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Raipur Municipal Corporation : नेता प्रतिपक्ष विवाद के बीच सामान्य सभा में शहर विकास को मिली प्राथमिकता…Mayor ने किया नेता प्रतिपक्ष का स्वागत

रायपुर, 29 अक्टूबर। Raipur Municipal Corporation : रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा बुधवार को हुई और यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। सबसे बड़ा विवाद नेता प्रतिपक्ष बदलने को लेकर हुआ। पूर्व नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ने आरोप लगाया कि उन्हें एक दिन पहले ही पद से हटा दिया गया और यह साजिश के तहत किया गया ताकि वे अपने सवालों को उठाने से पहले हटाए जा सकें। उन्होंने सभापति सूर्यकांत राठौर पर दबाव में काम करने का आरोप भी लगाया और सभा से वॉकआउट कर लिया।

नए नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी को कांग्रेस कमेटी की सिफारिश पर नियुक्त किया गया। सभापति ने कहा कि दिवाली से पहले किसी को दुखी नहीं करना चाहते थे, इसलिए आकाश का नाम स्वीकार किया गया। महापौर मीनल चौबे ने नेता प्रतिपक्ष चुनने में संगठन की लापरवाही की ओर इशारा किया।

नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी का सामान्य सभा में स्वागत

आज रायपुर नगर पालिक निगम की सामान्य सभा नगर निगम मुख्यालय, महात्मा गांधी सदन के चतुर्थ तल पर सभापति सूर्यकांत राठौड़ की अध्यक्षता में हुई। बैठक में महापौर मीनल चौबे और नगर निगम सचिव संगीता साहू ने नए नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी का बुके देकर आत्मीय स्वागत किया।

बैठक में चर्चा किए गए मुख्य मुद्दे

  1. GST आभार प्रस्ताव पर विरोध: आकाश तिवारी ने इसे ‘निंदा प्रस्ताव’ बताया और कहा कि GST छोटे व्यापारियों पर भारी प्रभाव डाल रहा है। यह दिखाता है कि पार्षद वित्तीय नीतियों के प्रभाव और जनता की समस्याओं को गंभीरता से उठा रहे हैं।
  2. अधोसंरचना और सिटी डेवलपमेंट: बैठक में शहर के सड़क चौड़ीकरण और विकास योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। तात्यापारा से शारदा चौक तक सड़क चौड़ीकरण प्रमुख मुद्दा रहा।
  3. स्काई वॉक परियोजना पर सवाल: नेता प्रतिपक्ष ने इसे बेफिजूल खर्च बताया और सुझाव दिया कि इसकी बजाय सड़क चौड़ीकरण और नागरिक सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए।
  4. सार्वजनिक सुरक्षा और ट्रैफिक मुद्दे: भाजपा पार्षद ने खमारडीह चौक से शराब दुकान हटाने की मांग उठाई, जिससे ट्रैफिक प्रबंधन और जनता की सुविधा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता सामने आई।

14 एजेंडों पर व्यापक चर्चा का विश्लेषण

  • अधिकांश एजेंडे नगर विकास, सड़क, यातायात और नागरिक सुविधाओं से जुड़े थे।
  • नेता प्रतिपक्ष और पार्षदों ने इन एजेंडों पर कड़ी निगरानी और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • एजेंडों पर बहुमत से पारित होने का अर्थ है कि शहर की विकास योजनाओं को जल्द लागू करने का मार्ग साफ है, लेकिन इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि पार्षद विवादास्पद मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते हैं।

यह बैठक दिखाती है कि नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) में नेता प्रतिपक्ष परिवर्तन और एजेंडों की प्राथमिकता दोनों ही राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर तनाव पैदा कर सकते हैं। वहीं, शहर के विकास और नागरिक सुविधाओं से जुड़े मुद्दों पर पार्षद सक्रिय हैं। यह बैठक प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच संतुलन बनाए रखने का एक परीक्षण भी साबित हुई।

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