छत्तीसगढराज्य

Naxali Bhent Mulakat : हिंसक हाथों ने तोड़ दी थी स्कूल, अब गढ़ने में किया मदद

रायपुर, 23 मई। Naxali Bhent Mulakat : जिन हिंसक हाथों ने कभी स्कूल भवन तोड़ दिए थे, आज वही हाथ बच्चों का भविष्य संवारने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज दंतेवाड़ा जिले के बारसूर में भेंट-मुलाकात के दौरान आत्मसमर्पित नक्सली अनिल कुंजाम ने मुलाकात की।

उन्होंने बताया कि भांसी-मासापारा में वर्ष 2015 में नक्सलियों द्वारा यह स्कूल ध्वस्त (Naxali Bhent Mulakat) कर दिया गया था। शासन की पहल से अब यहां नया स्कूल भवन बन चुका है और उसे बनाने में हम सब ने सहयोग किया है। अनिल कुंजाम ने बताया कि अब वह काम करना चाहता है और बच्चों को शिक्षित करना चाहता है ताकि अज्ञानता की वजह से कोई हिंसा के रास्ता न अपनाएं।

नक्सलियों ने 2015 में स्कूल को किया था ध्वस्त

गौरतलब है कि नक्सलियों ने सात साल पूर्व 2015 में मासापारा स्कूल को ध्वस्त कर दिया था, जिससे बच्चों के शिक्षा का ठौर छिन गया था। छत्तीसगढ़ शासन की विशेष पहल पर फिर से नए स्कूल भवन का निर्माण हुआ और अब वहां बच्चेे शिक्षा प्राप्त कर रहे है।

लोन वर्राटू योजना में छोड़ दिया हिंसा

यहां यह उल्लेखनीय है कि लोन वर्राटू योजना के तहत हिंसा के रास्ते को छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हुए नक्सली शंकर कुंजाम और अनिल कुंजाम को शासन की पुनर्वास योजना का लाभ, रोजगार के साथ ही अन्य सुविधाएं भी मिली है। तब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि उनके द्वारा स्कूल तोड़ने से गांव के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

स्कूल गढ़ने में किया मदद

जिला प्रशासन द्वारा जब स्कूल का पुनः निर्माण प्रारंभ करवाया तो आत्मसमर्पित नक्सली अनिल कुंजाम और शंकर कुंजाम ने मासापुर के स्कूल के निर्माण में बढ़-चढ़कर सहयोग किया। मासापारा स्कूल के नए भवन में लगभग सात साल बाद बच्चों के ककहरा पढ़ने की फिर से गूंज सुनायी देने लगी है। पालकों के मन में अपने बच्चों के भविष्य को लेकर नई उम्मीद जगी है।

छत्तीसगढ़ सरकार (Naxali Bhent Mulakat) द्वारा नक्सल प्रभावित अंदरुनी इलाकों में नक्सल गतिविधियों के चलते बंद स्कूलों को फिर से शुरू करने का विशेष प्रयास बीते तीन सालों से किया जा रहा है, जिसका सुखद परिणाम यह है कि बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा जिले में बंद स्कूल फिर से संचालित होने लगे है। स्कूल निर्माण से लेकर वहां के अध्यापन व्यवस्था में स्थानीय युवा अपनी भागीदारी निभाने लगे है।

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