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Om Puri Birthday: एक्टिंग के लिए ओमपुरी ने छोड़ दी थी असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी, फिर इस तरह पूरी दुनिया में हुए मशहूर

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। अभिनेता ओमपुरी हिंदी सिनेमा के उन कलाकारों में से एक रहे थे जिन्होंने अपने शानदार अभिनय से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में खूब नाम कमाया। ओमपुरी ने अपने अलग-अलग किरदारों से पर्दे पर अमिट छाप छोड़ी। उनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई पटियाला से की थी। फिल्मों में आने से पहले ओमपुरी सरकारी विभाग में कलर्क थे।

ओमपुरी ने अभिनय की दुनिया में कदम रखने के लिए कॉलेज के असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी को छोड़ दिया था। दरअसल उन्हें स्कूल के समय से ही अभिनय करना पसंद था। वह अपने स्कूल फंक्शन में हिस्सा लिया करते थे। इसके बाद ओमपुरी अपने कॉलेज के थिएटर से जुड़ गए। इस दौरान उन्होंने कॉलेज के लिए कई थिएटर किए थे। ओमपुरी जिस कॉलेज में पढ़ते थे उसी में असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी करते थे।

एक बार उन्होंने कॉलेज में थिएटर किया। उनके थिएटर को देखने पंजाब के मशहूर थिएटर कलाकार हरपाल टिवाना पहुंचे। ओमपुरी के अभिनय को देखने के बाद हरपाल टिवाना ने उन्हें अपने थिएटर ग्रुप से जुड़ने की पेशकश की। हरपाल टिवाना ने उनसे कहा कि रोज शाम को वह उनका थिएटर ग्रुप ज्वॉइन कर सकते हैं, लेकिन ओमपुरी ने कहा कि शाम को वह कॉलेज जाते हैं इसलिए ज्वॉइन करना मुश्किल होगा।

ओमपुरी की बात सुनकर हरपाल टिवाना ने कहा कि तो वह दिन में उनका थिएटर ज्वॉइन कर सकते हैं। इस पर ओमपुरी कहते हैं कि वह दिन में असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी करते हैं। इस पर हरपाल टिवाना उनसे पूछते हैं कि इस नौकरी में उन्हें कितने रुपये मिलते तो ओमपुरी कहते हैं कि 125 रुपये प्रति माह। यह सुनने के बाद हरपाल टिवाना उन्हें 150 रुपये प्रति माह वेतन देने की पेशकश करते हैं। जिसके बाद ओमपुरी कॉलेज के असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी छोड़ हरपाल टिवाना के थिएटर ग्रुप से जुड़ जाते हैं।

इसके बाद धीरे-धीरे ओमपुरी को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के बारे में पता चला। उन्होंने एनएसडी से अभिनय की पढ़ाई की। इसके बाद ओम पुरी ने पुणे फिल्म संस्थान से अपनी पढ़ाई खत्म की और लगभग डेढ़ वर्ष तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा दी। बाद में ओम पुरी ने निजी थिएटर ग्रुप ‘मजमा’ की स्थापना की। ओम पुरी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से की थी। फिल्म ‘आक्रोश’ ओम पुरी के लिए एक वरदान बनकर आई। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए ओम पुरी बेहतरीन सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए। उसके बाद ओम ने कई सफल फिल्मों में काम किया, साथ ही छोटे पर्दे पर भी अपना जलवा बिखेरा।

ओम पुरी को फिल्म ‘आरोहण’ और ‘अर्ध सत्य’ के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड भी मिला और एक इंटरव्यू के दौरान ओम पुरी ने कहा, ‘अमिताभ बच्चन महान एक्टर हैं और मैं उनका शुक्रगुजार हूं क्योंकि उन्होंने ‘अर्ध सत्य’ फिल्म करने से इंकार कर दिया था। उन्होंने समानांतर सिनेमा में काम करने के साथ ही कई व्यावसायिक फिल्मों में भी काम किया, जिसमें मिर्च मसाला, जाने भी दो यारों, चाची 420, हेराफेरी, मालामाल वीकली आदि शामिल हैं।

इतना ही नहीं उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में भी काम किया और उन्होंने ऑस्कर विनिंग फिल्म गांधी में छोटा सा किरदार निभाया था। ओमपुरी ने हॉलीवुड की ‘ईस्ट इज ईस्ट’, ‘सिटी ऑफ जॉय’, ‘वुल्फ’ जैसे फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में उन्होंने लीड रोड प्ले किए थे। ओम पुरी ने पहली शादी सीमा से की, जिनसे उनका रिश्ता ज्यादा दिन नहीं रहा।. 1983 में नंदिता पुरी से दूसरी शादी की और 2016 में दोनों अलग-अलग हो गए, दोनों का एक बेटा ईशान है।

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