीनिवास राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरूण पाण्डेय, अपर प्रबंध संचालक व्ही. आनंद बाबू सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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