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RERA Promoters-Builder Workshop : रियल एस्टेट के कामकाज में आई पारदर्शिता

रायपुर, 24 अप्रैल। RERA Promoters-Builder Workshop : छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के साथ बिलासपुर जिला कार्यालय में प्रवर्तकों और बिल्डरों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान रेरा के अध्यक्ष विवेक ढांड ने कहा कि, रेरा के गठन से रियल एस्टेट के कामकाज में पारदर्शिता आई है।

उन्होंने आगे कहा, रियल इस्टेट सेक्टर को व्यवस्थित करने करने के लिए रेरा का गठन किया गया है। प्रोमोटर्स-बिल्डर्स के काम में दिक्कत पैदा करना कतई इसका उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा, रेरा के अस्तित्व में आने से रियल इस्टेट के कारोबार में पारदर्शिता आई है। इससे प्रोमोटर्स-बिल्डर्स एवं उपभोक्ता दोनों को फायदा हुआ है।

कार्यशाला (RERA Promoters-Builder Workshop) में बिलासपुर और सरगुजा संभाग के जिलों से आए प्रमोटर्स, आर्किटेक्ट एवं इंजीनियर सैकड़ों की संख्या में शामिल हुए। कार्यशाला में रियल इस्टेट से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर समाधान निकाला गया। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डायरेक्टर जयप्रकाश मौर्य एवं कलेक्टर सारांश मित्तर भी बैठक में उपस्थित थे।

RERA देता है GDP में 6% हिस्सा

रेरा अध्यक्ष विवेक ढांड ने अपने उदबोधन में कहा कि रियल इस्टेट सेक्टर का देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान है। जीडीपी में 6 फीसदी हिस्सेदारी इस सेक्टर की है। देश में 4 करोड़ से ज्यादा लोगों के रोजगार का यह जरिया बना है। उन्होंने बताया कि 250 प्रकार के उद्योगों द्वारा उत्पादित सामग्री का उपयोग इस सेक्टर में होता है। रेरा गठन के पूर्व इस सेक्टर में काफी मनमानी थी। उपभोक्ताओं का शोषण होता था। कोई सुनवाई के तंत्र नहीं था। इन तकलीफों को दूर करने के लिए वर्ष 2018 से राज्य में रेरा काम कर रहा है। प्रमोटर्स-बिल्डर्स को अपनी घोषणा के अनुरूप सुविधा उपभोक्ता को देनी होगी। समय पर प्लाट एवं भवन देना होगा अन्यथा कार्रवाई एवं जुर्माना भरना पड़ेगा।

उन्होंने सभी बिल्डर्स को अपनी एकाउंट को हर तीन महीने में अपडेट करने को कहा ताकि रेरा की निगरानी बनी रहे। ग्राहकों को शोषण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण काम है। रेरा बिल्डर्स के लेखा देखने वालों को प्रशिक्षण भी देने को तैयार है। ढांड ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा रियल इस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम किया जा रहा है। गत तीन-चार वर्ष से कलेक्टर गाइडलाईन की राशि नहीं बढ़ाई गई। यही नहीं बल्कि 30 फीसदी रियायत पर पंजीयन की अनुमति दी गई है।

प्रमोटर्स-बिल्डर्स ने गिनाई कई दिक्कतें

प्रमोटर्स-बिल्डर्स (RERA Promoters-Builder Workshop) ने अपने अनुभव के आधार पर कई दिक्कतें गिनाई, जिनका अधिकारियों ने समाधान किया। क्रेडाई छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष मृणाल गोलछा, क्रेडाई बिलासपुर अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव एवं विचार रखे। इस अवसर पर रेरा के अडजुडिकेटिंग अफसर दीपा कटारे और रजिस्ट्रार डॉ. अनुप्रिया मिश्रा सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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