छत्तीसगढ

महिलाएं अब मजबूर नही मजबूत बने: डॉ किरणमयी नायक

राजनांदगांव, 29 नवम्बर। मानव तस्करी के मामले में राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में दर्ज अपराध और विवेचना के मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने प्रकरण में स्वतः संज्ञान लिया।
आज राजनांदगांव पहुंची जहां राजनांदगांव की महापौर हेमा देशमुख जी से मिले पत्र, और पुलिस प्रशासन से ली गई सूचना और जानकारियों, तथा अब तक की गयी विवेचना के पश्चात माननीय डीजीपी श्री अवस्थी जी से बात किया गया ।
पीड़ित महिला के पति द्वारा दर्ज की गयी शिकायत पर पुलिस ने अब तक लगभग 5 से 6 लोगों की गिरफ्तारी की है ।
लेकिन यह मामला केवल एक महिला की तस्करी का मान कर विवेचना करना पर्याप्त नहीं है ।
अब तक गुम हर महिला के मामले में इन जैसे व्यक्तियों की संलिप्तता की कड़ियों को भी विवेचना में लेना अति आवश्यक है। जिस तरह रायपुर में ड्रग्स पैडलिंग के मामले में लगातार की जा रही विवेचना से कई अपराधियों के तार जुड़े मिले हैं, उसी तर्ज पर इस मानव तस्करी मामले में भी जांच किया जाना अति आवश्यक है। इस मामले में बीजेपी की महिला नेत्री के पति का संबंध बीजेपी के पूर्व मंत्री से होने का संकेत मिला है। इसकी भी जांच होना आवश्यक है । क्या कारण है कि बीजेपी के नेताओं ने ऐसे गंभीर मामले में अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है?
पूर्व मुख्यमंत्री जिनकी विधानसभा क्षेत्र से जुड़े इस क्षेत्र की घटना के तार जुड़े हैं उनके द्वारा भी अब तक कोई गंभीर बयान नहीं देना काफी असंवेदनशील मालूम होता है ।
इस संबंध में विस्तृत पत्रकार वार्ता ली गई, वार्ता के दौरान ही डीजीपी श्री अवस्थी के द्वारा एक विशेष टीम का गठन करने के निर्देश आईजी दुर्ग रेंज विवेकानंद जी को दिए गए। जिसके तहत पूरे प्रकरण के अन्य पहलुओं के सूक्ष्म विवेचना हेतु श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग के नेतृत्व में 7 सदस्यों की टीम का गठन किया गया है यह आदेश आयोग को उपलब्ध कराते हुए पुलिस द्वारा सूचना दी गई।
अब इस सम्पूर्ण मामले की में कई जा रही जांच की दिन प्रतिदिन की रिपोर्ट आई जी दुर्ग को देना अनिवार्य है,तथा इसका साप्ताहिक प्रतिवेदन महिला आयोग को भेजने हेतु निर्देशित किया गया है।

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